1- सोमवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेगनेंट महिलाओं के लिए वैक्सीन को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। जिनके मुताबिक वैक्सीन गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित है जो अन्य की तरह उनकी भी कोरोना संक्रमण से रक्षा में प्रभावी है, इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन लगवाने की सलाह दी गई है साथ ही वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमण से बचाव रखने के लिए सभी जरूरी अहतियातें बरतें। गाइडलाइन्स में कहा गया है कि प्रेगनेंट वुमेन को वैक्सीन लेने के लिए कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा या वैक्सीनेशन सेंटर जाकर भी ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन करा सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी तक महिलाओं में गंभीर मामले सामने नहीं आए हैं, वहीं संक्रमण की चपेट में आई महिलाओं से जन्मे 95 फीसदी से ज्यादा बच्चे सेहतमंद रहते हैं जबकि कुछ एक मामलों में प्रीमेच्योर डिलीवरी, बच्चों का वजन सामान्य से कम यानि ढाई किलोग्राम से नीचे और बहुत रेयर केस में बच्चे की मौत की वजह बन सकता है। इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ गायनाकलोजी पहले ही गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन को मंजूरी दे चुकी है उनके मुताबिक वैक्सीन से गर्भ में पल रहे बच्चे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं कई देशों में गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन शुरु कर दिया गया है। हालांकि हमारे देश में अभी अलग अलग राज्यों में गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन के लिए अलग अलग नियम हैं।
2- एस्ट्राजेनेका वैक्सीन यानि कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच में अंतर को लेकर ऑक्सफोर्ड की हालिया स्टडी में ये दावा किया गया है कि इस वैक्सीन की दोनों डोज के बीच 45 हफ्ते यानी करीब 315 दिन का अंतर ज्यादा प्रभावी होता है, साथ ही दूसरी डोज के 6 महीने बाद वैक्सीन की तीसरी डोज बूस्टर डोज के रूप में देने पर व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी और ज्यादा बढ़ सकती हैं। सोमवार को ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल के लीड इंवेस्टिगेटर प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने इसके बारे में बताते हुए कहा कि, ये डेटा बताता है कि हम एस्ट्रेजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की एक और डोज देकर रिस्पॉन्स को बढ़ा सकते हैं। ये वाकई महत्वपूर्ण है। उन्होंने ये भी कहा कि दो डोज से इम्यूनिटी की ड्यूरेशन और कोरोना वैरिएंट के खिलाफ प्रोटेक्शन को लेकर, और रिसर्च से ये जानने में मदद मिलेगी कि क्या सही में बूस्टर डोज की जरूरत है। ऑक्सफोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इस रिसर्च से विश्व के देशों को कोरोना के खिलाफ वैक्सीन अभियान में मदद मिलेगी क्योंकि, वैक्सीन के बीच जितना ज्यादा अंतर होगा, उतनी ही वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ेगी और ज्यादा लोगों को वैक्सीन मिल सकेगी साथ ही इस बढ़े हुए अंतर के बीच वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को भी प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद मिल सकेगी। आपको बता दें कि अभी देश में कोवीशील्ड वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच 12 से 16 हफ्तों अंतर रखा गया है।
3- कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के बच्चों पर ज्यादा प्रभावी होने की आशंकाओं के बीच एक सर्वे में हैरान करने वाली बातें सामने आई हैं, दरअसल सोमवार को आई BMC के चौथे सीरो सर्वे की रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया है कि दूसरी लहर के दौरान मुंबई में 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, जिनमें अधिकतर बच्चों की उम्र 10 से 14 साल के बीच है। BM के आदेश पर मुंबई में 1 अप्रैल 2021 से 15 जून 2021 के बीच चौथा सीरो सर्वे BYL नायर हॉस्पिटल और कस्तूरबा मोलेकुलर डायग्नोस्टिक की ओर से किए गए सर्वे में 18 साल से कम उम्र के 2,176 बच्चों को शामिल किया गया। जिनमें 1,283 नायर हॉस्पिटल के आपली चिकित्सा नेटवर्क द्वारा और 893 कस्तूरबा मोलेकुलर डायग्नोस्टिक की ओर इकट्ठे किए गए। इस सर्वे में उम्र अनुसान 1 से 4, 5 से 9, 10 से 14 और 15 से 18 साल के बच्चों के सेंपल्स लिए गए। जिनमें पाया गया कि 50 फीसदी से ज्यादा बच्चों में एंटीबॉडीज मिली हैं। 10 से 14 साल के बच्चों में सबसे ज्यादा यानि 53.43% बच्चे संक्रमित हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन बच्चों में एंटीबॉडी मिली है वे कभी न कभी कोरोना से संक्रमित रह चुके हैं। वहीं सीरो सर्वे में पॉजिटिविटी रेट कुल 51.18 फीसद पाया गया है। रिपोर्ट के इन चौंकाने वाले आंकड़ों के साथ एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक राहत भरी बात ये है कि एंटीबॉडी बन जाने के कारण तीसरी लहर के दौरान इन बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम हो गया है।
4- सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ट्विटर पहले से ही सरकार के निशाने पर है, वजह है नए आईटी नियमों को लेकर विवाद और इसी बीच ट्विटर ने एक और ऐसी बड़ी गलती की है कि अब इसकी दिक्कतें और बढ़ सकती हैं, हालांकि ट्विटर ने अपनी गलती को सुधारते हुए नक्शे को वेबसाइट से हटा लिया है लेकिन मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं क्योंकि यूपी के बुलंदशहर में बजरंग दल के एक नेता की शिकायत पर ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी पर मामला दर्ज कर लिया गया है। दरअसल ट्विटर की वेबसाइट के करियर पेज पर अपलोड किए गए भारत के नक्शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नहीं थे, इन्हें भारत की सीमाओं से बाहर दिखाया गया था। इस विवादित नक्शे को लेकर सोशल मीडिया पर ट्विटर की खूब आलोचना हो रही है। भारत सरकार ने इस मामले पर संज्ञान लिया और सरकार इस नक्शे को लेकर तथ्य जुटा रही है, जैसे नक्शे में कब बदलाव किए गए और कब इसे छेड़छाड़ करके वेबसाइट पर डाला गया साथ ही ये जानने की भी कोशिश की जा रही है कि नक्शे में बदलाव के पीछे का इरादा क्या है। इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन मिनिस्ट्री इस मामले को देख रही है और ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किन लोगों ने ये नक्शा ट्विटर को दिया और वेबसाइट पर अपलोड कराया। वैसे ये पहली बार नहीं हुआ जब भारत सरकार ने ट्विटर के सामने गलत नक्शे को लेकर आपत्ति जताई है। बीते साल अक्टूबर में भी विवादित नक्शे के चलते सरकार ने ट्विटर को नोटिस भेजा था। तब ट्विटर ने जियोटैग में लेह को चीन का हिस्सा बताया गया था।
5- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और गवर्नर जगदीप धनखड़ के बीच तल्खियों का दौर लगातार जारी है। इसी बीच कल राज्य सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान एक सवाल के जवाब में ममता बनर्जी ने जगदीप धनखड़ को करप्टेड मैन कहा। साथ ही धनखड़ द्वारा हाल ही में की गई उत्तर बंगाल यात्रा के उद्देश्य पर भी सवाल उठाया। ममता ने कहा कि राज्यपाल एक भ्रष्ट व्यक्ति हैं, उनका नाम 1996 हवाला जैन मामले की चार्जशीट में था। केन्द्र पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसे गवर्नर को क्यों बढ़ावा दे रही है। ममता यहीं नहीं रुकी, उन्होंने आगे कहा कि अगर केंद्र सरकार को हवाला जैन मामले की जानकारी नहीं है तो मैं खुद कहती हूं कि चार्जशीट निकालिए…उस चार्जशीट में उनका नाम था कि नहीं था, अभी तक उस कोर्ट केस का फैसला नहीं हुआ है। इतना ही नहीं ममता ने धनखड़ के उत्तर बंगाल दौरे को एक राजनीतिक हथकंडा बताते हुए कहा कि धनखड़ इस दौरे में सिर्फ भाजपा के विधायकों और सांसदों से मिले थे। राजपाल जगदीप धनखड़ ने ममता के लगाए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नाम न तो चार्जशीट में है और न ही ऐसे कोई दस्तावेज हैं, उन्होंने ममता के बान पर कहा कि मुझे किसी सीनियर राजनेता से इसकी उम्मीद नहीं थी।