देश की वन संपदा की हिफाजत में अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले वनकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 11 सितंबर को National Forest Martyrs Day यानि राष्ट्रीय वन शहीद दिवस मनाया जाता है। इस आर्टिकल केमाध्यम से इस दिन से जुड़ी कुछ खास बातें जानिए।
National Forest Martyrs Day यानि राष्ट्रीय वन शहीद दिवस, वन विभाग के उन तमाम कर्मचारियों और अधिकारियों के बलिदान को सम्मान देने के देने के लिए मनाया जाता है जो देश के जंगलों और जंगली जानवरों की हिफाजत के लिए देश के विभिन्न भागों में तैनात हैं।
भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा इस विषय के लिए य़े एक दिन चुना गया है। इस विषय के लिए 11 सिंतबर की तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि साल 1730 में इसी दिन अमृता देवी के नेतृत्व में बिश्नोई जनजातीय समुदाय के 360 लोग, जो पेड़ों के काटने का विरोध कर रहे थे, उन्हें राजस्थान के खेजार्ली में राजा के आदेश से मार डाला था, इतिहास की इसी घटना को याद करते हुए वन संरक्षण के लिए अपने जीवन को दाव पर लगाने वालों के सम्मान के लिए इस तारीख को चुना गया है।
जंगल जीवन के संतुलन को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, कैसे ??? ये भी एक बड़ा विषय है जिस पर विस्तार से समझने की जरूरत है ताकि प्रत्येक को जंगल और वन्यजीवों का महत्व मालूम रहे। ऐसे में वे लोग वाकई सम्मान के हकदार हैं जंगलों में दूरदराज के इलाकों में रहकर देश की सेवा कर रहे हैं, इसलिए क्योंकि वो ऐसे क्षेत्रों में वन्य हिफाजत के लिए अपना जीवन दे रहे हैं जहां उन्हें कोई पहचानता नहीं है, वो किसी भी तरह के संकट, बमारी, अपराध, और अकेलेपन से खुद ही जूझते हैं, और जीवन बिताते हैं।
ये आर्टिकल पढ़ते वक्त शायद इस विषय को कम समझने वालों को लगे कि ऐसे लगों को सम्मान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक दिन क्यों, तो आपके लिए जानना जरूरी है कि वन्य सरंक्षण में जीवन समर्पति करने वाले ये जांबाज भी रह रोज मौत से मानता करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक रोजाना इंसाजन और जानवर के टकवार में एक जिंदगी खामोश हो जाती है। खनन और तस्करी करने वालों से भिड़ंत में भी इन्हें अपनी जिंदगी गंवानी पड़ती है।ऐसे में इनकी भूमिका किसी सैनिक से कम नहीं। सुंदरवन से लेकर रेगिस्तान, कोनिफर्स के जंगल से लेकर हिमालय तक, जंगल और जंगली जानवरों की सुरक्षा में तैनात ये वनकर्मी सचमुच सम्मान के अधिकारी हैं। वन और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए अपना जीवन लगाने वालों को नेशनल खबर सलाम करता है