1- एक तरफ जहां कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही हैं वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के मठाधीशों ने चेतावनी दी है कि येदियुरप्पा हटे तो भाजपा को कष्ट भोगना पड़ेगा। क्योंकि येदियुरप्पा के पद छोड़ते ही लिंगायत समुदाय अपना समर्थन भाजपा से वापस ले लेगा। येदियुरप्पा के दिल्ली दौरे के बाद से ही चर्चाएं हो रही हैं कि आलाकमान ने उन्हें इस्तीफे के लिए मना लिया है, इधर येदियुरप्पा भी कह चुके हैं कि उन्हें नेतृत्व का फैसला मंजूर होगा लेकिन रविवार को लिंगायत समुदाय के सभी मठाधीशों ने बैठक कर एकजुट फैसला लेते हुए कहा है कि अगर येदियुरप्पा को हटाया गया तो एक आंदोलन होगा, अगर बिना विचार किए फैसला लिया तो केन्द्र को राज्य के 5 हजार मठाधीश्वरों का एकजुट विरोध झेलना पड़ेगा। हालांकि कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन के कयासों की खबरों के बीच बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है। नड्डा से ये सवाल पूछे जाने पर कि क्या दक्षिणी राज्य में
नेतृत्व का संकट है, उन्होंने जवाब दिया कि हमें ऐसा नहीं लगता। नड्डा ने अपने दो दिवसीय गोवा दौरे के आखिरी दिन कहा, “कर्नाटक अच्छा कर रहा है. येदियुरप्पा अपने तरीके से चीजों का ध्यान रख रहे हैं”।
2- उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरु हो चुकी है, और कहा जा रहा है कि इन चुनावों में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अयोध्या सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि इय बात में कितनी सच्चाई है इसका पता अभी नहीं चल सका है लेकिन सीएम के लिए अयोध्या के विधायक ने भी सीट छोड़ने की बात कही है। दरअसल अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता से सीएम योगी के विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री अगर अयोध्या से चुनाव लड़ते हैं तो वह उनके लिए अयोध्या की सीट छोड़ने को तैयार हैं, सीएम योगी का अयोध्या से चुनाव लड़ना अयोध्यावासियों के लिए गर्व की बात होगी। वैसे सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ साथ उप मुख्यमंत्रियों डॉ. दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य को भी चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है, साथ ही उन मंत्रियों को भी विधानसभा चुनाव में उतारने की प्लानिंग है जो मौजूदा समय में विधान परिषद के सदस्य हैं।
3- किसान आंदोलन को आज 8 महीने पूरे हो रहे हैं, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान अब जंतर मंजर पर जा पहुंचे हैं, एक तरफ जहां मासनसून सत्र चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ किसान जंतर मंतर पर किसान संसद लगा कर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं, और आज इस किसान संसद की कमान संभालने वाली हैं महिलाएं। जी हां, जंतर मंतर पर चल रही किसान संसद की अगुवाई आज देशभर से आई महिला किसान करेंगी। जंतर मंतर पर रोजाना 200 किसानों को प्रदर्शन की इजाजत मिली है तो आज सिंघु बॉर्डर से 200 किसान महिलाएं जंतर मंजर पहुंचकर मोर्चा संभालेंगी और किसान संसद के जरिए अपनी बातें रखेंगी। आज की महिला किसान संसद के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से खास इंतजाम किए गए हैं और दिल्ली पुलिस ने भी अहतियातन जंतर मंतर पर महिला फोर्स बढ़ा दी है। आंदोलन को आठ महीने पूरे होने पर महिला संसद के आयोजन के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चे ने सोमवार से लखनऊ में मिशन उत्तर प्रदेश शुरू करने की भी घोषणा की है, जिसके तहत पूरे यूपी के किसानों को केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार के खिलाफ लामबंद करने की कोशिश की जाएगी।
4- हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में रविवार दोपहर लैंडस्लाइड होने की वजह से 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन घायल बताए जा रहेहैं। इस दिल दहला देने वाली घटना के कुछ वीडियोज भी सामने आए हैं। जिन्हें देख हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। हिमाचल घूमने आए टूरिस्ट जब दोपहर डेढ़ बजे के करीब वादियों के नजारे देख रहे थे कि अचानक पहाड़ी चट्टानें खिसकने लगीं, जिसकी चपेट में सांगला की तरफ जा रहा एक टेंपो ट्रेवलर आ गया, इसमें 11 लोग सवार थे, ट्रेवलर लैंडस्टाइड के मलबे के नीचे दब गईं। हादसे में जान गंवाने वालों में 4 राजस्थान के लोग थे जिनमें तीन एक ही परिवार के थे, इसके अलावा दो छत्तीसगढ़, और 1-1 महाराष्ट्र, दिल्ली और पंजाब से थे, जो किन्नौर घूमने आए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लैंडस्लाइड में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए, उन्हें दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। PMO ने ट्वीट किया, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भूस्खलन से हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जान गंवाने
वाले लोगों के परिजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। दुर्घटना में घायल हुए लोगों के इलाज की पूरी व्यवस्था की जा रही है। मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’ दूसरे द्वीट में PMO ने जानकारी दी कि मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
5- कोरोना के बाद खबरों में किसी खबर ने जगह बनाई है तो वो है पेगासस। जिसकी चर्चाएं सड़क से संसद तक हर तरफ हैं, औऱ अब तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। दरअसल राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर अपील की है कि इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए कार्यकर्ताओं, नेताओं, पत्रकारों और संवैधानिक पदाधिकारियों की जासूसी के संबंध में कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच कराई जाए। बता दें कि मानसून सत्र की शुरुआत से ठीक पहले एक लिस्ट जारी की गई है जिसमें खुलासा किया गया है कि पेगासस स्पाईवेयर के जरिए मंत्रियों, नेताओं, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों समेत करीब 300 भारतीयों की जासूसी की
गई है। इस खुलासे के बाद से देश में एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरु हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी पेगासस जासूसी मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की है और दूसरे विकल्प के तौर पर सुप्रीम कोर्ट से मामले की जांच के लिए किसी मौजूदा न्यायाधीश को नियुक्त करने के अनुरोध की बात कही। उन्होंने ये भी कहा कि पीएम को इस मामले को संसद में स्पष्ट करना चाहिए कि लोगों की निगरानी हुई या नहीं।