पटना: बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी और महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष किशोर कुणाल का 28 दिसंबर 2024 को निधन हो गया। उनका निधन कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ, जिसके बाद उन्हें पटना के महावीर वत्सला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। किशोर कुणाल का योगदान न केवल पुलिस सेवा में, बल्कि समाज और धार्मिक गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण रहा है। उनके निधन से समाज को गहरी क्षति हुई है।
किशोर कुणाल का जीवन: एक प्रेरणादायक यात्रा
किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुजफ्फरपुर से ही प्राप्त की और फिर पटना विश्वविद्यालय से इतिहास और संस्कृत में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद 1972 में उन्होंने गुजरात कैडर से भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल होने का गौरव प्राप्त किया।
किशोर कुणाल ने अपने पुलिस सेवा के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे 1978 में अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त और 1983 में पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हुए। इसके बाद, 1990 से 1994 तक, उन्होंने गृह मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) के रूप में कार्य किया। एक कुशल पुलिस अधिकारी होने के साथ-साथ, वे धार्मिक कार्यों में भी सक्रिय रहे, जो उनके व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा था।
अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य
किशोर कुणाल का नाम अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में प्रमुख था। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अनगिनत प्रयास किए और इसके लिए समर्पित रहे। उनके योगदान से राम मंदिर के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। इसके अलावा, वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (BSBRT) के अध्यक्ष भी थे, जहां उन्होंने धार्मिक और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा दिया। उनके प्रयासों से जातिवाद और धार्मिक प्रथाओं में सुधार लाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए।
महावीर मंदिर और समाज सेवा
किशोर कुणाल का नाम महावीर मंदिर ट्रस्ट से भी जुड़ा हुआ था। वे महावीर मंदिर न्यास बोर्ड के अध्यक्ष थे, और इस संस्था के तहत कई सामाजिक कार्य किए गए। महावीर मंदिर ट्रस्ट न केवल धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय था, बल्कि इसके अंतर्गत कई स्कूल और एक कैंसर अस्पताल भी संचालित किया जाता है, जो लोगों की भलाई के लिए समर्पित है। इसके अलावा, किशोर कुणाल पटना के प्रसिद्ध स्कूल ज्ञान निकेतन के संस्थापक भी थे, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण नाम बन चुका है।
मध्यस्थता और सामाजिक कार्य
किशोर कुणाल को 1980 के दशक के अंत में एक और महत्वपूर्ण भूमिका में देखा गया। जब देश में बाबरी मस्जिद और राम मंदिर को लेकर विवाद गहरा गया था, तब प्रधानमंत्री वीपी सिंह के आदेश पर उन्हें विश्व हिंदू परिषद और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता करने के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किया गया। उनके इस कदम ने समाज में धार्मिक सौहार्द और शांति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
धार्मिक और जातिवादी प्रथाओं में सुधार
किशोर कुणाल ने समाज में प्रचलित धार्मिक और जातिवादी प्रथाओं में सुधार लाने की दिशा में भी काम किया। वे यह मानते थे कि समाज में बदलाव केवल आधिकारिक तौर पर नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी लाना होगा। उनके कार्यों में इस बात का स्पष्ट संदेश था कि समाज को आगे बढ़ने के लिए पारंपरिक विचारों और प्रथाओं को चुनौती देना जरूरी है।