1- कोरोना की दूसरी लहर अभी पूरी तरह खत्म भी नहीं हुई है कि तीसरी लहर का खतरा लगातार मंडरा रहा है और अब दूसरे देशों में फिर से बढ़ रही संक्रमितों की गिनती ने ये चिंता और बढ़ा दी है। वैक्सीनेशन के बाद भी रूस और ब्रिटेन समेत कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि सीरो सर्वे 67 फीसदी से ज्यादा लोगों में एंटीबॉडीज मिले हैं लेकिन अभी भी 40 करोड़ की आबादी संक्रमण के खतरे में है। अभी भी देश में औसत 40 हजार के आसपास मामले आ ही रहे हैं। देश के 13 राज्यों में कोरोना के एक्टिव केसों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। जिनमें केरल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा के अलावा पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं। एक्सपर्ट्स ने चिंता जताई है कि इन स्थिर आंकड़ों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। हालांकि ऐसी भी उम्मीद है कि अधिकतर लोगों में एंटीबॉडीज मिलने की वजह से कोरोना की तीसरी लहर, दूसरी लहर जैसी भयानक स्थिति पैदा नहीं करेगी लेकिन तेजी से घटते मामले जिस तरह से 40 हजार के आंकड़े पर जा रुके हैं वो तीसरी लहर की आहट
का संकेत है।
2- केन्द्र के बाद अब राज्यों ने भी कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के मामले में विपक्ष के हमले के बाद केंद्र ने राज्य सरकारों के रिकार्ड और हाई कोर्ट में उनके बयानों को ही सबूत के तौर पर दिखा कर तीखा जवाब दिया है। जिसके बाद ऑक्सीजन की कमी के चलते मौतों का मुद्दा एक बार फिर गर्माने लगा है। राज्यसभा में सरकार के दिए बयान को सही बनताते हुए, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मामले में कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है, और राज्यों की तरफ से ही रिकॉर्ड भेजे जाते हैं, केन्द्र इसे लेकर कोई आंकड़े तैयार नहीं करती। उन्होंने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र की सरकारों ने हाई कोर्टो में दिए अपने हलफनामे में कहा है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से उनके राज्य में एक भी मौत नहीं हुई। वहीं भाजपा उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो अपने मुख्यमंत्री से क्यों नहीं पूछते कि उनके राज्य में आक्सीजन की कमी से कितनी मौतें हुईं हैं। ये सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान राजस्थान, दिल्ली, मप्र, कर्नाटक समेत देश के कई राज्यों से ऐसी खबरें आई थीं कि ऑक्सीजन की कमी से से कोरोना पेशेंन्टस की मौत हुई, लेकिन संसद में केंद्र की ओर से कहा गया है कि आंकड़ों के मुताबिक देश में ऑक्सीजन से एक भी मौत नहीं हुई, केंन्द्र ने अपनी सफाई देते हुए साफ कहा कि राज्य सरकारों ने ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत की सूचना केन्द्र को नहीं दी है। हालांकि इस पर बयानों का दौर जारी है, आम आदमी पार्टी के अलावा कांग्रेस नेताओं ने भी इस पर टिप्पणी की है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान ही नहीं पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुई हैं। इतनी मौतें हुई हैं कि गिनती तक नहीं है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सिर्फ ऑक्सीजन की ही कमी नहीं थी। संवेदनशीलता व सत्य की भारी कमी-तब भी थी, आज भी है।
3- पॉर्न मूवीज केस में गिरफ्तार हुए बिजनेसमैन राज कुंद्रा के मुंबई स्थित विआन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के ऑफिस और कुछ अन्य ठिकानों पर मुंबई पुलिस ने बुधवार शाम को रेड की। इस, दौरान पुलिस ने राज कुंद्रा के ऑफिस में लगे कंप्यूटर्स की हार्ड डिस्क और सर्वर को सीज किया। पुलिस ने छानबीन में पाया था कि मूवीज भारत में ही शूट करके वी ट्रांसफर के जरिए भेजी जाती थी, पुलिस ने रेड के दौरान राज कुंद्रा का लैपटॉप और आईफोन भी जब्त कर जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा है। सोमवार देर राज गिरफ्तार हुए राज कुंद्रा को 23 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में रहेंगे। इस दौरान पुलिस आगे की कार्रवाई में शिल्पा शेट्टी से पूछताछ कर सकती है। बता दें कि पुलिस ने अपनी छानबीन में पाया है कि राज कुंद्रा के बहनोई प्रदीप बक्शी को हॉशॉट का प्रोडक्शन करने वाली कंपनी केनरीन के को-ओनर हैं, इसलिए उनके खिलाफ भी लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में अब एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं।जांच में पता चला है कि इस कारोबार में राज कुंद्रा को एक दिन में कई बार 10 लाख से ज्यादा की कमाई हुई है। राज कुंद्रा की पब्लिक हुई अकाउंड डीटेल्स से पता चला है कि उनकी कंपनी को एक दिन में 50 हजार से 10 लाख रुपए तक की कमाई होती थी। राज कुंद्रा की गिरफ्तारी और ऐसे खुलासों के बाद शिल्पा शेट्टी सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हो रही हैं।
4- महीनों से कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को अब दिल्ली के जंतर-मंतर पर 22 जुलाई से 9 अगस्त तक प्रदर्शक की इजाजत मिल गई है जिसके बाद आज से जंतर मंतर पर किसानों का प्रदर्शन शुरु हो रहा है। बता दें कि दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने कुछ शर्तों के साथ किसानों को प्रदर्शन की मंजूरी दी है। कोरोना प्रोटोकॉल्स के पालन के साथ ये प्रदर्शन रोजाना सुबह 11 से शाम 5 बजे तक चलेगा और इसमें रोजाना 200 तक किसान ही शामिल हो सकेंगे। बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की ओर से भी प्रदर्शन की परमिशन मिल गई है और किसान सिंघु बॉर्डर से पुलिस एस्कॉर्ट में जंतर-मंतर तक ले जाए जाएंगे। किसानों का कहना है कि वे मानसून सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर ही किसान संसद लगाएंगे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करेंगे।
5- तमाम मुद्दों के बीच एक और मुद्दा बीते कुछ दिनों से गर्माया हुआ है, जो कि जनसंख्या नियंत्रण का है। अब इस मुद्दे पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि देश में आजादी के पहले यानि 1930 से ही मुसलमानों की आबादी बढ़ाने का संगठित प्रयास किया गया था ताकि मुसलमानों का वर्चस्व बढ़ाकर इसे पाकिस्तान बनाया जा सके। उन्होंने अपने बयान में कहा कि ऐसा करके मुसलमान अपने मकसद में कुछ हद तक कामयाब भी हो गए और देश का बंटवारा हो गया। उन्होंने ये बात सिटिजनशिप डिबेट ओवर एनआरसी ऐंड सीएए-असम एंड द पॉलिटिक्स ऑफ हिस्ट्री टाइटल के साथ आई किताब के विमोचन के बाद कही।
6- मोदी सरकार में मंत्री बनते ही जॉन बर्ला पश्चिम बंगाल में टीएमसी के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाए गए अलीपुरद्वार के सांसद जॉन बर्ला पर आरोप है कि उन्होंने चाय बागान की जमीन पर अतिक्रमण करके उसपर मकान बनाया है। जिसे लेकर बर्ला के खिलाफ जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन ने लखीपारा टी स्टेट मैनेजमेंट को कार्रवाई शुरू करने को कहा है और आदेश में उनके बनाए अवैध मकान को तोड़ने की बात भी कही गई है। जलपाईगुड़ी की जिलाधिकारी गोडारा बसु का कहना है कि केंद्रीय मंत्री बर्ला ने अवैध रूप से जिले के बानारहाट में छामूरछी मोड़ पर सरकारी जमीन पर कब्जा किया और वहां तीन पक्के मकान बनवाए हैं, केंद्रीय मंत्री ने जिस जमीन पर मकान बनवाए हैं वह किसी की निजी संपत्ति नहीं है। ये जमीन लीज पर ली गई है जिसपर पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता। जिलाधिकारी ने ब्लॉक भूमि व भूमि राजस्व अधिकारी से रिपोर्ट मिलने के बाद मामले में कार्रवाई करते हुए चाय बागान प्रशासन से अतिक्रमण हटाने और तुरंत वापस लेने को कहा है।
7- ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई एक रिसर्च में US पर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। रिसर्च में कहा गया है कि साल 2018 से 2020 के बीच अमेरिकियों की औसत उम्र करीब 2 साल तक घटी है और इसकी वजह कोरोना महामारी को बताया गया है। नेशनल सेंटर फॉर हेल्थ स्टैटिस्टिक्स के डेटा पर आधारित इस स्टडी के ऑथर वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के स्टीवन वूल्फ हैं। जिन्होंने इस रिसर्च में कहा है कि श्वेत अमेरिकियों के मुकाबले अश्वेतों और लैटिन अमेरिकियों में ये गिरावट ज्यादा देखी गई है। उनका कहना है कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यानि 82 साल के लंबे वक्त बाद अमेरिकियों की औसत उम्र में इतनी ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2018 में अमेरिकियों की औसत उम्र 78.7 यानी करीब 79 साल थी जो 2020 में घटकर 76.9 यानि करीब 77 साल रह गई है। कोरोना महामारी के दौरान बढ़े मौतों के आंकड़े और स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रभावित होने को औसत उम्र में गिरावट की बड़ी वजह बताया जा रहा है।