6- कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर लंबे समय से आशंकाएं बनी हुई हैं। इसे लेकर गृह मंत्रालय के एक पैनल ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को सचेत किया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (NIDM) के तहत बनाई गई कमेटी ने चेतावनी दी है कि अक्टूबर में संक्रमण पीक पर पहुंच सकता है।
कमेटी ने आशंका जताई है कि तीसरी लहर के दौरान बच्चों पर सबसे बुरा असर पड़ सकता है और इसे लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है। कमेटी ने सतर्कता बरतने की हिदायत दी है और अस्पतालों को सचेत रहने को सुझाया है । रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में बच्चों के लिए मेडिकल सुविधाएं, वेंटीलेटर, डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस, ऑक्सीजन की व्यवस्था पर काम पूरा हो जाना चाहिए। यह भी अंदेशा है कि तीसरी लहर बच्चों के साथ युवाओं के लिए भी खतरनाक होगा।
रिपेार्ट में कहा गया है कि सितंबर के अंत तक तीसरी लहर का असर हर ओर देखने को मिल जाएगा। जबकि अक्टूबर में हालात और बिगड़ जाएंगे। देश में रोजाना 5 लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ सकते हैं। कमेटी ने चेतावनी दी है कि यह हालात तकरीबन दो महीने तक बने रहेंगे। जिसके चलते कई राज्यों में लॉकडाउन की जरूरत भी आ सकती है।
बता दें कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट की कमेटी की यह रिपोर्ट ऐसे समय सामने आई है, जब देश में बच्चों के लिए वैक्सीन का सिलसिला शुरू होने जा रहा है। कमेटी ने सुझाया है कि आने वाली समस्या से निपटने के लिए जो तैयारियां हों उनमें इस बात पर भी ध्यान दिया जाये कि बच्चों के साथ उनके परिवार को कोई सदस्य भी अस्पताल में रह सके।