1- पंजाब में सियासी गर्मागर्मी अब नर्म पड़ती नजर आ रही है। नवजोत सिंह सिद्दू के पंजाब सीएम से सार्वजनिक मांफी न मांगने के बाद भी आज सिद्दू की ताजपोशी कार्यकम्र में सीएम अमरिंदर सिंह शामिल होने वाले हैं। इसकी जानकारी सीएम के मीडिया एडवाइजर रवीन ठुकराल के ट्विटर के माध्यम से दी है। आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्दू के पंजाब कांग्रेस प्रधान बनने की चर्चाओं के वक्त से ही सीएम के तेवर सिद्धू के प्रति काफी उखड़े हुए थे और सीएम ने सिद्धू से अपने उन ट्वीट्स और इंटरव्यूज में अमरिंदर सिंह पर लगाए आरोपों के लिए मांफी मांगने की शर्त भी रखी थी। उन्होंने साफ कहा था कि जब तक सिद्धू मांफी नहीं मांगेगे वे उनसे नहीं मिलेंगे, लेकिन सिद्धू के माफी न मांगने के बाद भी मुख्यमंत्री अमरिंद सिंह आज सुबह 11 बजे पंजाब कांग्रेस भवन में होने वाली सिद्धू और चारों कार्यकारी अध्यक्षों की ताजपोशी कार्यक्रम शामिल हो रहे हैं। बता दें कि नए कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा और संगत सिंह गिलजियां ने कल गुरुवार को सीएम अमरिंद सिंह से मिलकर उन्हें कार्यक्रम का औपचारिक निमंत्रण पत्र दिया है, जिसमें चारों नए कार्यकारी प्रधानों और प्रधान पद संभालने जा रहे नवजोत सिंह सिद्धू के हस्ताक्षर हैं।
2- इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कल गुरुवार को हिन्दी के मुख्य अखबारों में एक, दैनिक भास्कर और यूपी बेस्ड एक रीजनल हिन्दी चैनल भारत समाचार के दफ्तरों पर टैक्स चोरी को लेकर अलग-अलग शहरों में छापेमारी की। इस छापे को लेकर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि एजेंसियाँ अपना काम कर रही हैं और सरकार इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं करती है। वहीं इस कार्रवाई के बाद दैनिक भास्कर ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा कि, सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार, गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़ें देश के सामने रखने वाले भास्कर समूह पर सरकार की दबिश। दैनिक भास्कर ने ट्विटर पर भी पोस्ट किया, मैं स्वतंत्र हूं, क्योंकि मैं भास्कर हूं, भास्कर में चलेगी पाठकों की मर्ज़ी। वहीं संसद के दोनों सदनों में भी विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर नारेबाजी की गई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र की आवाज दबाने के लिए छापेमारी की जा रही है। विपक्ष ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर प्रहार बताया। वहीं हाल ही कैबिनेट मंत्री बनाए गए अनुराग ठाकुर ने इसके जवाब में कहा कि एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और इसमें कोई दखल नहीं है।
3- पेगासस जासूसी कांड बहुत गर्माया हुआ है, इसी बीच इस मामले में और भी खुलासे हो रहे हैं। अब इस लिस्ट में दो बड़े नामों के शामिल होने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि इजराइली कंपनी एनएसओ (NSO) के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की लिस्ट में उद्योगपति अनिल अंबानी और CBI के पूर्व प्रमुख आलोक वर्मा का भी नाम शामिल था। सूत्रों की मानें तो साल 2018 में पूर्व प्रमुख के पद को छोड़ने के बाद ही आलोक वर्मा का नाम पेगासस की लिस्ट में शामिल किया गया। इसके अलावा अनिल अंबानी और अनिल धीरूभाई अंबानी (ADA) ग्रुप के कॉर्पोरेट कम्यूनिकेशन अधिकारी टोनी जेसुदासन और उनकी पत्नी का नाम भी इस लिस्ट में शामिल बताया जा रहा है। आपको बता दें कि मानसून सत्र के दौरान कल भी संसद में विभिन्न मुददों को लेकर हंगामा होता रहा, जिन मुद्दों पर सांसद ने हंगामा किया उनमें पेगासस भी शामिल रहा। पेगासस मामले को लेकर राज्यसभा में हंगामे के चलते IT मंत्री अश्विनी वैष्णव अपनी बात नहीं रख पाए। मुद्दा इतना गर्मा गया कि छीना-झपटी तक पहुंच गया। IT मंत्री पेगासस मामले में अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए, तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन ने IT मंत्री के हाथ से उनके बयान का पर्चा छीनकर फाड़ दिया। इसके बाद BJP और TMC सांसदों में जबरदस्त बहस हुई, हालात इतने बिगड़ गए कि मार्शल बुलाने पड़े और कार्यवाई स्थगित कर दी गई।
4- कल से किसानों ने जंतर मंतर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संसद शुरु की है। रोजाना सुबह 11 से शाम 5 बजे तक लगने वाली इस किसान संसद लिए तीन स्पीकर, तीन डिप्टी स्पीकर बनाए गए हैं। किसानों का कहना है जब तक मानसून सत्र चलेगा, जंतर मंतर पर किसान भी संसद लगाएंगें। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान संसद के जरिए हम अपनी आवाज उठाएंगे और विपक्ष को संसद में किसान की आवाज बनना चाहिए। जंतर मंतर पर शुरु हुए किसानों के इस प्रदर्शन पर केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदर्शन कर रहे लोग किसान नहीं, मवाली हैं। मोदी सरकार में हाल ही में मंत्री बनाई गईं मीनाक्षी लेखी के इस बयान से सोशल मीडिया में हंगामा मचा और यूजर्स मिनाक्षी लेखी के इस्तीफे की मांग करने लगे। हालांकि बाद में मीनाक्षी लेखी ने सफाई दी कि मेरी बात गलत तरीके से पेश की गई है। किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। उनके बयान पर किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि ऐसा बयान 80 करोड़ किसानों का अपमान है, यदि हम मवाली हैं, मीनाक्षी लेखी को हमारे द्वारा उपजाए अनाज को खाना बंद कर देना चाहिए। वहीं राकेश टिकैत ने कहा कि मवाली वे हैं, जो कुछ नहीं करते हैं। किसानों के लिए इस तरह की बात कहना ठीक नहीं है। हम किसान हैं, मवाली नहीं।
5- पॉर्न मूवीज मामले में राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद से ही हर दिन इस मामले में नई नई परतें खुलकर सामने आ रही हैं। इस मामले में चल रही जांच में अब सामने आया है कि जिस बंगले पर पुलिस ने छापा मार है उसे पॉर्न मूवीज रैकेट के मास्टर माइंट राज कुंद्रा ने भोजपुरी और मराठी फिल्मों की शूटिंग करने के नाम पर 20 हजार रुपये रोज के हिसाब से किराए पर लिया था। इतना ही नहीं एक और चौंकाने वाला खुलासा ये हुआ है कि राज कुंद्रा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए मुंबई पुलिस को 25 लाख रुपये भी दिए थे। जांच के दौरान ACB यानि महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो को 4 मेल मिले हैं, जो राज कुंद्रा के साथ मामले में आरोपी बनाए गए यश ठाकुर ने एंटी करप्शन ब्यूरो को भेजे हैं, साथ ही ये भी दावा किया है कि पुलिस उनसे भी 25 लाख रुपए की डिमांड की थी। आपको बता दें कि यश ठाकुर अभी फरार है।