आज शुक्रवार है, तारीख 1 अक्टूबर 2021; आश्विन मास, कृष्ण पक्ष और दशमी तिथि।
1- सुर्खियों में आजकल सिर्फ कांग्रेस सुनाई दे रही है और कांग्रेस की कलह में गूंज रहा है पंजाब का नाम। इस कलह के बीच, लीडरशिप पर पार्टी के ही वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी निकल कर सामने आ रही है। पंजाब कांग्रेस में जारी कलह को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बाद, पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने भी कल, गुरुवार को पार्टी हाईकमान पर निशाना साधा। नटवर सिंह ने भी कांग्रेस की खराब स्थिति के लिए गांधी परिवार को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, तीन लोग बैठे हैं, जो सारे फैसले लेते हैं, जिनमें से एक राहुल गांधी हैं। नटवर सिंह ने कहा कि भले ही राहुल गांधी के पास कोई पद नहीं है, लेकिन वे सभी मामलों में फैसले लेते हैं, उन्होंने ही 52 साल का लंबा राजनीतिक अनुभव रखने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने का फैसला लिया है और कांग्रेस ने कैप्टन की जगह नवजोत सिंह सिद्धू को जिम्मेदारी दे दी, जो कभी भी कुछ भी फैसला ले सकते हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस में अब न तो कभी वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग होती है और न कभी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुलाई जाती है। पार्टी में जारी कलह को लेकर नटवर सिंह ने राहुल प्रिंयका पर निशाना साधते हुए कहा, पार्टी में इतना बड़ा संकट आया है और फैसले लेने वाले दूर बैठे हैं, अगर इंदिरा गांधी या राजीव गांधी होते तो वह इस समय पार्टी के संकट सुलझा रहे होते।
2- पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की कवायद सफल होती नजर आ रही है क्योंकि कल, गुरुवार को सिद्धू और पंजाब के नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बीच हुई मीटिंग में सुलह की बात सामने आ रही है। दोनों की मीटिंग के बाद ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि सिद्धू पंजाब कांग्रेस के प्रधान बने रह सकते हैं। दो घंटे चली इस मीटिंग में ये भी तय हुआ है कि पंजाब सरकार में आपसी तालमेल बिठाने लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, जो सरकार में लिए जा रहे हर बड़े फैसले पर विचार करेगी। इस पैनल में सीएम चन्नी के साथ-साथ नवजोत सिंह सिद्धू और एआईसीसी के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। हालांकि डीजीपी और महाधिवक्ता की नियुक्ति को लेकर उभरे मतभेद से कैसे निपटा जाए इस पर तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है, बता दें कि अधिकारियों और मंत्रियों की नियुक्ति में मतभेद के चलते ही सिद्धू ने मंगलवार को इस्तीफा दिया था, और मीटिंग में भी सबसे बड़ा पेंच DGP इकबालप्रीत सहोता को हटाने को लेकर रहा, लेकिन सिद्धू की इस मांग को पूरा करने से चन्नी ने फिलहाल इनकार कर दिया है, साथ ही विवादित मंत्रियों पर भी हाईकमान ही फैसला लेगा।
3- पंजाब के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने ट्विटर बायो से भी कांग्रेस हटा दिया है, वहीं उनकी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि कैप्टन भाजपा में शामिल हो सकते हैं, लेकिन दो दिन के दिल्ली दौरे के बाद कल वापस चंड़ीगढ़ लौटे अमरिंदर सिंह ने ये साफ कर दिया है कि वो कांग्रेस छोड़ रहे हैं लेकिन भाजपा ज्वाइन नहीं करेंगे। अमरिंदर ने कहा कि वे उस कांग्रेस पार्टी को छोड़ रहे हैं जिसमें उनको अपमानित किया गया और भरोसा नहीं रखा गया। जब उनसे पूछा गया कि वो कांग्रेस से इस्तीफा कब दे रहे हैं तो जवाब में कैप्टन ने कहा कि सोनिया गांधी को मैं सही समय पर अपना इस्तीफा भेज दूंगा। वहीं शाह से मुलाकात पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा के कई मुद्दे थे, जिन पर मैंने गृह मंत्री और NSA से बात की है। सिद्धू से नाराज़ कैप्टन ने एक बार फिर कहा कि मैं पहले कह चुका हूं कि सिद्धू पंजाब के लिए सही आदमी नहीं है। वो जहां से भी लड़ेगा, मैं उसे नहीं जीतने दूंगा। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन पहले भी सिद्धू को एंटी नेशनल बताते हुए ऐलान चुके हैं कि वो सिद्धू को पंजाब का CM नहीं बनने देंगे और उनके खिलाफ चुनाव मैदान में दमदार कैंडिडेट उतारेंगे। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने CM चरणजीत सिंह चन्नी को नसीहत भी दी है। कैप्टन ने कहा है कि मैं साढ़े 9 साल मुख्यमंत्री रहा, लेकिन कभी पार्टी अध्यक्ष ने सरकार चलाने में दखल नहीं दिया और न ही मैने प्रधान होते हुए ऐसा किया। सरकार में अफसरों की नियुक्ति का काम मुख्यमंत्री का है, न कि नवजोत सिंह सिद्धू का।
4- हाल ही में पूर्वी लद्दाख में तनावपूर्ण स्थिति को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी की थी कि इसके लिए भारत जिम्मेदार है, चीन की इसी टिप्पणी का जवाब देते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि LAC से सटे हुए इलाकों में शांति भंग करने के लिए भारत को जिम्मेदार बताने के सभी आरोप निराधार हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को इस विषय पर कहा कि चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC पर उकसाने वाली हरकतें कर रहा है, वो न सिर्फ सैनिकों की तादाद बढ़ा रहा है, बल्कि यहां हथियारों का जखीरा भी जुटा रहा है, भारत भी चीन की हरकतों पर पैनी नजर बनाए हुए है और देश की सुरक्षा के लिए तैयारी पूरी की गई है। भारत ने LAC पर जो भी तैनाती की है वो चीन की तैयारियों के जवाब में है। अगर उस तरफ से कोई भी हरकत होती है तो भारत को पूरा हक है कि वो इसका जवाब दे। बता दें कि बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनियांग ने भारतीय सेना पर आरोप लगाया था कि वो गैरकानूनी तरीके से चीन की जमीन पर कब्जा कर रही है। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीन के आरोपों का कोई आधार नहीं है, भारत उम्मीद करता कि चीनी पक्ष द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करेंगें।
5- कोरोना महामारी से बचाव के लिए कारगर हथियार है वैक्सीन, जिसे प्रत्येक की पहुंच में लाने के लिए सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है और 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन दी जा रही है, अच्छी खबर ये है कि सिर्फ सितंबर महीने में ही 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लगाई गई हैं जिसके बाद देश मे अभी तक 18 साल से ज्यादा उम्र के हर चौथे शख्स को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। जबकि 68 प्रतिशत आबादी वैक्सीन की पहली डोज ले चुकी है। वहीं हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, गोवा, सिक्किम, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार जैसे छोटे राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों पूरी आबादी को वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, केरल समेत देश के 10 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 80 फीसद से ज्यादा लोग वैक्सीन की एक डोज ले चुके हैं। बता दें कि देश में कोरोना वैक्सीन का आंकड़ा 89 करोड़ के पार हो चुका है और सरकार को पूरी उम्मीद है कि वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए निर्धारित रोडमैप के हिसाब से 31 दिसंबर तक सभी व्यस्कों के कंप्लीट वैक्सीनेशन के टार्गेट को हासिल कर लिया जाएगा।