स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
72 साल के नसीरुद्दीन शाह, हिन्दी सिनेमा के एक ऐसे कलाकार, जो सकारात्मक-नकारात्मक सभी किरदारों में बखूबी ढल सकते हैं। अपने उम्दा अभिनस से सिने जगत में खास पहचान बनाने वाले नसीर के लिए इन बुदंलियों तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा। उनके जन्मदिन पर पढ़िए नसीर की जिन्दगी की कुछ खास बातें।
20 जुलाई 1949 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जन्मे नसीरुद्दीन शाह तीन भाईयों में सबसे छोटे थे। उनका परिवार आर्थिक रुप से काफी संपन्न था। पिता अली मोहम्मद एक सरकारी अधिकारी थे और चाहते थे कि नसीर भी पढ़ लिख कर सरकारी अधिकारी या डॉक्टर बनें लेकिन नसीर के सपने पिता की ख्वाहिशों के विपरीत थे, जिन्होंने उन्हें अभिनय की दुनिया में आने पर मजबूर किया और पिता की इच्छा के खिलाफ बगावत कर, नसीर निकल पड़े अभिनेता बनने।
थियेटर और इंटरनेशनल लेवल पर अपने अभियन की छाप छोड़ चुके नसीरुद्दीन की शख्सियत खुद ही अभिनय की बेहतरीन किताब जैसी है। साल 1971 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन करने के बाद नसीन ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अभिनय की पढ़ाई पूरी की और फिर फिल्मी दुनिया में अपने अभिनय का जौहर दिखाने वो अपने NSD के दोस्त और साथी ओम पुरी के साथ पहुच गए एफटीआईआई, पुणे।
अपने करियर की शुरुआत ऑफबीट सिनेमा से करने वाले नसीरुद्दीन ने साल 1975 में बिग स्क्रीन पर फिल्म निशांत से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की, फिल्म में उन्हें बहुत बड़ा रोल तो नहीं मिला था, लेकिन अपने छोटे से रोल में भी दमदार अभिनय से वो लाइम लाइट में आ गए थे। इसके बाद भूमिका, पार, जुनून, स्पर्श, आक्रोश, चक्र, बाजार, मंडी, मिर्च मसाला, इजाजत और अर्ध सत्य जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में उनके दमदार अभिनय को आज भी सराहा जाता है।
नसीरुद्दीन शाह को बॉलीवुड में असली पहचान मिली साल 1980 में आई फिल्म हम पांच से। इस फिल्म के बाद कमर्शिय़ल सिनेमा में भी उन्होंने हीरो हीरालाल, जाने भी दो यारों, कर्मा, त्रिदेव, विश्वात्मा, चमत्कार,कभी हां कभी ना, मोहरा, सरफरोश, मकबूल, ओमकारा, इश्किया, द डर्टी पिक्चर, कृष जैसी तमाम फिल्में की। जिनमें नसीर की एक्टिंग को दर्सकों ने खूब सराहा। फिल्मों के अलाना नसीर ने कई टीवी शोज भी किए हैं जिनमें मिर्जा गालिब और भारत एक खोज जैसे शोज शामिल हैं।
अभिनय की प्रतिभा के धनी नसीर को उनकी रीयल एक्टिंग के लिए कई सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है। अभिनय की बदौलत कई छोटे-बड़े अवॉर्ड अपने नाम करने वाले नसीरुद्दीनशाह को फिल्म स्पर्श, पार और इकबाल के लिए 3 नैशनल अवॉर्ड दिए गए, तो वहीं तीन फिल्म फेयर अवॉर्ड भी उन्होंने अपने नाम किए। इतना ही नहीं अभिनय जगत में अपने अहम योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार के सर्वोच्च सम्मानों में शामिल पद्म श्री और पद्म विभूषण पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि एक साथ कई फिल्मों में ओमपुरी और नसीरुद्दीन के साथ काम करने वाली शबाना आजमी ने शुरुआती दौर में नसीरुद्दीन और ओमपुरी के साथ काम करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उन्हें इनके चेहरे पसंद नहीं आए थे। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं में गिने जाने वाले नसीरुद्दीन का फिल्मी सफर जितना दिलचस्प रहा, उनकी निजी जिंदगी उतनी ही उलझनों भरी रही। 1 नंबर 1969 को नसीरुद्दीन ने पहली शादी खुद से 15 साल बड़ी मनारा सीकरी उर्फ परवीन मुराद से की। मनारा, फेमस ऐक्ट्रेस सुरेखा सीकरी की बड़ी बहन थीं। नसीर के परिवार वालों को ये शादी नागंवार थी क्योंकि मनारा पहले से शादीशुदा और एक बच्चे की मां थी। नसीन और मनारा की एक बेटी हीबा शाह है, जो सोशल वर्क में काफी एक्टिव रहती हैं।
मनारा और नसीर की शादी ज्यादा वक्त नहीं चली और साल 1972 में दोनों अलग हो गए। इसके बाद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ते हुए उनकी मुलाकात हुई खुद से 7 साल छोटी, एक्ट्रेस दीना पाठक की बेटी रत्ना पाठक से। दोनों को एक दूसरे से मोहब्बत हो गई लेकिन तलाक न हो पाने के कारण नसीर रत्ना से शादी नहीं कर सके सो दोनों लंबे वक्त तक लिवइन में रहे, फिर साल 1982 में मनारा से तलाक के बाद नसीर ने रत्ना पाठक से शादी की। रत्ना और नसीर के दो बेटे इमाद और विवान शाह हैं।
फिल्मों में अपने वास्तविक अभिनय से दर्शकों को वाह कहने पर मजबूर करने वाले नसीर को भले ही फिल्मों ने एक चमकदार पहचान दी हो, लेकिन उनका पहला प्यार आज भी थियेटर है। शायद उनके लगातार थियेटर से जुड़े रहने का ही जादू है कि वो हर किरदार में ढलने में सफल रहते हैं। उन्होंने फिल्में करने के दौरान भी थियेटर नहीं छोड़ा और अब भी वे थियेटर करते हैं। वैसे बिग स्क्रीन पर वे आखिरी बार नजर आए थे साल 2019 में आई फिल्म रामप्रसाद की तेहरवी में।