देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है। या यूं कह लीजिए कि 31 जनवरी 1997 को नेवी से रिटायर हुए INS विक्रांत का आज करीब 25 साल बाद पुनर्जन्म हो गया है। आपको बता दें कि साल 1971 की जंग में INS विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव, कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार यानी 2 सितंबर की सुबह 10.45 बजे देश में बने इस सबसे बड़े युद्धपोत को नौसेना के हवाले कर दिया। नया INS विक्रांत भारत में बना पहला एयर क्राफ्ट कैरियर है। इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना की शान माना जा रहा है। नौसेना के बेड़े में इसके शामिल होने से दुनियाभर में भारत की ताकत में इजाफा हुआ है। आइएनएस विक्रांत की तैनाती के बाद समंदर में भारत की ताकत और बढ़ जाएगी। पीएम मोदी ने इसकी तमाम खूबियां बताईं।
आईएनएस विक्रांत को समर्पित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, “INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है. ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है. ये हर भारतीय के लिए गौरव का अनमोल अवसर है. ये हर भारतीय का मान, स्वाभिमान बढ़ाने वाला अवसर है. मैं इसके लिए हर भारतीय को बधाई देता हूं.”
आपको 15 प्वाइंट्स में बताते हैं कि आइएनएस विक्रांत की खासियत क्या हैं।
1. आइएनएस विक्रांत के निर्माण का काम 2009 में शुरू हुआ था। 2011 में इसका ढांचा बनकर तैयार हुआ। 2021 में इसे पहली बार समुद्र में उतारा गया। 2023 तक ये पूरी तरह आपरेशन हो जाएगा।2. आइएनएस विक्रांत का नाम इसके पूर्ववर्ती युद्धपोत के नाम पर रखा गया है। आइएनएस विक्रांत ने 1971 में बांग्लादेश के गठन के लिए पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ।
3. स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर में करीब ढाई हजार किलोमीटर लंबी इलेक्ट्रिक केबिल लगी है. यानी अगर इसमें लगी केबिल को बिछाया जाए तो वो कोच्चि से दिल्ली तक पहुंच सकती है.
4. विक्रांत की टॉप स्पीड 28 नॉट्स है और ये एक बार में 7500 नॉटिकल मील (14 हजार किलोमीटर) की दूरी तय कर सकता है यानी एक बार में भारत से निकलकर ब्राजील तक पहुंच सकता है.
5. आइएनएस विक्रांत में 2200 कमरे हैं, इसे 1600 सदस्यों के लिए डिजाइन किया गया है। महिला अधिकारियों और महिला अग्निवीरों के लिए स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर में खास व्यवस्था की गई है.
6. विक्रांत में 10 मंजिला इमारत के बराबर 14 डेक है। इसमें कैंटीन के साथ माडर्न किचन है। इस किचन में 1 घंटे में 1600 लोगों का खाना बन सकता है।
7. विक्रांत की किचन में एक दिन में 4800 लोगों का खाना तैयार किया जा सकता है और एक दिन में 10 हजार चपाती यानी रोटियां सेकी जा सकती हैं.
8. आईएनएस विक्रांत में एक छोटा अस्पताल भी बनाया गया है, जिसमें 16 बेड मौजूद हैं. इसमें मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल, पूल भी है। साथ ही आईसीयू और सीटी स्कैन की भी सुविधा है। पांच अधिकारी डाक्टर इसमें हमेशा तैनात रहेंगे।
9. इसके अलावा ये 18 मंजिला युद्धपोत है. जिसमें 250 तेल के टैंकर मौजूद हैं.
10 खास बात ये भी है कि आइएनएस विक्रांत एक बार ईंधन भरने पर 45 दिन तक समुद्र में रह सकता है। समुद्र में ही इसे रीफिल किया जा सकता है। इसकी अधिकतम स्पीड 52 किमी प्रति घंटा है।
11. विक्रांत में खास तरह के हथियार लगाए गए हैं। इसमें 32 मीडियम रेंज की सरफेस टु-एयर मिसाइल होंगी। विक्रांत एके-630 से भी लैस होगा।
12. आइएनएस विक्रांत पर मिग-29 के फाइटर जेट्स और एमएच-60 आर जैसे एडवांस्ड लाइट हेलिकाप्टर्स तैनात होंगे।
13. आइएनएस विक्रांत के साथ भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देशों के चुनिंदा समूह में शामिल हो गया है। ये वो देश हैं जो खुद के विमान वाहक डिजाइन और निर्माण कर सकते हैं।
14. भारतीय नौसेना के अनुसार, 262 मीटर लंबे वाहक का वजन लगभग 45,000 टन है जो कि उसके पूर्ववर्ती की तुलना में बहुत बड़ा और अधिक उन्नत है।
15. INS विक्रांत इतना बड़ा है कि उसमें दो फुटबॉल फील्ड समा जाएं।