1- शनिवार को देशभर में बीते 25 दिनों के सबसे कम नए संक्रमित मिले। कल देशभर में 24 घंटे में नए संक्रिमतों की संख्या 3 लाख 10 हजार 580 रही, जबकि इस दौरान 4 हजार 75 लोगों की मौत हुई। आपको बता दें कि इससे पहले 20 अप्रैल को 2 लाख 94 हजार 378 नए संक्रमित मिले थे और इसके बाद से ही संक्रमितों की संख्या में उछाल आने लगा था लेकिन 25 दिन बाद संक्रमितों की संख्या में ये गिरावट दर्ज की गई है। वहीं एक और राहत की बात ये है कि 243 घंटे में कोरोना के मात देने वालों की संख्या भी 3 लाख 62 हजार 367 रही। बात करें कोरोना के कहर से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र की तो यहां कल 34 हजार 848 नए मामले सामने आए और 960 लोगों की जान गई। महाराष्ट्र से ज्यादा संक्रमित मिले कर्नाटक में, जहां 24 घंटे में 41हजार 664 नए मामले मिले और 349 लोगों की मौत हुई। उत्तर प्रदेश और राजधानी दिल्ली में भी रोजाना आ रहे संक्रमितों की संख्या घट रही है। यूपी में कल 24 घंटे में 12 हजार 547 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई और इस दौरान 281 लोगों ने संक्रमण के चलते दम तोड़ा। राजधानी दिल्ली में शनिवार को 6 हजार 430 नए संक्रमित मिले और 337 लोगों की जान गई।
2- कोरोना की दूसरी लहर के बीच महामारी से निपटने के उपायों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रॆंसिंग के माध्यम से शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की। 4 घंटे चली इस बैठक में पीएम ने देश में कोरोना महामारी के मौजूदा हालात की समीक्षा की। गांवों में पैर पसार रही महामारी को लेकर भी पीएम ने चिंता जताते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जरूरी उपकरणों की व्यवस्था की जाए और स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर व अन्य उपकरणों को ऑपरेट करने के लिए ट्रेनिंग दी जाए। उन्होंने गांवों में डोर-टू-डोर टेस्टिंग और सर्विलांस की व्यवस्था करने और हाई पॉजिटिविटी रेट वाले इलाकों में टेस्टिंग बढ़ाने को कहा। साथ ही ग्रामीण इलाकों में ऑक्सीजन की प्रॉपर सप्लाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में पीएम ने वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तेज करने की बात पर जोर दिया साथ ही रोजोना आने वाले संक्रमण केसों पर राज्यों
से पारदर्शिता बनाए रखने की बात कही।
3- देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच म्यूकोरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस के मामले भी बढ़ रहे हैं। ब्लैक फंगस इन्फेक्सन के चलते जहां कई मरीजों की मौत हुई है, तो वहीं संक्रमित मरीजों में इस इन्फैक्शन को रोकने के लिए मरीजों की आंखें तक निकालनी पड़ रही हैं। ब्लैक फंगस इन्फैक्शन के लिए कोरोना संक्रमण तो जिम्मेदार है ही वहीं इलाज के दौरान स्टेरॉयड का दुरुपयोग भी इसके मामलों में इजाफे के लिए जिम्मेदार है। शनिवार को एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने ब्लैक फंगस के बारे में कहा कि ऐसे कोरोना संक्रमित, जो डायबटीज का शिकार है अगर उन्हें स्टेरॉयड दिया जाएगा तो ऐसे में फंगल इन्फैक्शन की संभावना भी बढ़ जाती है इसलिए स्टेरॉयड का मिसयूज कम करना होगा। उन्होंने कहा कि माइल्ड इन्फेक्शन वाले मरीजों और ऐसे लोगों को जिनका ऑक्सिजन लेवल कम नहीं है, उन्हें स्टेरॉयड देने से फायदा कम नुकसान ज्यादा है। डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि ये फंगल इंफेक्शन आंख, नाक, गला, फेफड़े पर हो सकता है। इससे आंखों की
रोशनी, नाक से ब्लड और अगर फेफड़े में पहुंच गया तो सीने में दर्द व फीवर जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यदि ऐसे लक्षण दिखाई दें तो बिना इग्नोर किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि समय पर इलाज हो सके।
4- यदि आपके पास आधार कार्ड नहीं है या आधार की ऑनलाइन वैरीफिकेशन नहीं हो पा रही तो आप परेशान न हों क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान आधार कार्ड की बाध्यता को खत्म किया है UIDAI यानि Unique Identification Authority of India या कहें भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने, यानि अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो भी आपको उस लाभ या सेवा से वंचित नहीं किया जाएगा जिसके आप पात्र हैं। शनिवार को यूआईडीएआई ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान किसी भी व्यक्ति के लिए सेवा या लाभ पाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा। वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए भी आधार न होने की स्थिति में पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकार का स्वास्थ्य बीमा कार्ड और पेंशन दस्तावेज भी मान्य होंगे। UIDAI ने ये भी कहा कि अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है या यदि किसी वजह से ऑनलाइन वैरीफिकेशन सक्सेस नहीं हो पा रहा है, तो संबंधित एजेंसी या विभाग को आधार अधिनियम, 2016 की धारा 7 और कैबिनेट सचिवालय कार्यालय दिनांक 19 दिसंबर 2017 के अनुसार आपको वो सेवा प्रदान करनी होगी।
5- योगी सरकार जहां बीते महीने तक लॉकडाउन के खिलाफ थी वहीं अब उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए एक बार फिर लॉकडाउन बढ़ाया गया है। पहले ये लॉकडाउन 17 मई तक था जो अब 24 मई तक रहेगा। इस दौरान स्कूल-कॉलेज, शिक्षा संस्थान, मॉल व बाजार आदि सब बंद रहेंगे लेकिन मेडिकल सर्विसेज, ई-कॉमर्स ऑपरेशन्स को छूट रहेगी। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक गतिविधियों को भी छूट रहेगी। कंपनी या फैक्ट्री में काम करने वाले लोग आईकार्ड दिखा कर आ जा सकेगें। आम लोग जरूरी काम के लिए पास बनवाककर आ-जा सकेंगे। वहीं मेडिकल इमरजेंसी, दूरसंचार सेवा, डाक सेवा, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, इंटरनेट मीडिया से जुड़े कर्मचारियों को ई-पास बनवाने की जरूरत नहीं है। वे अपने संस्थान का आई-कार्ड दिखाकर आ जा सकते हैं। आवश्यक सेवाओं को छूट मिलती रहेगी वहीं नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लॉकडाउन से प्रभावित हो रहे गरीब वर्ग का ध्यान रखते हुए यूपी सरकार ने श्रमिकों,
ठेलेवाले, खोमचे वालों को 1000 रुपये महीना भत्ता और तीन महीने का राशन देने की भी घोषणा की है। वहीं कोरोना से निपटने के लिए भी सरकार हर अस्पताल में बेड की संख्या दोगुनी करने पर जोर दे रही है। साथ ही मेडिकल स्टाफ बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा और लोगों को ऑक्सीजन की कमी की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए हर जिले में कम से कम एक ऑक्सीजन प्लांट और बड़े जिलों में इससे भी ज्यादा लगने शुरू हो गए हैं।
6- कोरोना महामारी के बीच भारत में इस साल का पहले चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ का खतरा कई राज्यों पर मंडरा रहा है। ‘तौकते’ का मतलब होता है ‘गेको’ जो बर्मी भाषा में एक हिंसक छिपकली की प्रजाति है। चक्रवात को ये नाम म्यांमार ने दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक ये चक्रवाती तूफान 18 मई, मंगलवार तक गुजरात तट से टकरा सकता है और तट से टकराते समय चक्रवात की रफ्तार 140 से 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है। जिसे लेकर गुजरात और दीव तटों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। तूफान के गंभीर होने की आशंका के चलते मौसम विभाग ने पश्चिमी तटीय राज्य को सतर्क किया है। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ को भी तैनात कर दिया है। तूफान को लेकर IMD ने पूरी संभावना जताई है कि 16 से 19 मई के बीच ये 150-160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ एक ‘अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान’ में तब्दील होगा। हवाओं की रफ्तार बीच-बीच में 175 किलोमीटर प्रति घंटा भी हो सकती है। महाराष्ट्र के दक्षिणी समुद्री तटों पर भी ताउते तूफान का खतरा लगातार बना हुआ है। क्योंकि मौसम विभाग के मुताबिक गुजरात के तटवर्ती क्षेत्रों से टकराने से पहले ये तूफान महाराष्ट्र के तटीय इलाके जैसे रायगढ़, सिंधुदुर्ग, मुंबई और पालघर समेत कोंकण के कुछ इलाकों को प्रभावित कर सकता है और इस दौरान यहां भी 175 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। तटीय इलाकों में संभावित खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तटीय क्षेत्रों के जिला प्रशासन, संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को सतर्क और चक्रवात को लेकर तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। इन जिलों के तटीय इलाकों में स्थित गांववालों को भी हटाया जा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि तूफान की वजह से प्री मानसून गतिविधिंया तेज होंगी जिसके चलते गुजरात, महाराष्ट्र व राजस्थान जैसे राज्यों में तेज बारिश हो सकती है।