जयपुर: महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एमजीएमसीएच), जयपुर ने 17 से 23 सितंबर तक ‘राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह’ का आयोजन किया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मरीजों, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के बीच दवाओं की सुरक्षा और उनके दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाना था।
इस सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें स्नातक वॉकेथॉन, क्विज प्रतियोगिता, और रंगोली प्रतियोगिता प्रमुख रहीं। इन गतिविधियों का उद्देश्य दवाओं के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और दवाओं से होने वाले दुष्प्रभावों की रिपोर्टिंग प्रणाली के महत्व पर जोर देना था।
आयोजन के संरक्षक थे- डॉ. अनुषा वोहरा, प्रोफेसर और एचओडी, डॉ. पुष्कर मानी, सहायक प्रोफेसर, डॉ. शिप्रा जैन, प्रोफेसर।
इस आयोजन में फार्माकोविजिलेंस के महत्व को रेखांकित किया गया। मेडिकल छात्रों के लिए यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि इससे उन्हें अपने भविष्य के चिकित्सीय अभ्यास में दवाओं से जुड़े दुष्प्रभावों की पहचान करने और उनकी रिपोर्टिंग की प्रक्रिया के बारे में ज्ञान मिला।
आयोजन के दौरान डॉक्टरों के लिए यह भी बताया गया कि मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। दवाओं के उपयोग से यदि किसी मरीज को नुकसान होने की संभावना हो, तो उसकी सही समय पर रिपोर्टिंग करके मरीजों की भलाई सुनिश्चित की जा सकती है।
इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट किया कि फार्माकोविजिलेंस चिकित्सा क्षेत्र में बेहद जरूरी है, ताकि दवाओं के दुष्प्रभावों को समय पर पहचाना और नियंत्रित किया जा सके।