आज शनिवार है, तारीख 4 दिसंबर; अगहन मास और अमावस्या तिथि
1- एक बार फिर खबरों में कोरोना सुर्खियों में है, वजह है कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर दुनियाभर में चिंता का माहौल है, एक तरफ ओमिक्रॉन दक्षिण अफ्रीका में तेजी से अपने पैर पसार रहा है तो वहीं दूसरी तरफ दूसरे देशों में भी इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों की पुष्टि परेशानियां बढ़ा रही है। इसी बीच देश के एक टॉप साइंटिस्ट, CSIR इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के डायरेक्टर अनुराग अग्रवाल ने इस वैरिएंट को लेकर चेतावनी देते हुए कहा है कि ओमिक्रॉन में वे सभी एलिमेंट्स हैं, जिनकी वजह से संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है। उन्होंने कहा कि इस वैरिएंट में शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को धोखा देने की खूबी है, जो अब तक मिले कोरोना के वैरिएंट्स में नहीं देखी गई। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने भी कल, शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कहा कि, ये वैरिएंट बेहद संक्रामक है और इसलिए ये डेल्टा से ज्यादा प्रभावी हो सकता है। यूरोपीयन यूनियन और आस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों ने इस बात की संभावना जताई है कि जितना संक्रमण डेल्टा के कारण फैला था, कुछ महीनों में उससे कहीं ज्यादा तेजी से ओमिक्रोन वैरिएंट का संक्रमण फैल सकता है लेकिन पैनिक होने की बजाय सतर्क रहने के साथ ही इससे बचने के लिए पूरी तरह तैयार रहने की जरूरत है। आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर दिया था साथ ही भारत सरकार भी आगाह कर चुकी है कि ओमिक्रॉन डेल्टा के मुकाबले 5 गुना तक संक्रामक है।
2- दक्षिण अफ्रीका में पाए गए ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीज अब दुनिया के अन्य देशों में भी मिलने लगे हैं, भारत में इसके मरीजों के मिलने के बाद लोग इस वैरिएंट को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, ऐसे में सभी के जहन में सवाल है कि क्या वैक्सीनेटेड लोगों के लिए भी ये वैरिएंट घातक साबित हो सकता है, और क्या वैक्सीनेटेड लोगों को बूस्टर डोज इसका समाधान है। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की शीर्ष वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट का असर कम या धीमा होने का मतलब है कि वैक्सीन कारगर है और इससे बनने वाली इम्युनिटी बचाव कर रही है। इस वैरिएंट के जोखिम को कम करने के लिए बूस्टर डोज की बात पर उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का सामना करने के लिए मौजूदा वैक्सीन काफी है, हो सकता है कि बूस्टर डोज लेने की जरूरत हो। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि WHO का टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप इसपर काम कर रहा है कि ओमिक्रोन के लिए नई तरह की वैक्सीन की जरूरत है या नहीं। वहीं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कल लोकसभा में ओमिक्रॉन स्वरूप के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) की एक सूची जारी की है। ओमिक्रॉन पर टीका प्रभावी है या नहीं के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जो यह बताता हो कि मौजूदा टीके ओमिक्रॉन पर काम नहीं करते हैं, इसलिए, टीकों से गंभीर रोग के खिलाफ सुरक्षा मिलने की उम्मीद है और टीकाकरण जरूरी है। वहीं बूस्टर डोज के सवाल पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में कहा कि इस विषय में एक्सपर्ट्स जैसा सुझाव देंगे उसी आधार पर सरकार आगे चलेगी। आपको बता दें कि इंडियन सार्स-कोविड-2 जेनेटिक कंसोर्शियम के वैज्ञानिकों ने देश में 40 साल से ऊपर के लोगों के लिए बूस्टर डोज की सिफारिश की है, और जिन्हें ज्यादा खतरा है उन्हीं को बूस्टर डोज दिए जाने का प्रस्ताव रखा है।
3- कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से दहशत में आए एक डॉक्टर ने पत्नी समेत दोनों बच्चों की हत्या कर दी। ये दिल दहला देने वाली घटना उत्तर प्रदेश के कानपुर की है जहां कल्याणपुर के डिविनिटी अपार्टमेंट में सुशील कुमार नाम के डॉक्टर ने अपनी पत्नी चन्द्रप्रभा, जो कि एक टीचर थीं, 18 साल के बेटे शिखर और 16 साल की बेटी खुशी को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस को घटना स्थल से एक नोट बरामद हुआ है जिसमें डॉक्टर ने लिखा है कि, मैं डिप्रेशन में हूं और जिसके चलते मैंने इस घटना को अंजाम दिया है। डॉक्टर ने लिखा है कि ओमिक्रॉन सबको मार डालेगा। अब लाशें नहीं गिननी हैं। बता दें कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी डॉक्टर ने रूरा में तैनात अपने भाई को व्हाट्सएप मैसेज कर इस मामले की जानकारी पुलिस को देने को कहा, और मौके से फरार हो गया। सुशील के भाई ने पुलिस को सूचना दी और घटनास्थल पर पहुंचे जहां उन्हें घर के अलग- अलग कमरों में तीन लाशें मिली। बताया जा रहा है कि मानसिक अवसाद से जूझ रहा डॉक्टर कोरोना के नए वैरिएंट से दहशत में था और दो दिन पहले भी पत्नी की हत्या करने की कोशिश कर चुका था, फिलहाल पुलिस मामने की छानबीन और आरोपी की तलाश में जुटी है। वैसे ये कोई पहला मामला नहीं है, जब सुना गया हो कि कोरोना के डर से किसी ने इतना बड़ा कदम उठाया हो। बीते साल भी ऐसे मामले सुनने में आए थे जब संक्रमण के डर से हत्या या आत्महत्या जैसे कदम उठाए गए, लेकिन इस आपदा के समय में संशय या हताशा नहीं बल्कि संयम और सतर्कता जरूरी है। धैर्य न खोंएं, बीमारी से बचाव करें।
4- एक तरफ महामारी और दूसरी तरफ तूफानों के दौर ने लोगों को बुरी तरह त्रस्त किया है, अब एक और तूफान जवाद तबाही के लिए तैयार है। वैसे तो अरबी शब्द जवाद का मतलब होता है दयालु, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि ये तूफान ज्यादा मुसीबतों भरा साबित नहीं होगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभान ने जानकारी दी है कि बंगाल की खाड़ी में बने साइक्लोन जवाद के रविवार सुबह ओडिशा और आंध्र प्रदेश के कई तटवर्ती इलाकों से टकराने की आशंका है। इस दौरान 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशँका है। चक्रवात तूफान से निपटने को लेकर केंद्र व राज्य सरकारें पूरी तरह अलर्ट हैं। तूफान के प्रबल होने की आशंकाओं के मद्देनजर, तीनों राज्यों ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स की 46 टीमें तैनात की गई हैं, साथ ही राज्य सरकारों की तरफ से भी एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। जवाद के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने प्रसिद्ध कोणार्क मंदिर के पास आयोजित होने वाले 12वें इंटरनेशनल सैंड आर्ट फेस्टिवल यानि कोणार्क फेस्टिवल को टालने का फैसला लिया है। ओडिशा के 14 तटवर्ती जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही दक्षिणी तट पर 266 रेस्क्यू टीम तैनात करने की योजना बनाई है। आंध्र प्रदेश के विजयनगरम, विशाखापट्टनम, श्रीकाकुलम में तूफान को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। रेल यातायात के प्रभावित होने की आशंकाओं को देखते हुए आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले से दर्जनों ट्रेनों को रद कर दिया गया है। तूफान के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी विशाखापट्टनम और श्रीकाकुलम जिलों के सभी स्कूलों को शनिवार तक बंद करने का आदेश दिया है। तूफान के असर से पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की भी आशंका है। जिसे ध्यान में रखते हुए कोलकाता में 2, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर, पश्चिम मिदनापुर, हुगली और नादिया जिले में एक- एक टीम तैनात की गई है।
5- कृषि कानूनों की वापसी के बाद कल शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने अपनी अन्य सभी मांगों के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बातचीत की, जो कि बेनतीजा ही रहीं। शुक्रवार को चंडीगढ़ में शाम 5 बजे शुरू हुई ये बैठक करीबन 9 बजे खत्म हुई। जिसमें किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने, मुआवजा देने, स्मारक स्थल बनाने और मृतक किसानों के आश्रितों को नौकरी देने संबंधी आदि मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बनी। बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह ने इसकी जानकारी दी साथ ही ये भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा अपनी अगली रणनीति के लिए शनिवार को सुबह 11:00 बजे बैठक करेगा जिसमें आगे की रणनीति पर फैसला होगा जिसके बाद आज संयुक्त किसान मोर्चा आज शनिवार को सिंघू बॉर्डर पर अहम बैठक करेगा जिसमें आंदोलन को लेकर किसी अहम फैसले की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कानूनों से अलग अन्य मांगों पर बातचीत होगी, इनमें फसलों के एमएसपी पर कानूनी गारंटी, किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी, आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के लिए मुआवजा आदि मुद्दे शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कल ग्वालियर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि एमएसपी पहले भी थी और आगे भी जारी रहेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एमएसपी में और पारदर्शिता लाने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है।