दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) में कृषि कानूनों को लेकर दबाव बढ़ने लगा है। हरियाणा में सरकार से अलग होने की मांग जोर पकड़ रही है। उठती आवाजों के दबाव में राजनीतिक हलकों से यह संदेश आ रहे हैं कि जेजेपी सरकार से अलग होने का मन बना रही है। दुष्यंत चौटाला इस मुद्दे पर पार्टी के विधायकों के साथ बैठक भी कर चुके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार 8 दिसंबर को पार्टी विधायकों की एक बैठक बुलाई गई। बैठक में किसान आंदोलन को लेकर गंभीर सवाल उठे। दरअसल जेजेपी के कई विधायक यह महसूस कर रहे हैं कि किसान आंदोलन का विधायकों के क्षेत्र में गहरा असर दिख रहा है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में डेप्युटी सीएम दुष्यंत चौटाला पार्टी के कई विधायकों से मिले थे। पार्टी के विधायक देवेंदर बबली ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘हमारी प्राथमिकता किसान हैं। किसानों ने, हमारे हरियाणा प्रदेश के वोटर्स ने यहां भेजा है हमें। आज सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं, कल को शोषण होता है अगर किसी का तो आंख मूंद कर थोड़े ही ना देखते रहेंगे इसको।’
किसान आदोंलन को लेकर जेजेपी ने अपना रुख पहले भी साफ किया है कि वह किसानों के समर्थन में है। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पहले भी राज्य में भाजपा से समर्थन वापस लेने की बात कह चुके हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर इस खतरे को नकारते हुए कहते हैं कि राज्य में भाजपा-जेजेपी का गठबंधन मजबूत है। उन्होंने यह भी कहा कि जेजेपी के कुछ विधायक द्वारा किसानों के समर्थन में हैं लेकिन इससे सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
दुष्यंत चौटाला कुछ और ही बयां कर रहे हैं। उन्होंने साफ कह दिया है कि अगर किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग पर केंद्र सरकार ने सुनवाई नहीं की तो वह इस्तीफा दे देंगे।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अपने दादा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री का हवाला देते हुए यह भी कहा कि चौधरी देवीलाल कहा करते थे कि सरकार किसानों की बात तब सुनती है जब सरकार में उनकी भागेदारी होती है। हमारी पार्टी लगातार केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर बात कर रही है।
हालांकि मसला जो भी हो दुष्यंत चौटाला की पार्टी के कई विधायक किसान आंदोलन का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। चौटाला ने इस पर कहा कि मैं सबसे पहले किसान हूं, क्या मैं इससे इनकार कर सकता हूं।
आपको बता दें कि कृषि बिल को लेकर पहले ही शिरोमणि अकाली दल केंद्र की एनडीए सरकार से अलग हो चुका है।2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी जब बहुमत से कुछ सीटें पीछे रह गई थी, तब दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी ने बीजेपी को समर्थन देकर सरकार बनाने में सहयोग दिया था। राज्य के 90सीटों वाली विधानसभा में जेजेपी के 10 विधायक हैं।