देशभर में कल रात दिवाली का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया, लेकिन दिल्ली में इस दौरान पटाखों के कारण वायु प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। तमाम प्रतिबंधों के बावजूद रातभर हुई आतिशबाजी के कारण दिल्ली का आसमान जहरीले धुएं की परत से ढक गया, जिससे वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, राजधानी में प्रदूषण स्तर अगले कुछ दिनों में और बढ़ने की आशंका है। वहीं, एनसीआर के गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर दिल्ली से थोड़ा कम दर्ज किया गया है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में आई गिरावट
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कुछ हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 317 तक पहुंच गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। दिवाली के बाद हर साल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है, और इस बार भी इसका असर साफ देखा जा रहा है। पिछले 24 घंटे का औसत एक्यूआई 359 दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल दिवाली के दिन अनुकूल मौसम के कारण एक्यूआई 218 था। इस वर्ष प्रतिकूल मौसम, पराली जलाने और वाहनों से निकलते धुएं के चलते प्रदूषण ने और भी गंभीर रूप ले लिया है।
इन इलाकों में खूब फूटे पटाखे, नियमों की अनदेखी
रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के कुछ इलाकों में पटाखों पर लगे प्रतिबंधों की खुलेआम अनदेखी हुई। जौनपुर, पंजाबी बाग, बुराड़ी और ईस्ट ऑफ कैलाश जैसे क्षेत्रों में रातभर आतिशबाजी जारी रही, जिससे दिल्ली के प्रदूषण स्तर में खतरनाक वृद्धि हुई। हालांकि, एनसीआर के शहरों, जैसे नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में स्थिति थोड़ी बेहतर रही और वहां का एक्यूआई ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। फरीदाबाद में एक्यूआई 181 पर दर्ज हुआ, जबकि दिल्ली में औसत एक्यूआई 330 रहा, जो पिछली शाम 307 था। इस बार प्रदूषण के स्तर ने 2020 के गंभीर प्रदूषण की यादें ताजा कर दीं।