मुंबई हमले का सरगना (Mumbai terror attack) और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी (Zaki ur Rehman Lakhvi) को पाकिस्तान (Pakistan) में आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के आरोपों में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
लाहौर पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक लखवी मुंबई हमला मामले में 2015 से ही जमानत पर था। मुंबई के 26/11 हमले के मास्टरमाइंड आतंकी जकी उर रहमान लखवी ने ही इस हमले में जिंदा पकड़ा गया आतंकी अजमल कसाब को ट्रेनिंग दी थी। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में चार दिनों तक 12 जगहों पर मौत का तांडव करने वाले आतंकियों का लीडर लखवी ही था। उसी से पूरी योजना तैयार की थी। मुबंई में हुए इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
चलिए आपको बताते हैं कितना खतरनाक और खूंखार है यह आतंकवादी
यह हार्ड कोर आतंकी अक्सर भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का साजिश रचता रहता है और यह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक अहम सदस्य है। इसका असली नाम तो जकीउर रहमान लखवी है लेकिन इसे चाचू नाम से भी जाना जाता है।
इस दुर्दांत आतंकी का जन्म साल 1960 को ओकरा, पंजाब (पाकिस्तान) में हुआ। लश्कर-ए-तैयबा और अल-ए-हदीत का सक्रिय सदस्य लखवी भारत के खिलाफ साजिश रचने वाला सबसे बड़ा पाकिस्तानी आतंकी है। उस पर सिर्फ 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड होने का ही आरोप नहीं है बल्कि वह अक्सर भारत विरोधी गतिविधियों का संचालन करता है तथा कश्मीर में आतंकवाद को बढावा देना उसका मुख्य काम है। इस आतंकी के संगठन लश्कर-ए-तैयबा को संयुक्त राष्ट्र ने मई 2008 में प्रतिबंधित कर दिया था और पाकिस्तान सरकार ने कई बार दबाव में आने के बाद उसे 7 दिसंबर 2008 को पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग कैंप से गिरफ्तार तो किया लेकिन भारत को सौंपने से इंकार कर दिया।
लखवी को पाकिस्तान सरकार देती थी डेढ़ लाख रुपये महीने का खर्च
इसकी पाकिस्तान में कितनी चलती है कि इसका अंदाजा सिर्फ आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसको आर्थिक न्याय दिलाने के लिए पाकिस्तान की इमरान खान की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र संघ तक में अपील कर डाली थी। दरअसल प्रतिबंध के बाद लखवी को भरण पोषण के लिए रुपए चाहिए थे और इमरान सरकार रुपए दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ में अपील की थी। संयुक्त राष्ट्र संघ से मंजूरी दिए जाने के बाद लखवी को पाकिस्तान सरकार हर महीने डेढ़ लाख रुपये देने लगी। लखवी को हर महीने खाने के लिए 50 हजार रुपये, दवा के लिए 45 हजार, खर्च के लिए 20 हजार, वकील की फीस के लिए 20 हजार और यात्रा के लिए 15 हजर रुपये दिए गए ।
2015 में रिहा हो गया था लखवी
जेल में कैद जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान सरकार ने अप्रैल 2015 मे रिहा कर दिया था। तब पाकिस्तान ने दलील दी थी कि लखवी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। बताया जाता है कि रावलपिंडी के अडियाला जेल से रिहा होने के बाद लखवी काफी समय तक अंडरग्राउंड हो गया था। लेकिन, उसने अपने आतंकी संगठन का नेतृत्व करना जारी रखा। बताया जाता है कि जकीउर रहमान लखवी का अंतरराष्ट्रीय आतंकी और जमात उल दावा का चीफ हाफिज सईद से करीबी संबंध हैं। माना जाता है कि संगठन में भी उसकी हैसियत नंबर दो की है। मुंबई हमले को लेकर पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब, डेविड हेडली और अबू जुंदाल ने भी अपनी पूछताछ में जकीउर रहमान लखवी का नाम लिया था। खुफिया एजेंसियों ने भी बताया था कि यह आतंकी हमले के दौरान आतंकियों के साथ संपर्क में था।
पाकिस्तान के गुप्तचर संगठन में लखवी की अच्छी पैठ
पहली बार साल 1999 में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकीउर रहमान लखवी तब चर्चा में आया था। जब उसने भारत के खिलाफ हुए एक धार्मिक सम्मेलन में खूब जहर उगला था। बाद में कई आतंकी घटनाओं में शामिल होने के बाद लखवी का कद बढ़ता चला गया। कहा जाता है कि 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेन्स में हुए विस्फोट के पीछे भी उसी का हाथ था। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के मास्टरमांइड लखवी ही था और इस हमले में पकड़े गए इकलौते जिंदा आतंकी अजमल कसाब समेत सभी आतंकियों को इसी ने ट्रेनिंग दी थी। इसी की योजना थी कि कसाब के परिवार को आर्थिक मदद के तौर पर डेढ़़ लाख रूपए लश्कर की तरफ से दिए गए दिए थे। कहा तो यह भी जाता है कि पाकिस्तान की गुप्तचर संगठन आईएसआई में लखवी के गहरे पैठ हैं और इसी के चलते इमरान सरकार ने 10 अप्रैल 2015 को इसे जेल से रिहा कर दिया ।
पाकिस्तान की नई चाल?
शनिवार को जब एक बार फिर से पाकिस्तान सरकार ने इस आतंकी को धर दबोचा तो कहा गया कि लखवी को आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग के आरोप में पकड़ा गया है लेकिन कूटनीति विशेषज्ञ मानते हैं कि यह लखवी को बचाने के लिए आईएसआई निर्देशित पाकिस्तान सरकार की एक नई चाल हो सकती है क्योंकि पाकिस्तान सरकार या कोई अन्य जांच एजेंसी अभी यह बता नहीं रही है कि गिरफ्तारी कहां से हुई और लखवी को कहां रखा गया। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि आतंकवाद निरोधक विभाग पंजाब ने खुफिया सूचना पर आधारित एक अभियान के बाद प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी जकीउर रहमान लखवी को आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने के आरोपों में गिरफ्तार किया । वैसे यह भी कहा जा रहा है कि कार्रवाई के पीछे एफएटीएफ का दबाव तो नहीं, इस गिरफ्तारी के पीछे आतंकी फंडिंग के खिलाफ काम करने वाले वैश्विक संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) दबाव भी माना जा रहा है।
बता दें कि एफएटीएफ ने टेरर फंडिंग के खिलाफ पाक की कार्रवाई को नाकाफी माना है और उसे ग्रे लिस्ट (संदिग्ध सूची) में बनाए रखा है जबकि पाकिस्तान अगर आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो उसे काली सूची में डाला जा सकता है और.इसके तहत उसे कई तरह के वित्तीय प्रतिबंध झेलने पड़ेंगे। लेकिन फिर से यह संभव है कि पाकिस्तान सरकार लखवी को न्याय दिलानेेे के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के दरवाजे पर न्याय की भीख मांगे।