आज मंगलवार है, तारीख 5 अक्टूबर 2021; आश्विन मास, कृष्ण पक्ष और चतुर्दशी तिथि।
1- कल, सोमवार रात को मैसेजिंग की दुनिया को अचानक ब्रेक लगा और वर्चुअल वर्ल्ड एक दो नहीं बल्कि 6 घंटे के लिए शांत हो गया, वो भी पूरी दुनिया में। भारतीय समय के मुताबिक रात करीब 9.15 बजे फेसबुक के तीनों बड़े प्लेटफॉर्म, मैसेंजर, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम सर्विस डाउन हो गई। सर्वर डाउन होने से अरबों यूजर्स को 6 घंटे खासी दिक्कत झेलनी पड़ी, इस दौरान यूजर्स ने ट्विटर पर लगातार ट्वीट किए। फेसबुक-वॉट्सऐप ने भी ट्वीट कर ऐप में आ रही दिक्कतों को ठीक करने की बात कही, वहीं तीनों सोशल मीडिया प्लेटफार्म के डाउन होने के बारे में ट्विटर पर इस दौरान 8.5 लाख ट्वीट किये गए। पूरी रात परेशान यूजर्स ने सुबह साढ़े चार बजे राहत की सांस ली, जब सेवाएं फिर से बहाल हुईं। सेवाएं बहाल करने की जानकारी देने के बाद कंपनी ने यूजर्स से सर्वर डाउन से होने वाली समस्या के लिए माफी भी मांगी। हालांकि पेरेंट कंपनी फेसबुक ने इस खराबी की वजह नहीं बताई है लेकिन कहा जा रहा है डोमेन नेम सिस्टम डीएनएस की प्रॉबलम हो सकती है। बता दें कि 6 घंटे तक थमी रही मैसेंजिंग की दुनिया का असर फेसबुक के शेयर्स पर पड़ा है, जो आउटेज के बाद 6% तक गिर गये। अमेरिकी स्टॉक मार्केट नैस्डेक में फेसबुक का शेयर सात फीसदी तक गिरा, जिससे मार्क जुकरबर्ग की कंपनी फेसबुक का बाजार मूल्य 52 हजार करोड़ रुपये घट गया।
2- ड्रग्स मामले में गिरफ्तार हुए एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को 7 अक्टूबर तक NCB की कस्टडी में भेज दिया गया है। कल, सोमवार को मुंबई की किला कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान NCB ने कोर्ट से आर्यन खान की कस्टडी 11 अक्टूबर तक बढ़ाने की मांग की लेकिन कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड मंजूर करते हुए कस्टडी 7 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। सुनवाई के दौरान NCB ने आरोपियों से बरामद ड्रग्स की जानकारी दी, साथ ही पार्टी ऑर्गनाइजर्स और पेडलर्स का भी जिक्र हुआ। एनसीबी की जांच के दौरान ये भी पता चला है कि आर्यन खान बीते चार साल से ड्रग्स ले रहा था जिसकी जानकारी शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान को पहले से थी। वहीं आर्यन के वकील ने कहा कि अगर जांच ही करनी है तो शिप पर एक हजार लोग थे, उनकी भी जांच होनी चाहिए, चंद लोगों पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है? मामले की सुनवाई के बाद किला कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि NDPS एक्ट के तहत तमाम अपराध गैर-जमानती हैं, इसलिए जमानत देने या न देने का तो सवाल ही नहीं उठता। जरूरी बात यह है कि आरोपियों को कस्टडी में भेजा जाए या नहीं। इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने आरोपियों को 7 अक्टूबर तक NCB की कस्टडी में रिमांड पर भेज दिया।
3- पंजाब कांग्रेस में मची कलह इस्तीफों का लंबा दौर जारी रहने के बाद भी थमती नजर नहीं आ रही, यहां अभी भी आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी दौरान कल एक बार फिर पंजाब कांग्रेस के इंचार्ज हरीश रावत ने पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ट्विटर के जरिए हमला बोला। हरीश रावत ने ट्विटर पर एक ट्वीट के साथ दो तस्वीर की एक पूरी चिट्ठी पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने अमरिंदर के लगाए आरोपों और उनके पार्टी छोड़ने की वजहों का खुलासा किया है। रावत का आरोप है कि कैप्टन बीजेपी के दबाव में थे और अकाली दल से मिले हुए है. इसलिए वो आने वाले चुनाव में पार्टी की जीत नहीं चाहते थे। रावत ने ये भी कहा कि वो विधायक दल की मीटिंग में इसलिए नहीं आए क्योंकि वो सवालों से बच रहे थे, अपनी जवाबदेही से बचने के लिए ही उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया है। हरीश रावत ने कैप्टन पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि अमरिंदर बताएं कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए कितनी बार विधायक दल की मीटिंग बुलाई, जबकि मुख्यमंत्री का यह भी दायित्व है कि वो समय-समय पर विधायक दल की मीटिंग बुलाएं। रावत ने ये तक कहा कि उन्होंने विधायक दल की मीटिंग से पहले कई बार अमरिंदर से बात करनी चाही लेकिन अमरिंदर ने उन्हें भी मिलने का वक्त नहीं दिया। कैप्टन ने अपने इस्तीफे को लेकर कहा है कि वे कांग्रेस में खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे इसलिए उन्होंने सीएम पद छोड़ दिया। इसपर हरीश रावत ने कहा है कि कांग्रेस में अपमानित होकर CM कुर्सी छोड़ने की अमरिंदर सिंह की बात गृह मंत्री शाह से मुलाकात के बाद सामने आई।
4- कल, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर से किसानों द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें किसान महापंचायत ने जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण ढंग से सत्याग्रह करने की इजाजत मांगी है, इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई घटना का जिक्र किया। कोर्ट ने कहा, प्रदर्शनकारी दावा तो करते हैं कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, लेकिन जब वहां हिंसा होती है तो कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं होते हैं। साथ ही कोर्ट ने किसान महापंचायत से सवाल किया कि कृषि कानूनों को फिलहाल लागू करने पर रोक है तो किसान प्रदर्शन क्यो कर रहे हैं, वहीं किसान महापंचायत की याचिका के विरोध में केंद्र की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए किसानों के विरोध प्रदर्शन पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है। बता दें कि रविवार को लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 4 किसान थे, लेकिन घटना पर सियासत ना गर्माए इसका ध्यान रखते हुए योगी सरकार ने 24 घंटे के भीतर ही मामला सुलझा लिया है। प्रशासन ने किसान नेताओं से बातचीत कर उन्हें भरोसा दिलाया है कि सप्ताह के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी होगी, साथ ही घटना में मारे गए किसानों के परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी और 45 लाख का मुआवजा दिया जाएगा, जबकि घायलों को 10 लाख का मुआवजा मिलेगा। प्रशासन ने घटना की न्यायिक जांच की भी बात कही है।
5- सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार की योजना को मंजूरी देते हुए आदेश दिया कि कोरोना से हुई मौत पर 30 दिन के अंदर पीड़ित परिवार को मुआवजा देगा होगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि हर जिले में एक कमेटी बनाकर ऐसे डेथ सर्टिफिकेट में सुधार कराए जाएं जिनकी कोरोना से मौत का दावा किया जा रहा है। कोर्ट ने ये भी कहा कि कोई भी राज्य डेथ सर्टिफिकेट में मौत का कारण कोविड -19 दर्ज न होने पर मुआवजा देने से इनकार नहीं कर सकता। बता दें कि केन्द्र सरकार ने कोरोना से होने वाली मौत पर 50 हजार रुपये के मुआवजे की बात कही थी, जिसे कल सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। साथ ही कोर्ट ने NDMA यानि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी को मुआवजे के लिए गाइडलाइंस तैयार करने का आदेश दे दिया है। जिसके तहत कोरोना से किसी की मौत होने पर आवेदन के 30 दिनों के भीतर मुआवजे देना होगा। मुआवजे की ये रकम SDRF स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड से पीड़ित परिवार को मुहैया कराई जाएगी। साथ ही मुआवजे की ये रकम केन्द्र और राज्य सरकारों की अन्य योजनाओं से मिलने वाली मदद से अलग होगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि ये आदेश, फैसले की तारीख के बाद होने वाली मौतों पर भी लागू होगा।