1- एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया के सबसे पसंदीदा नेताओं की लिस्ट में टॉप पर बने हुए हैं। कोरोना काल की विकट स्थिति में भी उनकी लोकप्रियता पर कोई फर्क नहीं पड़ा है और वे विश्व में सबसे ज्यादा स्वीकार्य नेता हैं। अमेरिकी डेटा इंटेलिजेंस फर्म ‘मॉर्निंग कंसल्ट’ द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में ये सामने आया है कि स्वीकार्यता के मामले में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब भी दूसरे वैश्विक नेताओं की तुलना में आगे चल रहे हैं, उनकी ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग 66 फीसदी है। सर्वे के अनुसार कोरोना काल में दूसरी लहर के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता घटी है यानि उनकी अप्रूवल रेटिंग में गिरावट आई है, बावजूद इसके पीएम मोदी, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील, फ्रांस और जर्मनी सहित 13 देशों के नेताओं से बेहतर बने हुए हैं। सर्वे की अप्रूवल रेटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी हैं, जिनकी अप्रूवल रेटिंग 65 फीसदी है और तीसरी नंबर पर हैं मैक्सिको के राष्ट्रपति लोपेज ओब्रेडोर, जिनकी रेटिंग 63 फीसदी है।
2- कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए राज्य महाराष्ट्र में 2 से 4 हफ्तों में संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका जताई गई है। गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में तीसरी लहर के लिए तैयारियों को लेकर यह समीक्षा बैठक की गई। इस मीटिंग में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स ने चेतावनी दी है कि 2-4 हफ्ते में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का प्रहार हो सकता है और इस दौरान यूके जैसी स्थिति बन सकती है, जिसमें 10 फीसदी बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है। वहीं ये भी आशंका जताई गई है कि तीसरी लहर के दौरान संक्रमण के मामले दूसरी लहर के दौरान संक्रमित हुए लोगों से दोगुनी तक हो सकती है और राज्य में एक्टिव केस थर्ड वेब के दौरान 8 से 10 लाख तक पहुंच सकते हैं। इस दौरान टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर शशांक जोशी, ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं और उसके खतरों को देखते हुए जरुरी गाइडलाइंस का पालन करना होगा क्योंकि बेकाबू भीड़, मास्क ना पहनने और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन ना करने से तीसरी लहर भयंकर साबित हो सकती है।
3- WHO और AIIMS के सीरोप्रेवैलेंस सर्वे में ये दावा किया गया है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक नहीं होगी, जैसा कि अंदेशा जताया जा रहा है। इस सर्वे में व्यस्कों के मुकाबले SARS-CoV-2 सिरोपॉजिटिविटी रेट बच्चों में ज्यादा मिली है जो नेचुरल इम्युन रिस्पॉन्स को माउंट करने की फिजिकल एबिलिटी बताती है। यही सीरोप्रिवैलेंस, संक्रमण की तीसरी लहर के खिलाफ बच्चों के लिए सुरक्षा कवच का काम करेगी। WHO और AIIMS के इस सीरोप्रेवैलेंस सर्वे के लिए देश के 5 राज्यों से 10 हजार सैंपल लिए गए थे। अभी आई सर्वे की रिपोर्ट 4 राज्यों के 4500 सैंपल्स के आधार पर तैयार की गई है और अगले 2-3 महीनों में पांचों राज्यों की पूरी रिपोर्ट आ जाएगी।
4- वाहनों के पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल यानि प्रदूषण प्रमाण पत्र को लेकर, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 में बदलाव करते हुए एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसके मुताबिक देशभर के सभी वाहनों के लिए एक जैसा प्रदूषण प्रमाण पत्र होगा और इनका डाटा नेशनल रजिस्टर से लिंक होगा। इस नोटिफिकेशन में पहली बार वाहन से ज्यादा प्रदूषण होने पर अमान्य पर्ची देने की व्यवस्था की गई है। वहीं अब प्रमाण पत्रों पर QR कोड दिया जाएगा, जिसमे व्हीकल और इसके मालिक के डीटेल्स जैसे मोबाइल नंबर, नाम, पता, वाहन का इंजन नंबर और चेसिस नंबर के साथ साथ पॉल्यूशन कंट्रोल से जुड़ी जानकारी भी होगी।
5- पश्चिम बंगाल में सियासी हलचल सदा गर्म रहती हैं, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को राजनीतिक हिंसा के आरोपों को लेकर भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा के लोग बंगाल में राजनीतिक हिंसा का आरोप लगाने की नौटंकी बंद करें। उत्तर प्रदेश जाएं, जहां गंगा में लाशें तैर रही हैं। बंगाल में कहीं भी राजनीतिक हिंसा नहीं हो रही है। हम इसकी निंदा करते हैं। ट्विटर के मुद्दे को लेकर केन्द्र पर निशाना साधते हुए ममता बोंली, जैसे ट्विटर को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार उसे खत्म कर देना चाहती है, उसी तरह मुझे और मेरी पार्टी को भी कंट्रोल करने के लिए हमें भी डराना चाहती है, लेकिन मैं बता दूं कि ये संभव नहीं है। केंद्र सरकार को अब ऐसे काम बंद कर देने चाहिए। आपको बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले से ही बीजेपी- टीएमसी की तकरार जारी है। विधानसभा चुनाव में ममता को जीत को मिली लेकिन वे अपनी ही सीट नंदीग्राम से शुबेंदु अधिकारी से हारी थीं, जिसे लेकर वे हाई कोर्ट पहुंची हैं, आज कलकत्ता हाईकोर्ट में इसपर सुनवाई होनी है।