आज गुरुवार है, तारीख 9 दिसंबर; अगहन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है।
1- देश के पहले CDS यानि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत अब इस दुनिया में नहीं रहे। कल हुए एक हादसे ने उन्हें हमसे छीन लिया। कल, बुधवार दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर तमिलनाडु के कुन्नूर में उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया, इस हेलिकॉप्टर में जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 लोग सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक की जान बच पाई है जो कि गंभीर रुप से घायल है, अन्य 13 लोगों इस हादसे में जान गंवा चुके हैं। इस खबर से पूरे देश में शोक की लहर है। हालांकि पहले खबरें आ रही थीं कि हेलिकॉप्टर क्रैश में सभी गंभीर रुप से घायल हुए हैं जिन्हें वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया है, लेकिन फिर एक एक कर इनकी मौत की खबरें आने लगीं औऱ देर शाम तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया। जनरल रावत के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया, जनरल रावत बेमिसाल सैनिक थे। सच्चे देशभक्त थे और उन्होंने हमारी सेनाओं के मॉर्डनाइजेशन के लिए योगदान दिया। उनके जाने से मुझे गहरा दुख हुआ है। देश उनकी असाधारण सेवा को कभी नहीं भूलेगा। राष्ट्रपति ने भी इस हादसे पर दुख जाहिर किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, रावत का असमय निधन देश और सेना के लिए कभी न पूरी हो पाने वाली क्षति है। पाकिस्तानी सेना ने भी अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
2- कल, बुधवार को हुए हादसे ने देश के एक होनहार सैन्य सुरक्षा अधिकारी को हमसे छीन लिया, दिवंगत जनरल रावत उत्तराखंड के पौडी जिले के सैणा गांव के रहने वाले थे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक निधन पर राज्य में 3 दिन (9 से 11 दिसंबर) का राजकीय शोक घोषित किया है। उनके निधन के बाद देश की सुरक्षा के मद्देनजर इस देश के इस सर्वोच्च सैन्य पद पर नई जल्द किये जाने पर विचार शुरु हो चुका है। CDS बिपिन रावत की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में CCS की बैठक हुई। माना जा रहा है कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की इस बैठक में CDS यानि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल के पद पर नियुक्ति की चर्चा की गई है, और इस पद के लिए सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे का नाम आगे है।
3- कई कई सिम कार्ड रखने की अगर आपकी आदत है तो सचेत हो जाएं क्योंकि ऐसे में आपका कोई भी नंबर कभी भी बंद हो सकता है। वित्तीय अपराधों, आपत्तिजनक कॉल और धोखाधड़ी गतिविधियों की घटनाओं की जांच करने को लेकर दूरसंचार विभाग ने एक सख्त कदम उठाया है। जिसके तहत दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनियों से उन सभी मोबाइल नंबर को डेटाबेस से हटाने के लिए कहा है जो नियम के अनुसार उपयोग में नहीं हैं। बुधवार को दूरसंचार विभाग ने आदेश दिया है कि अगर आप नौ से ज्यादा सिम कार्ड्स इस्तेमाल करते हैं तो आपको फिर से वैरिफिकेशन कराना पड़ेगा लेकिन अगर वैरिफिकेशन नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में सिम कार्ड को बंद कर दिया जाएगा। आदेश के मुताबिक ग्राहकों के पास परमिशन से ज्यादा सिम कार्ड होने की स्थिति में उन्हें अपनी मर्जी का सिम चालू रखने और शेष को बंद करने का विकल्प दिया जाएगा। आपको बता दे कि जम्मू-कश्मीर और असम समेत पूर्वोत्तर के लिए सिम कार्ड्स की संख्या 9 की जगह 6 रखी गई है।
4- कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों की जिन मांगों पर पेंच फंस रहा था अब उनपर भी सरकार सहमत हो गई है, ऐसे में उम्मीद है कि आज किसान मोर्चा की तरफ से आंदोलन खत्म करने की घोषणा की जा सकती है। आपको बता दें कि मंगलवार को सरकार ने किसान मोर्चा को एक लिखिति प्रस्ताव भेजा था उसमें लिखी कई बातों पर मोर्चा के कई नेताओं ने आपत्तियां दर्ज कराई थी और फिर से अपनी ओर से दर्ज आपत्तियों के साथ उस प्रस्ताव को सरकार को भेज दिया गया था। जिसके बाद सरकार ने मोर्चा की लगभग सभी मांगें मान ली हैं, हालांकि, लखीमपुर खीरी घटना के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी के सवाल पर मोर्चा के नेताओं ने कोई जवाब नहीं दिया। अब अगर सरकार किसानों की मांगों पर सहमति के नए प्रस्ताव को गुरुवार तक यानि आज किसान मोर्चा को भेज देती है तो आज दोपहर 12 बजे किसान मोर्चा बैठक में आंदोलन खत्म करने का फैसला हो सकता है। इन सभी बातों की जानकारी देते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, अशोक, शिव कुमार कक्का आदि ने बताया कि विवादित मुद्दे खत्म हो गए हैं और सरकार व मोर्चा में आम राय बन गई है। सरकार की तरफ से अधिकांश मांगें मान ली गई हैं।
5- भारत में गरीब और अमीर के बीच की खाई हर दिन और बढ़ती जा रही है, ऐसा हम नहीं कह रही बल्कि एक रिपोर्ट बताती है, विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 के मुताबिक, भारत की शीर्ष 10 फीसदी आबादी के पास कुल राष्ट्रीय आय का 57 फीसदी है जबकि निचले तबके यानि 50 फीसदी आबादी की हिस्सेदारी महज 13 फीसदी ही है। इस रिपोर्ट के लेखक लुकास चांसल हैं जो ‘वर्ल्ड इनइक्यूलैटी लैब’ के सह-निदेशक हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि भारत दुनिया के एक गरीब और सबसे असमान देशों की सूची में शामिल हो गया है, जहां एक तरफ गरीबी बढ़ रही है जबकि दूसरी तरफ समृद्ध वर्ग और ज्यादा अमीर बनता जा रहा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत का मध्यम वर्ग अपेक्षाकृत गरीब है, जिसकी औसत संपत्ति महज 7,23,930 रुपए या कुल राष्ट्रीय आय का सिर्फ 29.5 प्रतिशत है। भारत की वयस्क आबादी की औसत राष्ट्रीय आय 2,04,200 रुपए है जबकि निचले तबके की आबादी की आय 53,610 रुपए है। और ठीक इसके उलट टॉप 10 फीसदी आबादी की औसत आय इनकी तुलना में करीब 20 गुना यानि 11,66,520 रुपये से भी ज्यादा है।