हरिद्वार के पवित्र चंडी घाट पर 4 नवंबर को ‘गंगा उत्सव 2024’ का आयोजन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) द्वारा किया जा रहा है। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण को बढ़ावा देना, इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को उजागर करना और स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना है। इस वर्ष का उत्सव विशेष है, क्योंकि पहली बार इसे गंगा नदी के किनारे मनाया जा रहा है। गंगा बेसिन वाले राज्यों के 139 जिलों में जिला गंगा समितियों द्वारा भी इस कार्यक्रम को आयोजित किया जाएगा।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल के नेतृत्व में आयोजित हो रहे इस भव्य कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी और जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी समेत अन्य विशिष्ट अतिथि भी शामिल होंगे।
गंगा उत्सव में एक ऐतिहासिक अभियान की शुरुआत भी की जाएगी – गंगा महिला राफ्टिंग अभियान, जिसमें बीएसएफ के सहयोग से 50 दिनों तक गंगा नदी के किनारे से होते हुए राफ्टिंग की जाएगी। यह अभियान गंगा सागर पर संपन्न होगा और गंगा बेसिन के पाँच राज्यों के विभिन्न जिलों में गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
गंगा उत्सव को इस बार ‘नदी उत्सव’ के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें देश के 145 नदी शहरों का गठबंधन ‘रिवर सिटी एलायंस’ भी भाग लेगा। इस गठबंधन का उद्देश्य नदी-संवेदनशील शहरी योजना के माध्यम से स्वच्छ और सतत प्रवाहित नदियों को सुनिश्चित करना है।
इस महोत्सव के दौरान ‘गंगा संवाद’ का भी आयोजन होगा, जिसमें धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं, विशेषज्ञों और प्रमुख हस्तियों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। यह संवाद युवाओं को नदी संरक्षण से जोड़ने और जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करेगा।
साथ ही, ‘घाट पर हाट’ नामक कार्यक्रम भी होगा, जिसमें स्थानीय विभागों द्वारा नमामि गंगे पहल के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया जाएगा। बच्चों के लिए प्रश्नोत्तरी, चित्रकला प्रतियोगिता, कठपुतली शो, और नुक्कड़ नाटकों का आयोजन होगा ताकि उन्हें नदी संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सके।
इस उत्सव में गंगा के सांस्कृतिक महत्व और ऐतिहासिक धरोहर को समझाने के लिए विशेष सत्र भी होंगे। कार्यक्रम में खाद्य महोत्सव और नमामि गंगे प्रदर्शनी भी शामिल होगी, जिसमें गंगा संरक्षण के प्रति किए जा रहे विभिन्न प्रयासों को प्रदर्शित किया जाएगा।
गंगा उत्सव 2024 का यह भव्य आयोजन लोगों को गंगा नदी से जोड़ने और इसके संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।