Sweta Ranjan, New Delhi
इफ्फी समारोह में करणी सेना ने मचाया हंगामा
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (इफ्फी) के दौरान इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इम्प्पा) के समुद्री याट पर फिल्म ‘चोला’ का ट्रेलर लॉन्च विवादों में घिर गया। करणी सेना की युवा इकाई के अध्यक्ष सुरजीत सिंह राठौड़ और राजेश जैन ने इस कार्यक्रम में पहुंचकर हंगामा किया। उन्होंने फिल्म के ट्रेलर में भगवा वस्त्र, तुलसी और रुद्राक्ष की माला जलाने वाले दृश्यों पर आपत्ति जताई और इसे सनातन धर्म का अपमान बताया।
करणी सेना ने दी धमकी
सुरजीत सिंह राठौड़ ने चेतावनी देते हुए कहा, “भगवा वस्त्र और रुद्राक्ष की माला को जलाना हमारी धार्मिक भावनाओं का अपमान है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम न केवल फिल्म बल्कि इसका ट्रेलर भी कहीं रिलीज नहीं होने देंगे।”
फिल्म की टीम ने दी सफाई
फिल्म के निर्देशक अतुल गर्ग ने स्थिति संभालने की कोशिश करते हुए कहा कि फिल्म की पूरी कहानी समझने के बाद ही इसे लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाए। उन्होंने करणी सेना को आश्वस्त किया कि फिल्म के संदेश को तोड़-मरोड़कर पेश नहीं किया गया है। अभिनेता हेमंत पांडे ने भी करणी सेना के आक्रामक रवैये पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “आपत्ति जताने का एक तरीका होता है। विरोध का मतलब यह नहीं कि किसी कार्यक्रम को बाधित किया जाए।”
क्या है ‘चोला’ की कहानी?
‘चोला’ एक युवा प्रोफेसर की कहानी है, जो मानसिक शांति की तलाश में एक आश्रम का रुख करता है। आश्रम में उसे भगवा वस्त्र धारण करने और रुद्राक्ष व तुलसी माला पहनने के लिए प्रेरित किया जाता है। हालांकि, इन धार्मिक प्रतीकों के बावजूद उसका मन अशांत रहता है। तब आश्रम के बाबा उसे सिखाते हैं कि आत्मिक शांति बाहरी वस्त्रों या प्रतीकों से नहीं, बल्कि अपने भीतर की शक्ति को पहचानने से मिलती है।
इस संदेश को आत्मसात करते हुए प्रोफेसर भगवा वस्त्र और माला का त्याग कर अपनी पुरानी जिंदगी में लौट जाता है। कहानी का मकसद यह संदेश देना है कि आध्यात्मिक शांति के लिए साधु-संन्यासी बनने की आवश्यकता नहीं, बल्कि अपने भीतर की शक्ति को समझने की जरूरत है।
करणी सेना के विरोध से बढ़ी चर्चाएं
करणी सेना के इस विरोध के चलते फिल्म ‘चोला’ सुर्खियों में आ गई है। हालांकि, फिल्म की टीम का कहना है कि यह कहानी किसी धर्म का अपमान करने के लिए नहीं, बल्कि एक सकारात्मक संदेश देने के उद्देश्य से बनाई गई है। अब देखना होगा कि यह विवाद फिल्म की रिलीज पर क्या असर डालता है।