आज सोमवार है, तारीख 23 अगस्त 2021; भादो मास, कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा तिथि
1- देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच एक राहत देने वाली खबर है कि संक्रमण के साप्ताहिक मामलों में 13 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बीते सप्ताह में 5 दिनों बाद रोजाना मिलने वाले संक्रमितों की संख्या 30 हजार के नीचे आई है। वहीं बीते 24 घंटे में भी कोरोना संक्रमितों की सख्या 26 हजार के नीचे रही है, कल देश में संक्रमण के 25 हजार 420 नए मामले सामने आए हैं जबकि 385 लोगों की मौत हुई है। राहत की बात ये है कि इस दौरान 44 हजार से ज्यादा संक्रमितों ने कोरोना को मात दी है। तीसरी लहर की दस्तक के मंडराते खतरों के बीच संक्रमण के आंकड़ों में गिरावट और रिकवरी रेट में बढ़ोत्तरी राहत वाली खबर है लेकिन प्रशासन के साथ साथ जनमानस को भी तीसरी लहर के खतरों को देखते हुए संक्रमण को फैलने से रोकने में अपनी भागीदारी निभाते रहनी होगी, ताकि कोरोना के अंदेशित कहर से बचाव संभव हो सके।
2- हर जुल्म करने की वाले कि यही कहानी, उसे आखिर में है मुंह की खानी, ये लाइनें सोशल मीडिया पर छाई एक तस्वीर पर पंजाबी में लिखी है, ये तस्वीर 1989 में पब्लिश जन तक पैगाम नाम की पंजाबी मैगजीन का कवर पेज है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का स्केच बना हुआ है और वो इंसानों की खोपड़ियों के ढेर पर खड़ी हैं, स्केच में इंदिरा गांधी के हाथ में दिखाई गई बंदूक पर भी एक इंसानी खोपड़ी लटकी हुई है, यानि तस्वीर में 1984 के दंगों को दिखाते हुए उसके लिए इंदिरा गांधी को जिम्मेदार माना गया है। इतने पुराने मैग्जीन कवर पेज को अपने फेसबुक पेज से शेयर किया है, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के करीबी और सलाहकार मालविंदर सिंह माली ने, जो उस वक्त मैगजीन के संपादक भी थे। इस पोस्टर को सोशल मीडिया पर शेयर करने के बाद से माली एक बार फिर विवादों में हैं। कांग्रेस के नेताओं ने तस्वीर पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इस पोस्ट को फेसबुक पेज से हटाने की मांग की है लेकिन न तो माली ने वो पोस्ट डिलीट की और न ही माफी मांगी। बता दें कि इससे पहले मलविंदर सिंह माली ने अपने फेसबुक पोस्ट में जम्मू-कश्मीर को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जिसमें कश्मीर को एक अलग देश बताया था और कश्मीर पर भारत-पाकिस्तान के अवैध कब्जे की बात कही थी। पंजाब के सीएम अमरिंदर ने पार्टी चीफ नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि वो सिद्धू को सलाह देने तक ही सीमित रहें, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से ऐसे मसलों पर बोलना गलत है।
3- अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता कायम होने के बाद जहां कई देश अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को जल्द से जल्द वहां से निकालने की कोशिशों में जुटे हैं तो खुद अफगानिस्तान के हजारों नागरिक भी उस देश को छोड़ देना चाहते हैं, क्योंकि खूंखार तालीबानी सत्ता से हर किसी को वहां जान का जोखिम है। भारत भी अफगानिस्तान में फंसे अपने सैकड़ों नागरिकों को वहां से निकालने के लिए रोजाना काबुल से दो उड़ाने संचालित कर रहा है। कल, रविवार को भी भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान, काबुल से 168 लोगों को लेकर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंचा, जिनमें 23 अफगान सिख और हिंदू हैं। इन लोगों में अफगानिस्तान के सिख सांसद नरेंद्र सिंह खालसा भी थे, जिन्होंने अफगानिस्तान से सुरक्षित भारत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, भारत सरकार और भारतीय वायुसेना को शुक्रिया कहा साथ ही एक सांसद के तौर पर अपना देश छोड़ने को लेकर वो भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा कि 20 साल में जो कुछ बनाया था, सब खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अभी सैकड़ों हिदू सिख फंसे हुए हैं, एयरपोर्ट के हर गेट पर 5-6 हजार की संख्या में लोग खड़े हैं, वहां स्थिति बहुत अच्छी नहीं है लेकिन धार्मिक स्थल अभी सुरक्षित हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान भावुक हुए सिख सांसद ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि, हिंदू और सिख भाई बहुत परेशान हैं। भारत सरकार से यही अपील करता हूं कि जितने बंदे वहां बचे हैं, उनको भी ले आया जाए। इसके अलावा तीन प्राइवेट फ्लाइट्स एयर इंडिया, विस्तारा और इंडिगो से भी 200 से ज्यादा भारतीय कल काबुल से भारत पहुंचे। जिन्होंने अफगानिस्तान की हालत बयां करते हुए कहा कि लोग वहां से निकलने को छटपटा रहे हैं।
4- काबुल पर काबिज होने के बाद तालिबानी अब विद्रोहियों के गढ़ कहे जाने वाली पंजशीर घाटी पर कब्जा करने के लिए तैयार हैं, वहीं विद्रोही अहमद मसूद की सेना भी जंग के लिए कमर कस चुकी है, अहमद मसूद ने साफ किया है कि पंजशीर वैली आतंक के सामने हथियार नहीं डालेगी। जब से तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा किया है तभी से पंजशीर के तालिबान विरोधी लड़ाके जंग के लिए एकजुट हो रहे हैं, काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से हजारों की संख्या में लोग पंजशीर आए हैं इस तरह अहमद मसूद के नेतृत्व में 9 हजार से ज्यादा विद्रोही इकट्ठा हो चुके हैं। तालिबान विरोधी इन लड़ाकों में सबसे ज्यादा अफगान नेशनल आर्मी के सैनिक हैं।
5- कोरोना काल ने शिक्षा को हर हाल में बिना किसी रुकावट जारी रखने का एक बेहतर विकल्प सुझाया, ऑनलाइन क्लासेज। अब UGC यानि University Grants Commission शिक्षा को और आसान बनाने के लिए इसी ऑनलाइन माध्यम को आगे भी जारी रखेगा। ऑनलाइन एजुकेशन को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए UGC ने देशभर के विभिन्न केंद्रीय और अन्य विश्वविद्यालयों के लिए नियमों में बदलाव किया है। जिनके तहत रेगुलर कॉलेजिस को कोरोना काल खत्म होने के बाद भी ऑलनाइन कोर्स चलाने और दूसरे जरूरी सिलेबस को डिसटेंस एजुकेशन के जरिए कंडक्ट कराने की परमिशन होगी। इसी के लिए UGC ने 123 ऑनलाइन कोर्सेज को शुरु करने का फैसला किया, जिन्हें देशभर के स्टूडेंट्स ऑनलाइन कर सकेंगे। इन कोर्सेज में 40 कोर्स पोस्ट ग्रेजुएक्ट्स और 83 ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए होंगे। सभी कोर्सेज की पूरी जानकारी UGC की वेबसाइट से ली जा सकती है। इन ऑनलाइन कोर्सेज के लिए स्टूडेंट्स को ऑनलाइन प्लेटफार्म स्वयं या स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव लर्निग फार यंग एस्पाइरिंग माइंड्स के माध्यम से आवेदन करना होगा।
6- स्वतंत्रता के 75 बरस पूरे होने के मौके पर सरकार द्वार आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, इसी के लिए 23 से 29 अगस्त तक आइकॉनिक वीक सेरेमनी के तहत, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों के जरिए आजादी की लड़ाई के मूल्यों व गौरव के साथ–साथ नए भारत की आशाओं और सपनों को प्रदर्शित किया जाएगा। कल, रविवार को मंत्रालय की तरफ से इसके लिए जारी किए गए बयान में कहा कि, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर इस सेरेमनी का शुभारंभ करेंगे, जिसमें जन भागीदारी – जन आंदोलन के तहत देशभर की आवाम की भागीदारी होगी। व्यापक स्तर पर किए जा रहे इस कार्यक्रम का उद्देश्य होगा नए भारत की अद्भुत यात्रा को दर्शाना, साथ ही आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों व योगदान को सम्मान अर्पित कर जश्न मनाना। आजादी का ये अमृत महोत्सव कल्चरल प्रोग्राम्स, नुक्कड़ नाटकों और टेलीविजन प्रोग्राम्स जैसे आम साधनों के अलावा डिजिटल और सोशल मीडिया के मॉर्डन माध्यमों के जरिए सेलिब्रेट किया जाएगा। जैसे इस पूरे हफ्ते टीवी पर प्रतिष्ठित फिल्में दिखाई जाएंगी। नेताजी और देसी रियासतों का विलय जैसी डॉक्यूमेंट्रीज टेलीकास्ट होंगी। वहीं आकाशवाणी पर इस हफ्ते ‘आजादी का सफर, आकाशवाणी के साथ’ के तहत स्पेशल प्रोग्राप्स की एक सीरीज चलाई जाएगी।