आज रविवार है, तारीख 5 दिसंबर; अगहन मास, शुक्ल पक्ष और प्रतिपदा-द्वितीया तिथि
2- ओमिक्रॉन वैरिएंट के ज्यादा घातक होने की खबरों के बीच देश में संक्रमण की तीसरी लहर का डर एक बार फिर सताने लगा है, जिसपर एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि 2022 की शुरुआत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है, जिसका असर दिसंबर के अंत में नजर आने लगेगा। कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर में अपने गणितीय मॉडल सूत्र के माध्यम से आकलन करने वाले IIT कानपुर के प्रो. अग्रवाल ने दक्षिण अफ्रीका में फैले ओमिक्रॉन वेरिएंट पर स्टडी शुरू कर प्रारंभिक स्टडी जारी की है। जिसमें बात सामने आई है कि अगले साल यानि 2022 के शुरुआती महीनों यानि जनवरी से तीसरी लहर दस्तक दे सकती है और फरवरी तक इसका पीक बन सकता है और इस दौरान दैनिक मामले डेढ़ लाख तक जा सकते हैं। प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन वैरिएंट दोगुनी तेजी से फैलता है तो भारत में भी ओमिक्रॉन दोगुनी तेजी से फैलेगा और अगले साल की शुरुआत में इसका असर देखने को मिलेगा हालांकि, संक्रमण की तीसरी लहर, दूसरी लहर की तुलना में कम घातक होगी क्योंकि अब तक जितने भी केस स्टडी सामने आई हैं, उसमें संक्रमण तेजी से फैल रहा है लेकिन बहुत अधिक घातक नहीं मिला है।
3- एक तरफ जहां ओमिक्रॉन वैरिएंट ने तीसरी लहर के खतरे को बढ़ा दिया है तो वहीं संक्रमण से बचाव के लिए चलाया जा रहा वैक्सीनेशन अभियान भी जोरों पर हैं क्योंकि विशेषज्ञों की राय में बूस्टर डोज से ज्यादा जरूरी है जल्द से जल्द, ज्यादा से ज्यादा आबादी का कंप्लीट वैक्सीनेशन। कल शनिवार को एक बार फिर देश में रिकॉर्ड वैक्सीन लगाई गई। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इसकी जानकारी कि देश में एक बार फिर एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लगाई गई, आपको बता दें कि इससे पहले 27 सितंबर को एक करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लगाई गई थीं। अभी तक कुल 6 बार ऐसा हुआ है जब एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लगाई गई हैं। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 127 करोड़ कोरोना टीके लगाए जा चुके हैं जिनमें 80 करोड़ लोग पहला टीका लगवा चुके हैं जबकि 47 करोड़ लोगों का कंप्लीट वैक्सीनेशन हो चुका है यानि दोनों डोज दी जा चुकी हैं।
4- संसद में तीनों कृषि कानूनों के निरस्त होने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि किसान आंदोलन कल यानि 4 दिसंबर को खत्म हो सकता है और किसान घर वापसी कर सकते हैं लेकिन कल हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में फैसला हुआ है कि किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा, बल्कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद एमएसपी सहित अन्य मांगो के पूरा होने तक जारी रहेगा। सरकार ने किसानों की सभी मांगो पर बातचीत के लिए 5 किसान नेताओं के नाम देने को कहा था जिसके बाद, कल हुई बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के लिए आगे की रणनीति और केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए 5 मेंबरी कमेटी बना दी गई है। मोर्चा द्वारा सरकार से बातचीत के लिए बनाई गई 5 सदस्यीय कमेटी में बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार कक्का, अशोक धावले का नाम शामिल है। किसान नेता सरकार से जिन मुद्दों पर बात करेंगे उनमें एमएसपी के अलावा बिजली बिल, पराली, लखीमपुर हिंसा, किसानों पर दर्ज हुए केस और आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों के लिए मुआवजा आदि शामिल हैं। अब किसान मोर्चा की अगली बैठक मंगलवार, 7 दिसंबर को होगी।
5- वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ का लंबी बीमारी के बाद कल, शनिवार को निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी मल्लिका दुआ ने इंस्ग्राम पोस्ट के माध्यम से दी। इससे पहले भी विनोद दुआ के निधन की खबर फैली थी, जिसे उनकी बेटी ने खंडन किया था। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर लोधी शमशान में कराया जाएगा। 67 साल के विनोद दुआ मीडिया इंडस्ट्री की जानीमानी शख्सियत थे साल 1996 में वे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार थे, जिन्हें रामनाथ गोयनका अवार्ड से सम्मानित किया गया था। साल 2008 में उन्हें पत्रकारिता के लिए पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था। बता दें कि विनोद दुआ और उनकी पत्नी कोरोना की दूसरी लहर के दौरान चपेट में आए थे संक्रमण से दोनों की तबीयत काफी बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। 7 जून को विनोद दुआ घर लौट आए लेकिन 12 जून को उनकी पत्नी का कोरोना के चलते निधन हो गया और कल, 4 दिसंबर को विनोद दुआ भी इस दुनिया को अलविदा कह गए।