1- श्रीराम जन्मभूमि एक बार फिर सुर्खियों में है, वजह है घोटाला। दरअसल मंदिर के लिए जमीन खरीदने में श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। पूर्व मंत्री और सपा नेता तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय और आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि ट्रस्ट द्वारा 10 मिनट पहले खरीदी गई दो करोड़ की जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18.5 करोड़ रुपये में करा लिया गया। पवन ने इससे संबंधित सभी दस्तावेज पेश करते हुए इसकी जांच CBI से कराने की मांग की है। हालांकि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्ररेति बताया है। कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने भी राम के नाम पर पैसे की लूट बताते हुए मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस जमीन को उसकी वास्तविक कीमत से कहीं कम में ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए खरीदा है। उन्होंने ज्यादा सफाई न देते हुए ये भी कहा कि हम पर आरोप लगते रहते हैं। हम पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप भी लगा था।
2- रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने G-7 समिट में अपना दूसरा संबोधन दिया। विदेश मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि डिजिटल माध्यम से सम्मेलन में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में खुले और लोकतांत्रिक समाजों को एकजुट होकर काम करने पर जोर दिया। अपने संबोधन में उनका फोकस स्वास्थ्य और कोविड 19 की वैक्सीन पर रहा। इसके अलावा उन्होंने पर्यावरण की चुनौतियों और खुली अर्थव्यवस्था पर भी बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पेरिस एग्रीमेंट के लक्ष्य को हासिल करने की राह पर भारत एकलौता G-20 देश है। साथ ही उन्होंने कोविड संक्रमितों के इलाज से संबंधित तकनीकी के लिए विश्व व्यापार संगठन में TRIPS छूट के
लिए व्यापक समर्थन की अपील भी की।
3- देश के ऐसे इलाके जहां वैक्सीन पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं, ऐसी जगहों पर वैक्सीन पहुंचाने के लिए अब ड्रोन की मदद ली जाएगी। वैक्सीन के लिए मान्य देश के हर नागरिक को कोविड 19 वैक्सीन दी जा सके इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की तरफ से एचएलएल इंफ्राटेक ने ड्रोन संचालित करने वाली कंपनियों से करार करने के लिए टेंडर जारी किया है। टेंडर की शर्तों में कहा गया है कि 4 किलोग्राम वजन उठाने की क्षमता के साथ ड्रोन की रेंज कम से कम 35 किलोमीटर तक की हो, ताकि ड्रोन तय इलाके तक सामान पहुंचा कर अपने स्टेशन पर वापस पहुंच सके और ड्रोन का वजन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के तय मानक के हिसाब से ही होना चाहिए। ये टेंडर 22 जून को खुलेगा और टेंडर पास करने वाली कंपनी के साथ 90 दिनों के लिए कॉन्ट्रेक्ट होगा। इस कॉन्ट्रेक्टर के तहत ड्रोन के जरिये मेडिकल सप्लाई नेटवर्क को स्थापित किया जाएगा, ताकि दुर्गम औऱ दूरदराज के इलाकों में वैक्सीन व दूसरी दवाओं की पहुंच संभव हो।
4- दुनिया के सबसे बड़े परिवार का खिताब हासिल करने वाले मिजोरम के गांव बकटावंग तलंगनुम के इस सबसे बड़े परिवार के मुखिया जिओना चाना नहीं रहे। 21 जुलाई 1945 को जन्मे चाना 75 साल के थे। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। जिओना चाना के परिवार में 38 पत्नियां और उनके 89 बच्चों, 14 बहुओं और 33 पोते-पोतियों सहित कुल 167 सदस्य हैं। परिवार में इतने सदस्यों की वजह से ही इस परिवार का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है। मिजोरम के बकटावंग तलंगनुम गांव में पहाड़ियों के बीच बने 100 से ज्यादा कमरों के 4 मंजिला मकान में ये परिवार बसा हुआ है, पूरी तरह आत्मनिर्भर इस परिवार के ज्यादातर सदस्य किसी ना किसी व्यापार से जुड़े हैं और परिवार की महिलाएं खेती करती हैं। इस परिवार की वजह से भी मिजोरम टूरिस्ट अट्रैक्शन बन गया है।
5- देश के सात राज्यों में इस वक्त पेट्रोल के दाम सौ रुपये के पार हैं, और राजस्थान के श्रीगंगानगर में तो डीजल भी सौ रुपये प्रति लीटर से ऊपर बिक रहा है, लेकिन आसमान छूटे तेल के दामों के टैक्स में सरकार कोई कटौती क्यों नहीं कर रही, इस पर बोलते हुए रविवार को केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर चिंता तो चाहिर की लेकिन साथ ही कहा कि, देश में कोरोना महामारी से निपटने और विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल, डीजल पर करों से अतिरिक्त पैसे की जरूरत है। इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंतित कांग्रेस, आम आदमी पर बढ़ते बोझ को कम करने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल के बिक्री कर में कटौती करे।
6- दिल्ली बॉर्डर से सटी अरावली हिल्स की खोरी बस्ती, जहां सुप्रीम कोर्ट ने 170 एकड़ जमीन पर किए गए अवैध निर्माण को हटाने के आदेश दिए हैं, इस जमीन पर साढ़े 6 हजार से ज्यादा घर बने हुए हैं जिनमें पांच स्कूल, दो फैक्ट्री, 33 धार्मिक स्थल हैं। यहां सख्त कार्रवाई के लिए नगर निगम ने 15, 16 व 17 जून की तारीख निर्धारित की है। इस काम के लिए सरकार ने एचसीएस जितेंद्र कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है जो शहरी विकास प्राधिकरण के संपदा अधिकारी हैं। जितेंद्र कुमार आज, सोमवार को खोरी बस्ती का दौरा करेंगे। प्रशासन के सख्त रुख को देखते हुए कई लोगों ने यहां से पलायन शुरु कर दिया है, लेकिन ऐसे लोगों की गिनती ज्यादा है जो अब भी अपने घरों के बचने की आस लगाए बैठे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अरावली की हिफादत को देखते हुए असरे से बसी इस बस्ती को आज तोड़े जाने की तैयारियां हो चुकी हैं, लेकिन जिनके घर टूट रहे हैं उनमें सैकड़ों ऐसे परिवार हैं जिनके पास सिर ढंकने को दूसरी कोई छत नहीं।