2- PNB घोटाले के आरोपी भगोड़े नीरव मोदी की बहन पूर्वी मेहता इस केस में अब सरकारी गवाह बन गई हैं। पूर्वी ने अपने ब्रिटेन के बैंक अकाउंट से ईडी को 17.25 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। पूर्वी का कहना है कि उन्हें इस अकाउंट बात की जानकारी थी कि ब्रिटेन में उनका बैंक अकाउंट है, लेकिन ये अकाउंट उन्होंने खुद नहीं खुलवाए और न ही खुद इसमें पैसे जमा किए। इसलिए पूर्वी ने अकाउंट की रकम प्रवर्तन निदेशालय को भेज दी। सूत्रों की मानें तो लंदन में रह रही नीरव मोदी की बहन पूर्वी ने इसी साल जनवरी में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी स्पेशल कोर्ट में आवेदन करके घोटाले के जुड़ी जानकारी इसकी जांच में लगी एजेंसी को बताने की पेशकश की थी जिसे कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ स्वीकार किया है। पूर्वी घोटीले से जुड़ी सही और पूजी जानकारी देने में सहयोग करेंगी इसलिए उन्हें और उनके पति मयंक मेहता को ईडी ने पूछताछ से राहत दी है, वहीं पूर्वी मेहता ने पहली जानकारी के तौर पर 17.25करोड़ रुपये की रकम ब्रिटेन अकाउंट से ईडी को ट्रांसफर की है।
3- देश में जब पैट्रोल डीजल के बढ़ते दामों ने सिर दर्द बढ़ाया हुआ है और पेट्रोल-डीजल पर टैक्स व सेस घटाने की मांग तेज हो रही है, ऐसे वक्त में एक ऐसी जानकारी सामने आई है, जो महामारी के दौरान भी पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स से हुए इजाफे को दिखाती है। जी हां, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर कस्टम एंड एक्साइज ड्यूटी से कोरोना महामारी जैसे कठिन समय में भी केन्द्र सरकार को अच्छी कमाई हुई है। RTI से पता चला है कि कोरोना महामारी के दौरान इनडायरेक्ट टैक्स से आने वाला रेवेन्यू करीब 56.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ 4.51 लाख करोड़ रुपए से ऊपर हो गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के आयात पर कस्टम ड्यूटी से 37,806.96 करोड़ रुपए आए हैं तो वहीं, देश में इन पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी से सरकार को 4.13 लाख करोड़ रुपए की आमदनी हुई है। ये जानकारी मध्य प्रदेश के नीमच जिले के RTI कार्यकर्ता चंद्रशेखर ने शेयर की है। चंद्रशेखर ने वित्त मंत्रालय और DGSDM से RTI के जरिए इस पर जवाब मांगा था।
4- सबसे पहले भारत में मिले डेल्टा वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि ऐसी आशंका जताई है कि आने वे महीनों में डेल्टा वैरिएंट दुनियाभर में हावी हो सकता है। आपको बता दें कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट अभी तक विश्व के करीब आधे देशों में फैल चुका है WHO के आंक़ड़ों के मुताबिक 29 जून 2021 इस वैरिएंट के मामले 96 देशों में रिपोर्ट हुए हैं। जिसे लेकर चेताते हुए WHO ने कहा है कि आने वाले हफ्तों में ये वैरिएंट पूरी दुनिया में बेहद संक्रामक बनकर उभर सकता है। ये वैरिएंट विश्व की सुधरती अर्धव्यवस्था के लिए नया खतरा बनकर उभरा है। जिसे फैलने से रोकने के लिए सभी देशों को स्थानी स्तर पर कड़ाई से सुरक्षा उपायों को लंबे वक्त तक लागू रखना पड़ सकता है। कोरोना वायरस के अभी तक वैरिएंट्स में डेल्टा सबसे ज्यादा संक्रामक और तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है। देश में कोरोना संक्रमण के घटते मामलों के बीच अब एक खतरा डेल्टा प्लस वैरिएंट का मंडराने लगा हैक्योंकि डेल्टा का ही बदला स्वरूप है और बताया जा रहा है कि ये डेल्टा से भी दोगुनी तेजी से फैलता है. भारत में दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट ही जिम्मेदार था, ऐसे में डेल्टा प्लस वैरिएंट के प्रति लापरवाही बेहद खतरनाक हो सकती है।
5- कल, 1 जुलाई से लागू हुई यूरोपीय संघ की डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट योजना ग्रीन पास के तहत अब यूरोप के 8 देशों में कोविशील्ड को मिला ग्रीन पास अप्रूवल मिल गई है। बता दे कि हाल ही में सरकार ने ग्रीन पास को लेकर यूरोपियन यूनियन से दो टूक शब्दों मे कहा था कि यदि भारत में दी जा रही वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को ग्रीन पास नहीं दिया जाएगा तो भारत भी यूरोप का वैक्सीन सर्टिफिकेटन नहीं मानेगा। इसी बीच गुरुवार को यूरोप के 8 देशों ने कोवीशील्ड को ग्रीन पास देते हुए इसे अपने यहां अप्रूव वैक्सीन की लिस्ट में शामिल कर लिया है। अप्रूवल देने वाले देशों में जर्मनी, स्लोवेनिया, ऑस्ट्रिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड, स्पेन और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। यानि कोवीशील्ड के दोनों डोज लेने वाले भारतीय को इन देशों में कोरोना नियमों से छूट मिलेगी। आपको बता दें कि ग्रीन पास मिलने पर इन वैक्सीन को लगवाने वाले भारतीय विदेश में कोरोना नियमों में छूट पा सकेंगे, लेकिन ग्रीन पास अप्रूव न होने पर विदेश जाने वाले भारतीयों को पहले वहां क्वारंटीन किया जाता है।
6- सात महीने से दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के विरोध में डेरा डाले बैठे किसान पीछे हटते नजर नहीं आ रहे, लेकिन वहीं केन्द्र सरकार भी कृषि कानूनों को निरस्त न करने के अपने फैसले पर अड़िग है और इसी बीच अपने फैसले पर सरकार को पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और NCP चीफ शरद पवार का साथ मिला है, गुरुवार को मुंबई में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में मीडिया से बाचतीच के दौरान शरद पवार ने कृषि कानूनों पर सहमति जताते हुए कहा कि कृषि कानूनों को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता। हां, कानून के उस हिस्से में बदलाव करना चाहिए, जिसे लेकर किसानों को आपत्ति है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि किसानों और सरकार के बीच डेडलॉक की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में सरकार को पहल करते हुए किसानों से इस विषय पर बात करनी चाहिए।