Sweta Ranjan, New Delhi
भारत सरकार ने अपने फ्लैगशिप प्रोग्राम डिजिटल इंडिया के तहत टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। जल्द ही नागरिकों को QR कोड से लैस एक नया पैन कार्ड (PAN Card) मिलेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पैन 2.0 प्रोजेक्ट की शुरुआत की है।
इस प्रोजेक्ट के जरिए न केवल टैक्सपेयर्स की सुविधा बढ़ाई जाएगी, बल्कि पैन और टैन से जुड़ी सेवाओं में भी तकनीकी सुधार किया जाएगा।
पैन 2.0 प्रोजेक्ट: क्या है खास?
पैन 2.0 प्रोजेक्ट के तहत टैक्सपेयर्स के पैन कार्ड से संबंधित रजिस्ट्रेशन सेवाओं को पूरी तरह से रिइंजीनियर किया जाएगा। वर्तमान PAN/TAN 1.0 इको-सिस्टम को अपग्रेड कर इसके कोर और नॉन-कोर फंक्शन्स को और बेहतर बनाया जाएगा।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह एकीकृत पोर्टल होगा, जो पूरी तरह से ऑनलाइन और पेपरलेस होगा। साथ ही इसमें शिकायत निवारण प्रणाली (Grievance Redressal System) को भी प्राथमिकता दी गई है।
पैन 2.0 प्रोजेक्ट की मुख्य बातें
- QR कोड की सुविधा:
नए पैन कार्ड में QR कोड होगा, जिससे कार्ड धारक की जानकारी को सुरक्षित और तेज़ी से एक्सेस किया जा सकेगा। - नंबर वही रहेगा:
जिनके पास पहले से पैन कार्ड है, उन्हें नया नंबर लेने की जरूरत नहीं है। पुराना नंबर वैलिड रहेगा। - नया कार्ड अनिवार्य:
पुराने पैन कार्ड धारकों को नया पैन कार्ड प्राप्त करना होगा, लेकिन इसके लिए किसी नए आवेदन की जरूरत नहीं होगी। - नि:शुल्क अपग्रेड:
नए पैन कार्ड का अपग्रेडेशन फ्री होगा। नागरिकों को इसके लिए किसी भी तरह की फीस नहीं देनी होगी। - डाटा सुरक्षा:
पैन कार्ड का डेटा पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए पैन डाटा वाल्ट सिस्टम विकसित किया गया है। - 1435 करोड़ का निवेश:
इस परियोजना के लिए सरकार ने 1435 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है।
क्या मुझे नया पैन कार्ड बनवाना होगा?
जिनके पास पहले से पैन कार्ड है, उन्हें पैन नंबर बदलने की जरूरत नहीं है। हालांकि, नए पैन कार्ड की सुविधाओं का लाभ लेने के लिए पुराना पैन कार्ड बदलकर नया प्राप्त करना होगा।
कैसे मिलेगा नया पैन कार्ड?
नए पैन कार्ड के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह कार्ड फ्री ऑफ कॉस्ट डिलीवर किया जाएगा।
डिजिटल अनुभव को बढ़ाएगा पैन 2.0
पैन 2.0 प्रोजेक्ट टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा। डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल से पैन और टैन सेवाएं अधिक सहज, तेज़ और सुरक्षित बनेंगी। यह कदम न केवल डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाएगा, बल्कि नागरिकों के कर प्रणाली के अनुभव को भी आधुनिक बनाएगा।