राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर (Jodhpur) में पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा (Former Minister Mahipal Maderna) का रविवार सुबह निधन हो गया. 69 वर्षीय मदेरणा कैंसर से पीड़ित थे। राजस्थान सरकार में जल संसाधन मंत्री रहने के दौरान महिपाल मदेरणा का नाम जोधपुर जिले की एएनएम भंवरी देवी के किडनैपिंग और मर्डर केस में सुर्खियों में आया था। इस केस के मुख्य आरोपी होने के चलते उन्हें मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। इस मामले में वे करीब 10 साल तक जेल में रहे. हाल ही में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली थी।
चलिए आपको बताते हैं प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला देने वाले भंवरी देवी कांड क्या था।
जोधपुर के जलीवाड़ा गांव के एक उपकेंद्र में सहायक नर्स थी भंवरी देवी। एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती थी, लेकिन राजस्थानी फिल्मों में नाम कमाना उसका सपना था। अपने सपनों को पंख देने के अरमान लिए वो ड्यूटी छोड़कर शूटिंग पर चली जाती थी। एक बार ड्यूटी से गायब रहने पर उसे सस्पेंड भी कर दिया गया, लेकिन तत्कालीन मलखान सिंह और मंत्री महिपाल मदेरणा ने मदद की और उसका निलंबन रद्द करवा दिया। यहीं से शुरु हुआ नजदीकियां बढ़ने का सिलसिला। मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा से नजदीकियों के चलते भंवरी पर ग्लैमर से ज्यादा राजनीति का नशा चढ़ने लगा था।
कैसे पड़ी मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा से नजदीकियों में दरार
भंवरी देवी चुनाव लड़ना चाहती थी, उसे उम्मीद थी कि मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा उसे टिकट दिला देंगे। टिकट नहीं मिलने पर वह दोनों को धमकाने लगी थी। जब भंवरी देवी परेशानी बनने लगी तो दोनों ने उससे दूरी बना ली। एक सीडी का डर दिखा कर भंवरी तीन दिन में सरकार गिराने का दावा करने लगी। मलखान व महिपाल से उसकी नजदीकियां दुश्मनी में बदल गई। और फिर अचानक भंवरी देवी का अपहरण कर हत्या कर दी गई। और फिर एक सीडी वायरल हुई, जिसने पूरे प्रदेश की राजनीति में हिला कर रख दिया। भंवरी के साथ मदेरणा की सीडी सार्वजनिक हुई तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मदेरणा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था।
2011 में अपहरण और हत्या
बता दें कि मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा ने भंवरी को रास्ते से हटाने के लिए एक साजिश रची थी। भंवरी देवी सितंबर 2011 में लापता हो गई थी। भंवरी के पति अमरचंद का आरोप था कि जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा ने ही भंवरी का अपहरण कराया है। हालांकि बाद में पति अमरचंद भी इस मामले में शामिल पाया गया था। सीबीआई जांच में जो बातें सामने आयी वो यह थीं कि बोरुंदा निवासी भंवरी देवी एक सितंबर 2011 को दोपहर एक बजे अपने घर से निकल कर सोहनलाल विश्नोई से कार सौदे के पैसे लेने निकली। चार बजे के करीब सोहनलाल ने उसे अपनी गाड़ी में बैठाया और कई घंटे एक से दूसरे स्थान पर घुमाता रहा।
वो भंवरी को आगे एक गैंग को सौंपने वाला था लेकिन जब भंवरी को शक हुआ तो भंवरी ने गाड़ी का दरवाजा खोलकर कूदने की कोशिश की। गाड़ी में दो लोग और मौजूद थे। उन्होंने भंवरी का सिर व गर्दन सीटों के बीच में दबा दिया। दम घुटने के कारण भंवरी निढाल हो गई। उसके मरते ही गाड़ी में सवार तीनों लोगों के हाथ-पैर फूल गए। भंवरी के मर जाने पर महिपाल मदेरणा ने ही शव को ठिकाने लगाने के लिए विशनाराम से मदद मांगी। रात करीब 9 बजे विशनाराम ने भंवरी के शव को अपनी गाड़ी में रखवाया और अज्ञात स्थान पर ले जाकर जलाने के बाद नहर में फेंक दिया।
कैसे पकड़े गए आरोपी
जांच के दौरान जब सीबीआई ने नहर की तलाशी करवाई तो अस्थियों का एक बोरा मिला इसमें कुछ ही अस्थियां बची थीं। जांच के लिए सीबीआई ने भंवरी के बेटे व बेटी के डीएनए के साथ भंवरी की अस्थियों को अमेरिका में एफबीआई के पास भेजा। जांच में यह बात सामने आ गई कि अस्थियां भंवरी की ही हैं।
जांच में भंवरी के पति अमरचंद सहित 17 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसमें मलखान की बहन इंद्रा विश्नोई भी शामिल थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने एक दशक से जेल में बंद आरोपियों में शामिल भंवरी के पति अमरचंद व पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा समेत सात लोगों को मंगलवार (24 अगस्त) को जमानत दे दी थी। तत्कालीन विधायक मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा समेत कुल 17 आरोपी इस प्रकरण में जेल में थे। अब तक मलखान की बहन इंद्रा विश्नोई को छोड़कर 16 आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है।