आज रविवार है, तारीख 22 अगस्त 2021; श्रावण मास, शुक्ल पक्ष और पूर्णिमा तिथि। सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं।
1- उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल कल्याण सिंह का कल 89 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने कल, 21 अगस्त की रात करीब सवा नौ बजे लखनऊ के PGI में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भाजपा समेत तमाम राजनीतिक दलों में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और योगी आदित्यनाथ समेत कई राजनेताओं ने यूपी में भाजपा के पहले सीएम बने कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताया है। और सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में 3 दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। बाबू जी कह कर पुकारे जाने वाले कल्याण सिंह 48 दिन से लखनऊ PGI में एडमिट थे। इस बीच सीएम योगी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा समेत कई नेता उनका हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे थे। लंबे वक्त से बीमार कल्याण सिंह हालत में सुधार न होने की वजह से वे पिछले 7 दिनों से वेंटिलेटर पर थे और कल उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार सोमवार, 23 अगस्त शाम को नरौरा में गंगा तट पर किया जाएगा। इस दिन यूपी में पब्लिक हॉलीडे रखा गया है ताकि लोग, बाबू जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। राम मंदिर के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले कल्याण सिंह की अंतिम इच्छा थी कि वे राम मंदिर देखें, लेकिन उनकी ये इच्छा पूरी न हो सकी।
2- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को ऐसे लोगों के लिए सुकून भरी घोषणा की, जिन्होंने कोरोना काल में अपनी नौकरी गंवाई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जिन लोगों ने कोरोना काल में अपना रोजगार खोया है, उन सभी के EPFO खाते में केन्द्र सरकार द्वारा साल 2022 तक PF का अंशदान जमा किया जाएगा। ये लाभ उन सभी लोगों को मिल सकेगा जिनका EPFO में रजिस्ट्रेशन होगा। इस दौरान वित्त मंत्री ने 16 योजनाओं के तहत लोगों को रोजगार की भी बात कही। उन्होंने कहा, अगर किसी जिले में औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले 25 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर अपने मूल शहर लौटे हैं तो उन्हें केंद्र सरकार की 16 योजनाओं में रोजगार दिया जाएगा। कोरोना के चलते सरकार ने मनरेगा का बजट पहले ही 60 हजार करोड़ से बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। MSME सेक्टर की मजबूती पर बात करते हुए निर्मला सितारमण ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़, सूक्ष्म, लघु व मझोले उद्योगों को दशकों तक जो स्थान नहीं मिला वो मौजूदा सरकार ने दिलाया है, आगे भी इसे और सक्षम बनाने के लिए काम किया जाएगा।
3- भारत को NATO यानि नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन और अमेरिकी फोर्स से परमीशन मिलने के बाद भारत, अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने के लिए रोजाना काबुल से 2 फ्लाइट ऑपरेट कर सकेगा। बताया जा रहा है कि अभी भी अफगानिस्तान में 300 भारतीय फंसे हुए हैं। जिन्हें निकालने के लिए भारत सरकार लगातार कोशिशें कर रहा है। भारत अभी तक ताजिकिस्तान के दुशांबे और कतर से अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट कर रहा था, लेकिन इस परमिशन के मिलने के बाद भारत अपने लोगों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए पहली दफा काबुल एयरपोर्ट से विमान का संचालन कर सकेगा। बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमेरिकी फोर्स के कंट्रोल में है।
4- जलवायु संकट को लेकर यूनिसेफ की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यावरण में हो रहे बदलाव बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा लिए भी बड़ा खतरा हैं, ये खबर भारत के लिए और खास व चिंता का विषय है, क्योंकि UNICEF द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में दक्षिण एशिया के 4 एक्सट्रीमली हाई रिस्क कंट्रीज में भारत का भी नाम है, और बाकी के तीन देश हैं पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान । बच्चों पर केन्द्रित यूनिसेफ की इस रिपोर्ट का टाइटल है The Climate Crisis is a Child Rights Crisis: Introducing the Children’s Climate Risk Index. जिसमें पर्यावरण संकटों जैसे लू और चक्रवातों आदि से बच्चों को होने वाले खतरों का आंकलन किया गया है। Children’s Climate Risk Index में भारत ऐसे 33 एक्सट्रीमली हाई रिस्क देशों के बीच है, जिनमें बाढ़, वायु प्रदूषण और ईकोलॉजिकल क्राइसिस की वजह से औरतों व बच्चों पर नेगेटिव इफेक्ट होता है और भारत के लिए ये चिंता की बात इसलिए है क्योंकि साल 2020 में दुनिया में सबसे प्रदूषित वायु वाले 30 शहरों में 21 शहर भारत के है। यूनिसेफ कि रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी होने से आने वाले वक्त में करीब आधी भारतीय आवाम को भारी जल संकट से जूझना पड़ेगा। जबकि शहरी क्षेत्रों में अचानक बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा।
5- अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता की सराहना करने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राणा को अपने बयान के चलते भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को जहां उनके खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया तो वहीं कल, शनिवार को हिंदू महासभा ने हजरतगंज चौराहे पर मुनव्वर राणा का पुतला फूंका और मुनव्वर राणा की गिरफ्तारी की मांग की। तालिबानियों की तुलना महर्षि वाल्मीकि से करने वाले मुनव्वर राणा के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने और एससी-एसटी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद मुनव्वर राणा ने कहा था कि भारत को अफगानिस्तान से नहीं, बल्कि पाकिस्तान से डरने की जरूरत है क्योंकि तालिबानियों का कश्मीर से कोई लेना-देना नहीं है। वाल्मीकि जी पहले क्या थे और बाद में क्या हो गए। तालिबानी भी बदल चुके हैं, अब पहले जैसा माहौल नहीं है। जिसके बाद आम लोगों के साथ साथ कांग्रेव व बीजेपी नेताओं ने भी मुनव्वर राणा के बयान पर आपत्ति जताई थी।