आज बुधवार है, तारीख 11 अगस्त 2021; श्रावण मास, शुक्ल पक्ष और तृतीया तिथि।
1- ओबीसी रिजर्वेशन बिल को कल, मंगलवार को लोकसभा में मंजूरी दे दी गई है। राज्यों को ओबीसी आरक्षण की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाला ये बिल लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ। इस बिल के पक्ष में 385 वोट पड़े हैं। इस बिल के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा। इस बिल के पास होने से अब राज्य सरकारें अपनी मर्जी से किसी भी जाति के सामाजिक, शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की लिस्टिंग कर, उनको ओबीसी में शामिल कर उन्हें आरक्षण का लाभ दे सकती हैं। इस बिल को सभी का समर्थन तो मिला लेकिन साथ ही विपक्षी नेताओं ने सरकार पर निशाना भी साधा। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओबैसी ने मोदी सरकार पर हमला बोला, और कहा कि शाहबानो की तर्ज पर मोदी सरकार ये ओबीसी आरक्षण बिल लाई है। मुसलमानों को आरक्षण नहीं सिर्फ खजूर मिलेगा। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, केंद्र सरकार की गलती के कारण ही ये विधेयक लाना पड़ा है। वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, इतना महत्वपूर्ण विधेयक पारित हो रहा है तो उसी के साथ आरक्षण की सीमा को बढ़ाया जाए। जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए जाएं। द्रमुक के दयानिधि मारन ने कहा कि देश की जनता सच जान चुकी है कि जब चुनाव आते हैं तो यह सरकार ऐसे कुछ कदम उठाती है।
2- मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने देश की 8 पार्टियों पर जुर्माना लगाया है, इस जुर्माने की वजह है चुनावी केंडीडेट्स का क्रिमिनल रिकॉर्ड सार्वजनिक न करना। सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माने को लेकर दिए आदेश में BJP, कांग्रेस, JDU, RJD, LJP और CPI पर जहां एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, तो वहीं NCP और CPM पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है क्योंकि इन सभी पॉलिटिकल पार्टियों ने चुनावी प्रत्याशियों के क्रिमिनल रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने के कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया था। कोर्ट ने जुर्माने का आदेश देने से पहले कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि बार-बार अपील करने के बावजूद राजनीतिक दलों ने नींद तोड़ने में रुचि नहीं दिखाई। इन सभी पार्टियों पर जुर्माना लगाने के साथ ही कोर्ट ने कहा है कि पार्टी प्रत्याशी चुने जाने के 48 घंटे के अंदर केंडीडेट का क्रिमिनल रिकॉर्ड मीडिया में प्रकाशित करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पॉलिटिकल पार्टियों को ये निर्देश दिए हैं वे चुनावी केंडीडेट्स के क्रिमिनल रिकॉर्डस की जानकारी अपनी वेबसाइट्स पर अपलोड करें, साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी एक ऐप बनाने को कहा है, जहां वोटर्स, प्रत्याशियों से जुड़ी ऐसी जानकारी देख सकें। साथ ही प्रत्याशी के चुने जाने के 72 घंटे के अंदर इसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भी सौंपनी होगी और आदेश का पालन न होने पर आयोग को सुप्रीम कोर्ट को सूचित करने का भी आदेश दिया है।
3- पैसे निकालने जाओ और ऑटोमेटेड टेलर मशीन यानि ATM में कैश न मिले, इस दिक्कत का सामना हम सभी करते हैं, लेकिन अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस किल्लत को खत्म करने के लिए बैंकों पर जुर्माना लगाने का फैसला लिया है। एक अक्टूबर से लागू होने वाली इस प्रक्रिया के तहत, एटीएम में वक्त पर कैश नहीं डालने वाले बैंकों से 10 हजार का जुर्माना वसूला जाएगा। एक महीने के समय में यदि किसी ATM में 10 घंटे से ज्यादा वक्त तक कैश नहीं रहेगा तो उस बैंक को ये जुर्माना भरना होगा, RBI ने एक अक्टूबर से इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला इसलिए लिया है ताकि ATM में कैश नहीं होने की किल्लत से आम लोगों को परेशान न होगा पड़े, बैंकों द्वारा ATM में वक्त पर कैश डाला जाए, ATM में पर्याप्त कैश मौजूद रहे।
4- कोविड वैक्सीन लेने के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट पर प्रमानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर दी गई है, जिसपर ऐतराज जताते हुए कांग्रेस के कुमार केतकर ने सरकार से सवाल किया था कि क्या वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर छापना आवश्यक और अनिवार्य है? स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती पवार ने राज्यसभा में इसका एक लिखित जवाब देते हुए कहा कि वैक्सीनेशन कराने के बाद जारी किए जाने वाले वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए मैसेज के साथ तस्वीर व्यापक जनहित में है। ये सर्टिफिकेट, वैक्सीनेशन के बाद भी महामारी से बचाव के सभी नियमों का पालन करने के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाता है। उन्होंने जवाब में ये भी कहा कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट का फॉर्मेट स्टैंडर्ड के मुताबिक ही है जिसे WHO की सर्टिफिकेट्स संबंधी गाइडलाइन्स के मुताबिक ही तैयार किया गया है।
5- अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने अपनी एक रिपोर्ट में भविष्य की उस तबाही की आशंका जताई है, जो धरती के बढ़ते तामपान के चलते आएगी। नासा की इस रिपोर्ट में एक टूल के माध्यम से भविष्य के 80 साल दिखाए गए हैं। जिसके मुताबिक साल 2100 तक समुद्र के जलस्तर में हो रही बढ़ोत्तरी के कारण भारत के 12 तटीय शहर 3 फीट तक जल मग्न हो जाएंगे। बढ़ते वैश्विक तापमान के कारण ग्लेशियर्स के पिछलने से ये तबाही आएगी। भविष्य की ऐसी समुद्री आपदाओं की जानकारी हासिल करने के लिए नासा ने एक सी लेवल प्रोजेक्शन टूल बनाया है, इस ऑनलाइन टूल के जरिए भविष्य में आने वाली आपदा या समुद्र के बढ़ते जलस्तर का पता लगाना आसान होगा, और समुद्र के तटीय इलाकों में आने वाली आपदाओं से वहां बसे लोगों को वक्त रहते मदद पहुंचाने और उन्हें आपदा से पहले ही वहां से निकालने में मदद मिल सकेगी।