आज गुरुवार है, तारीख 09 सितंबर 2021; भादों मास, शुक्ल पक्ष, तृतीया तिथि
1- एक तरफ लगातार कई महीनों से किसान एमएसपी की लिखित गारंटी और तीनों कृषि कानूनों की वापसी के लिए सड़कों पर हैं और महापंचाय़तों के जरिए देशभर के किसानों को जोड़कर आंदोलन को मजबूत करने की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन सरकार कहीं भी किसानों की मांगों के सामने झुकती नजर नहीं आ रही, हां आंदोलन की इन तमाम गतिविधियों के बीच सरकार की तरफ से किसानों के हित में एक औस फैसला लेते हुए सरकार ने कई रबी फसलों की एमएसपी में इजाफा किया है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने एमएसपी में बढ़ोत्तरी के लिए जहां केन्द्र को धन्यवाद कहा तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने इसे किसानों के साथ क्रूर मजाक बताया है। बता दें कि सरकार ने रबी फसलों में दलहर में मसूर और तिलहन में सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी की है। रबी फसलों की MSP बढ़ाने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई यूनियन कैबिनेट की बैठक में लिया गया। बता दें कि फसल वर्ष 2022-23 के लिए केन्द्र ने
मसूर और सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 400-400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की है वहीं चने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 130 रुपए, गेहूं के समर्थन मूल्य में 40 रुपए प्रति क्विंटल और जौ के समर्तन मूल्य में 35 रुपये का इजाफा किया गया है। एमएसपी बढ़ाने के अलावा यूनियन कैबिनेट की बैठक में टेक्सटाइल सेक्टर के लिए PLI यानि प्रॉडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम को भी मंजूरी दी गई है। इश स्कीम के तहत टेक्सटाइल के प्रॉडक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अगले पांच साल में 10,683 करोड़ रुपए का खर्च करेगी, इस स्कीम के जरिए सीधे तौर पर साढ़े सात लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
2- असम के जोरहट जिले के नीमतीघाट में भीषण नाव दुर्घटना में कई लोगों के लापता होने की खबर है, बताया जा रहा है कि कल, बुधवार को ब्रह्मपुत्र नदीं में यात्रियों से भरी दो नावों में टक्कर हो गई। जिस वक्त ये हादसा हुआ दोनों नावों में करीब 120 लोग सवार थे, नावों में करीब 25 से 30 बाइक भी रखी हुई थीं। यात्रियों में से 70 लोग लापता बताए जा रहे हैं, 50 को बचा लिया गया है जबकि एक यात्री की मौत की पुष्टि हुई है। असम मे हुए इस नाव हादसे पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया, उन्होंने लिखा, Saddened by the boat accident in Assam. All possible efforts are being made to rescue the passengers. I pray for everyone’s safety and well-being. गृह मंत्री अमित शाह ने भी असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से फोन पर बात कर नाव दुर्घटना की स्थिति का अपडेट लिया और सीएम को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू आपरेशन में जुटी हुई हैं। इस बीच Assam State Disaster Management ने दुर्घटना में लापता हुए लोगों की जानकारी प्राप्त करने के लिए जनता से टोल फ्री नंबर पर काल करने की अपील की है।
3- केरल में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले तीसरी लहर के खतरे को गंभीर करते नजर आ रहे हैं, यहां बुधवार को संक्रमण दर बढ़कर 17.63 फीसद हो गई है, यानि कोविड टेस्ट कराने वालों में कर 17 फीसद से ज्यादा लोग संक्रमित मिल रहे हैं। बीते 24 घंटे में केरल में 30 हजार 196 नये मामले सामने आए हैं, जबकि 181 लोगों ने कोरोना के चलते जान गंवाई है। वहीं राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 42 लाख 83 के पार हो गई है। 4-5 दिन 30 हजार से कम मामले सामने आने के बाद यहां पॉजिटिविटी रेट 16 फीसद के नीचे आ गया था लेकिन बुधवार को 1 लाख 71 हजार 295 सेंपल्स की कोविड-19 जांच होने के साथ संक्रमण की दर बढ़कर 17.63 प्रतिशत हो गयी है। बता दें कि राज्य में ओणम उत्सव के बाद कोरोना विस्फोट हुआ, जिसके बाद दैनिक मामले 30 हजार के पार हुए और राज्य सरकार को नाइट कर्फ्यू व संडे लॉकडाउन लगाना पड़ा, इसके बाद रविवार को घटते मामलों को देखते हुए ये प्रतिबंध हटा दिए गए थे, लेकिन अब एक बार फिर दैनिक संक्रमितों की संख्या तीस हजार के आंकड़े को पार कर गई है, जो कि चिंता का विषय है। वहीं महाराष्ट्र में भी तीसरी लहर की आहट सुनाई देने लगी है जिसके बाद स्थानीय प्रशासन जल्द ही संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए पाबंदियों का ऐलान कर सकता है।
4- अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद यहां लगातार विरोध की आवाजें बुलंद हो रही हैं, तालिबानी सत्ता के खिलाफ अफगानी महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है, जिसके बाद महिलाओं के प्रदर्शन को गंभीरता से लेते हुए तालिबानी हुकूमत ने ऐसे प्रदर्शनों पर शिकंजा कसने के लिए नया फरमान जारी किया है। जिसके मुताबिक प्रदर्शन करने के लिए पहले न्याय मंत्रालय से परमिशन लेनी होगी। स्थानीय अखबार पझवोक न्यूज के मुताबिक, प्रदर्शन करने वालों को, मंत्रालय को प्रदर्शन से जुड़ी तमाम जानकारियां देनी होंगी। जैसे – वो किसके खिलाफ, किस मकसद से प्रदर्शन कर रहे हैं, प्रदर्शन में कोन से नारे किसके खिलाफ लगाए जाएंगे, कहां पर प्रदर्शन किया जाएगा,
प्रदर्शन में कौन-कौन शामिल होगा, और कितने वक्त तक प्रदर्शन किया जाएगा आदि। इतना ही नहीं सुरक्षा एजेंसियों को भी 24 घंटे पहले बताना होगा। अफगानिस्तान में अपनी सत्ता कायम करने के बाद तालिबान को लगातार ऐसे विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा है, जिसे देखते हुए तालिबानी हुकूमत ने प्रदर्शनों पर लगाम लगाने के लिए ये फैसला लिया है।
5- अफगानिस्तान पर तालिबान के काबिज होने के बाद देश छोड़कर भागे अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक बयान जारी कर कहा है कि काबुल छोड़ देना उनकी जिन्दगी का सबसे कठिन फैसला था, लेकिन अफगानिस्तान के लोगों को खूनी संघर्ष से बचाने के लिए ये जरूरी था। उन्होंने अफगानिस्तान छोड़ने के लिए देश की जनता से माफी मांगी, साथ ही नकदी लेकर भागने की खबरों पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र या किसी भी दूसरी संवतंत्र संस्था से इसकी जांच कराने के लिए तैयार हैं। गनी ने कहा कि मैं और मेरी पत्नी अपनी संपत्ति को लेकर ईमानदार हैं। मैंने अपनी संपत्ति के बारे में सार्वजनिक
तौर पर जानकारी भी दी है। उन्होंने लिखा कि पैलेस की सुरक्षा कर रहे लोगों की सलाह पर मुझे जाना पड़ा वरना 1990 के गृह युद्ध जैसा मंजर सामने आ सकता था। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों को इसके बारे में सफाई देना उनका फर्ज है और काबुल से निकलने की पूरी
प्रक्रिया की जानकारी वे जल्द ही लोगों को देंगे।