1- मंगलवार को केन्द्र सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन की अधिकतम कीमत तय कर दी है। प्राइवेट अस्पतालों द्वारा तय कीमत से ज्यादा रकम वसूलने पर सख्त एक्शन लिया जाएगा, इसके लिए रोजाना इनकी निगरानी भी की जाएगी। आपको बता दें कि वैक्सीन्स के तय किए गए नए रेट में कोविशील्ड 780 रुपये की लगेगी, जिसमें 600 रुपये वैक्सीन की कीमत, 150 रुपये सर्विस चार्ज और 5 प्रतिशत यानि 30 रुपये जीएसटी है। कोवैक्सीन की कीमत 1410 रुपये तय की गई है जिसमें 1200 रुपये की वैक्सीन 60 रुपये जीएसटी और 50 रुपये सर्विस चार्ज है। वहीं रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V की कीमत 1145 रुपये निर्धारित की गई है जिसमें 948 रुपये की वैक्सीन और 150 रुपये के सर्विस टैक्स के अलावा 47 रुपये जीएसटी चार्ज है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ही राज्यों को मुफ्त वैक्सीन देने की घोषणा की है और 21 जून से 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को भी फ्री वैक्सीन का फायदा मिलेगा। इस घोषणा के अगले ही दिन यानि मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने 44 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर जारी किया है और कंपनियों को ऑर्डर की 30 फीसदी रकम भी एडवांस में जारी कर दी गई है। ऑर्डर की गई वैक्सीन्स में 25 करोड़ कोवीशील्ड और 19 करोड़ कोवैक्सिन शामिल हैं।
2- संक्रमण की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद तीसरी लहर का खतरा सताने लगा है, जिसके लिए अंदेशा जताया गया है कि थर्ड वेब बच्चों के लिए घातक हो सकती है लेकिन कोरोना के हालात पर नियमित होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एक राहत भरी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि देश या दुनिया के मामलों को देखें तो अभी तक ऐसा कोई डेटा नहीं आया है कि अब बच्चों में कोविड संक्रमण गंभीर हो, ना ही अभी तक कहीं से ऐसे कोई तथ्य मिले हैं, या स्टडी सामने आई है, जिससे ये कहा जा सके कि संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा संक्रामक होगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगली लहर रोकनी है तो सभी को सावधानी बरतनी होगी। कम से कम तब तक जब तक कि ज्यादातर आबादी को वैक्सीन नहीं लग जाती। अगर सभी सावधानी बरतें तो कोरोना की अगली लहर नहीं भी आ सकती है और अगर आई भी तो उसका असर कम होगा। आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में रोजाना आ रहे संक्रमण के नए मामले लगातार कम हो रहे हैं। इसके साथ ही रिकवरी रेट 94.3 फीसदी हो गया है वहीं पॉजिटिविटी रेट भी घटा है, अब देश में एक्टिव केस 13 लाख तक पहुंच गए हैं।
3- देश में 18+वालों के वैक्सीनेशन के साथ ही बच्चों के लिए भी जल्द वैक्सीन लाने की कवायद तेज हो गई है। आपको बता दें कि अमेरिका के बाद इजराइल में 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरु कर दिया गया है और अब 12 से 15 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन लाने की तैयारी चल रही है। इसी बीच खबर है कि अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइज़र 12 साल से कम बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल की तैयारी कर रही है। जिसे लेकर फाइजर ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका, फीनलैंड, पोलैंड और स्पेन में 90 से ज्यादा क्लीनिकल साइट्स पर 4500 बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा। आपको बता दें कि यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी द्वारा और अमेरिका और कनाडा में 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन के इस्तेमाल की छूट दी जा चुकी है।
4- वाराणसी में गंगा का पानी हरा होने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है, गंगा घाटों पर रहने वाले पंडा पुजारियों का कहना है कि उन्होंने इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखा। घाट दर घाट गंगा के पानी के बदलते रंग को देख प्रशासनिक अधिकारियों की टेंशन बढ़ गई है। डीएम कौशल राज शर्मा ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है जो इस मामले की जांच कर 3 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने भी सैंपलिंग का काम भी शुरू कर दिया है ताकि ये पता लगाया जा सके कि गंगा के बदलते रंग के पीछे क्या वजह है। 2-3 हफ्ते पहले जब गंगा का पानी हरा देख गया था तो प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने कहा था कि हरे शैवाल के कारण ऐसा हो रहा है, लेकिन अब फिर से पानी का रंग बदला तो मामला गर्माया हुआ है, और कारणों की जांच शुरु हो गई है।
5- ऑक्सीजन सप्लाई रोककर मॉक ड्रिल करने वाले आगरा के पारस हॉस्पिटल को राज्य सरकार ने सीज कर दिया है। बता दें कि सुर्खियों में छाए इस अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई रोक कर की जा रही मॉक ड्रिल के दौरान 22 मरीजों की जान चली गई। ऑक्सीजन मॉक ड्रिल को लेकर अस्पताल के मालिक का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बैठक कर इस घटना पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए। संचालक के खिलाफ महामारी ऐक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि वायरल वीडियो 26 अप्रैल का बताया जा रहा है, जिसमें डॉ अरिंजय ये कहते सुने जा रहे हैं कि एक ट्रायल मार दो. मॉक ड्रिल कर के देख लो कि कौन सा मरेगा,कौन सा नहीं मरेगा ? हालांकि जिले के डीएम प्रभु नारायण सिंह ऑक्सीजन बंद होने की वजह से 22 लोगों की मौत की बात से इनकार कर रहे हैं, उनका कहना है कि इस अस्पताल में 26 अप्रैल को 4 और 27 अप्रैल 3 लोगों की मौत हुई थी लेकिन वीडियो को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए गए हैं।