1- देश में कोरोना से बिगड़ते हालात के बीच ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को लेकर महाराजा अग्रसेन अस्पताल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर केंद्र, राज्य या स्थानीय प्रशासन में कोई अधिकारी ऑक्सीजन सप्लाई में अड़चन डाल रहा है, तो हम उसे बख्शेंगे नहीं, उसे फांसी पर लटका देंगे। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की जान पर बन आई है, इसी विषय को लेकर महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने जल्द ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट पैदा करने वाले का नाम बताए, हम उसे लटका देंगे। हाईकोर्ट ने देश में कोरोना की दूसरी लहर को सुनामी सुनामी बताते हुए आईआईटी की रिपोर्ट का हवाला देकर दिल्ली सरकार से सवाल किया कि “मई मध्य तक कोरोना मामलों की सूनामी आने वाली है तो उसे कंट्रोल करने के लिए दिल्ली सरकार ने किस तरह के कदम उठाए हैं? “कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपको मौतों पर नियंत्रण रखना होगा। साथ ही हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि ऐसे स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के बारे में केन्द्र सरकार को बताए, ताकि सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके। साथ ही कोर्ट ने ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की बात भी कही।
2- देश में लगातार चौथे दिन भी कोविड संक्रमितों की संख्या 3 लाख के पार रही। कल शनिवार को भी देश में 3 लाख 44 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए, इसके साथ ही देश में एक्टिव केस 25 लाख के पार हो गए हैं। बढ़ते कोविड केसों से रिकवरी रेट तो गिर ही रहा है, ऑक्सीजन की कमी से भी लोग अफनी जान गंवा रहे हैं, कल दिल्ली और राजस्था मेंकई कोविड मरीजों की जान ऑक्सीजन की कमी के कारण चली गई। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कल दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ऑक्सीजन मुहैया कराने की अपील भी की। ऑक्सीजन की कमी के संकट से निपटे के लिए जहां राज्य सरकार कई महत्वपूर्ण फैसले ले रही है तो इसी बीच वैक्सीन को लेकर भी केन्द्र ने राज्यों से कहा है कि पहले की तरह ही केन्द्र दोनों वैक्सीन खरीदकर राज्यों को देता रहेगा, क्योंकि केन्द्र को दोनों वैक्सीन जहां सिर्फ 150 रुपये प्रति डोज पर दी जा रही हैं तो वहीं भारत बायोटेक ने कल कोवैक्सिन के दामों की घोषणा कर कहा है कि वो केन्द्र को 150 रुपये, लेकिन राज्य को 600 रुपये और प्राइवेट अस्पतालों को 1200 प्रति डोज में वैक्सीन देगा। इससे पहले कोविशील्ड ने अपनी वैक्सीन के दामों की घोषणा कर कहा था कि केन्द्र के लिए 150 रुपये लेकिन राज्य को 400 रुपये और प्राइवेट हॉस्पिटल्स को 600 रुपये प्रति डोज के हिसाब से वैक्सीन दी जाएगी।
3- शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की गई। इस बैठक में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए कुछ अहम फैसले लिए गए, जिनके तहत ऑक्सीजन और ऑक्सीजन संबंधी उपकरणों के इंपोर्ट पर से Basic Custom Duty और Health Cess और साथ ही कोविड-19 टीकों के इंपोर्ट पर लगने वाले मूल सीमा शुल्क को भी तत्काल प्रभाव से अगले तीन महीनों तक हटाने का फैसला किया गया। बैठक के बाद वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा
गया कि इससे ऑक्सीजन और ऑक्सीजन संबंधी उपकरणों की उपलब्धता बढ़ेगी और इसके रेट भी कम होंगे। बैठक में प्रधानमंत्री ने राजस्व विभाग को भी निर्देश दिए हैं कि इन उपकरणों के सीमा निकासी की प्रक्रिया को निर्बाध सुनिश्चित करें। पीएम ने इश बात पर भी जोर दिया कि घर या अस्पतालों में, मरीजों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए मेडिकल ऑक्सीजन और इससे संबंधित उपकरणों को तत्काल प्रभाव से जुटाने की जरूरत है और इसके लिए सभी मंत्रालयों और विभागों को मिलकर काम करना होगा।
4- देश के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से खड़े हुए संकट और गंभीर स्थिति को काबू करने केलिए केन्द्र ने सिंगापुर से चार क्रायोजेनिक टेंकर मंगवाए हैं, ताकि ऑक्सीजन की किल्लत को खत्म किया जा सके। आपको बता दें कि क्रायोजेनिक टैंकर, तापमान को कम रखने में सक्षम होते हैं, जिनमें ऑक्सीजन सुरक्षित और सावधानी पूर्वक पुहंचाई जा सकती है। ऑक्सीजन ले जा रहे वाहन को आग लगने का खतरा अधिक रहता है, इसलिए तमाम तरह की अहतियातें बरतनी पड़ती हैं। ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए वायु सेना भी मैदान में उतरी है, खाली टैंकर और कंटेनर्स को वायु सेना देशभर के अलग-अलग फिलिंग स्टेशनों पर पहुंचा रही है ताकि मरीजों की जिंदगी के लिए जरूरी प्राण वायु उन्हें वक्त पर मिल सके।
5- PMSF यानि प्रोग्रेसिव मेडिकोस एंड साइंटिस्ट्स फोरम ने सरकार से मांग की है कि कि सरकार वैश्विक महामारी रोधी नीति बनाने के लिए एक सलाहकार तंत्र गठित करें साथ ही कोविड-19 संक्रमितों के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए मेडिकल ऑक्सीजन, दवाओं और वैक्सीन जैसे अहम संसाधनों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत लाया जाए और उनकी कीमतों को कम रखा जाए साथ ही एक पारदर्शी नीति बनाकर राज्यों को इनका नि:शुल्क व निष्पक्ष वितरण किया जाना चाहिए। फोरम ने ये भी मांग की है कि केंद्र और राज्य सरकारें प्राइवेट हॉस्पिटल्स को अपने कब्जे में लें और कोविड मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएं। साथ ही हेल्थ सेंटर्स को कोविड 19 सुविधाओं में बदलकर या चीन जैसे देशों की तरह फील्ड अस्पताल बनाकर नए कोविड बेड लगाए जाएं।