प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार को देश के नाम संबोधन में टीकाकरण को लेकर बड़ा ऐलान किया। पीएम मोदी ने कहा कि टीकाकरण की जिम्मेदारी पूरी तरह अब केंद्र सरकार की होगी और 21 जून से सभी के लिए भारत सरकार राज्यों को नि:शुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। पीएम मोदी की इस घोषणा को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का परिणाम बताया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि निजी अस्पतालों का 25 फीसदी कोटा जारी रहेगा, ताकि अमीर लोगों को मुश्किल ना हो, जबकि गरीबों को टीके की उपलब्धता का इंतजार करना पड़ेगा। ओवैसी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘एक और गैर-जरूरी भाषण के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद, जिसकी जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के जरिए भी दी जा सकती थी। टीका नीति को लेकर बदलाव उच्चत न्यायालय के आदेश का परिणाम जान पड़ता है। हालांकि भयानक टीका नीति का आरोप राज्यों पर मढ़ दिया गया। मोदी टीका आपूर्ति सुनिश्चित करने में नाकाम रहे।’
हैदराबाद के सांसद ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि टीका उत्पादन बढ़ाने के लिए लेकर अप्रैल तक कोई पैसा खर्च नहीं किया गया और जुलाई तक टीके की 60 करोड़ खुराक के मुकाबले देश को प्रतिमाह केवल आठ करोड़ खुराक ही मिल पाई।
How can one take pride in COWIN? What purpose does it serve? It's a lottery. Till recently it was only available in English, a language understood by a small minority. It excludes women, poor, rural Indians & majority who don’t have internet. Why stop walk-in vaccination? 6/n
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 7, 2021
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में टीका नीति को ‘मनमाना और अतार्किक’ करार देते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। न्यायालय ने सरकार से इसकी समीक्षा करने को कहा था। राज्यों और निजी अस्पतालों को 18-44 साल के लोगों से टीके के लिए शुल्क वसूलने की अनुमति देने को न्यायालय ने प्रथम दृष्टया ‘मनमाना और अतार्किक’ बताया था।