1- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही राज्य में बीजेपी हर दिन कमजोर हो रही हैं, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की हार के बाद से ही पार्टी के दिग्गज नेता, जो टीएमसी छोड़ बीजेपी में आए थे फिर से टीएमसी की ओर लौट रहे हैं। यहीं नहीं, हाल ही में जब बीजेपी एमएलए सुवेंदु अधिकारी राजभवन में राज्यपाल से मिलने गए तो उनके साथ 77 में से सिर्फ 51 विधायक ही थे। अब भाजपा की मुश्किलें बढाई हैं सांसद सुनील मंडल ने। विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी छोड़ बीजेपी में आए सुनील मंडल ने अपने बयान में कहा कि टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वालों में से कई नेता यहां असहज महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पार्टी ने दिल से नहीं स्वीकारा। सुनील मंडल ने यहां तक कह दिया कि कुछ लोग सोचते हैं कि पार्टी में नए लोगों पर भरोसा करना सही नहीं है। उनके इस बयान से साफ है कि राज्य में आने वाले वक्त में बीजेपी में बड़ी उथल पुथल हो सकतीहै।
2- केन्द्र सरकार को कोरोना वैक्सीन की प्रति डोज 160 रुपये में देने वाली भारत बायोटेक ने मंगलवार को कहा कि कंपनी लंबे वक्त तक कोवैक्सिन को 160 रुपये में नहीं दे सकती क्योंकि कंपनी के मुताबिक, वैक्सीन के प्रोडक्शन, डेवलपमेंट, क्लीनिकल ट्रायल और मैन्यूफैक्चरिंग सेटअप में 500 करोड़ से ज्यादा का निवेश कंपनी ने अपनी तरफ से किया है ऐसे में 160 रुपये प्रति वैक्सीन के हिसाब से केन्द्र को देने से कंपनी के निवेश की भरपाई नहीं हो पा रही क्योंकि प्रावेट मार्केट और केन्द्र सरकार को अलग अलग कीमतों पर वैक्सीन देने के बाद भी प्रति वैक्सीन की एवरेज कीमत 250 रुपये आ रही है। अब जो वैक्सीन भारत बायोटेक बना रही है, उसका बड़ा हिस्सा केन्द्र सरकार को जाएगा ऐसे में लागत की भरपाई मुश्किल हो जाएगी। ऐसे में प्रोडक्शन कॉस्ट निकालने के लए कंपनी को प्राइवेट मार्केट की वैक्सीन का रेट बढ़ाना होगा। आपको बता दें कि राज्यों को मुफ्त वैक्सीन दिए जाने के ऐलान के बाद केन्द्र ने 30 फीसदी रकम एडवास में देकर 44 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया है जिनमें 25 करोड़ डोज कोविशील्ड और 19 करोड़ डोज कोवैक्सिन की हैं।
3- राम मंदिर पर राजनीति खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही, पहले राम मंदिर की जमीन को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज थीं, फिर उसके लिए इकट्ठा किया गया चंदा और अब जब अयोध्या में राम मंदिर बनने का काम शुरू हो गया तो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन पर विवाद जोर पकड़ रहा है। सवालों के घेरे में है श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, जिसपर विपक्षी दल जमीन खरीद को लेकर धांधली का आरोप लगा रहे हैं। इन आरोपों के बीच ट्रस्ट ने अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार और RSS को भेजी है, जिसमें ट्रस्ट ने भूमि खरीद की कीमतों पर विस्तार से सफाई देते हुए, भ्रष्टाचार के आरोपों को खाजिर किया है और इसे ट्रस्ट के खिलाफ राजनीतिक साजिश बताया है। रिपोर्ट में ट्रस्ट ने दावा किया है कि मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन प्राइम लोकेशन पर है, इसलिए उसकी कीमत ज्यादा है। ये जमीन 423 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से खरीदी गई है जो आसपास के इलाकों की जमीन के मौजूदा दाम से बहुत कम है। ये जमीन ट्रस्ट को सपा नेता सुल्तान अंसारी ने बेची है। उन्होंने ये जमीन 2011 में बबलू पाठक से खरीदी थी। ट्रस्ट ने 80 बिस्वा जमीन बबलू पाठक से खरीदी है। राम मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन का 10 साल में 4 दफा एग्रीमेंट हुआ है, बैनामा कराना बाकी है। रकम का भुगतान बैंक टू बैंक हुआ है और टैक्स में कोई धांधली नहीं हुई।
4- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने जानकारी दी है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते देशभर की सभी ऐतिहासिक स्मारकें और म्यूजियम, जो पिछले करीब 2 महीने से बंद थे, आज से पब्लिक के लिए खोले जा रहे हैं। इनमें पूरे देश में 3,693 स्मारक और 50 संग्रहालय शामिल हैं। सभी स्मारकों और म्यूजियम्स को सख्त दिशा निर्देशों के साथ खोला जा रहा है, जिनके एंट्री टिकट स्मारक स्थल पर न मिलकर ऑनलाइन लिए जा सकेंगे। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने एक ट्वीट में कहा था, संस्कृति मंत्रालय और एएसआई के सभी स्मारकों को 16 जून 2021 से विधिवत खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है। पर्यटक कोरोना नियमों का पालन करते हुए स्मारकों का भ्रमण कर सकते हैं।
5- उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया जहां मुस्मिल बुजुर्ग के जय श्रीराम न कहने पर उसकी दाढ़ी काटी गई और उसेपीटा गया। घटना का वायरल वीडियो 5 जून का बताया जा रहा है लेकिन मामला गर्माया तो सियासी सरगर्मियों ने भी जोर पकड़ा। पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मामले पर ट्वीट किया, मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर और समाज व धर्म दोनों के लए खतरनाक है। राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, प्रभु श्री राम की पहली सीख है- सत्य बोलना; जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं। सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें। वहीं गाजियाबाद पुलिस ने मामले को धार्मिक रंग देने के आरोप में 9 लोगों के ख़िलाफ मामला
दर्ज किया है, जिसमें ट्विटर के अधिकारी भी शामिल हैं।