नई रिपोर्ट में भारत की आर्थिक खाई गहरी होती दिख रही है
Blume Ventures द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट ने भारत की आर्थिक असमानता को लेकर चिंता जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के बावजूद, देश में अमीर और गरीब के बीच की खाई लगातार गहरी होती जा रही है। यह रिपोर्ट इस बात को उजागर करती है कि कैसे अमीरों की संपत्ति तेजी से बढ़ रही है, जबकि गरीबों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है।
भारत की जनसंख्या और आर्थिक असमानता
भारत की कुल जनसंख्या करीब 1.4 अरब है, लेकिन लगभग 100 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिनके पास अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद भी कुछ बचत नहीं होती। Blume Ventures की रिपोर्ट के अनुसार, केवल 13 से 14 करोड़ लोग ही ऐसे हैं, जो अपनी जरूरतों से ज्यादा खर्च करने की स्थिति में हैं। वहीं, लगभग 30 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो धीरे-धीरे खर्च करने की आदत डाल रहे हैं, लेकिन उनके पास पर्याप्त पैसा नहीं है।
अमीरों की संपत्ति बढ़ रही है, संख्या नहीं
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि भारत में अमीरों की संख्या उतनी तेजी से नहीं बढ़ रही, जितनी तेजी से पहले से अमीर लोग अपनी संपत्ति बढ़ा रहे हैं। इसका सीधा असर बाजार पर देखा जा रहा है, जहां कंपनियां अब सस्ते प्रोडक्ट्स के बजाय महंगे और प्रीमियम उत्पादों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। लक्ज़री अपार्टमेंट्स और महंगे स्मार्टफोन की मांग बढ़ी है, जबकि सस्ते विकल्पों के खरीदार कम हो गए हैं।
कोविड के बाद ‘K-शेप्ड’ रिकवरी
ब्लूम वेंचर्स की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कोविड के बाद भारत की आर्थिक रिकवरी ‘K-शेप्ड’ रही है। इसका मतलब यह है कि अमीरों के लिए स्थिति बेहतर हो रही है, जबकि गरीबों की स्थिति और खराब हो गई है। इस स्थिति में अमीरों के पास राष्ट्रीय आय का बड़ा हिस्सा जा रहा है, जबकि गरीबों की आय में कमी आई है।
मध्यम वर्ग का आर्थिक संकट
मध्यम वर्ग भी इस असमानता से प्रभावित हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का मिडल क्लास महंगाई के कारण आर्थिक दबाव महसूस कर रहा है। पिछले दस सालों में, मिडल क्लास की सैलरी में महंगाई के मुकाबले कोई खास वृद्धि नहीं हुई है। इसके कारण उनकी बचत 50 सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।
अर्थव्यवस्था की असमान स्थिति
ब्लूम वेंचर्स की रिपोर्ट यह साफ करती है कि भारत में आर्थिक असमानता और बढ़ रही है। अमीर और अमीर हो रहे हैं, जबकि गरीबों की स्थिति और भी खराब हो रही है। साथ ही, मध्यम वर्ग भी आर्थिक दबाव महसूस कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस असमानता को कम करने के लिए जल्द ही उपाय किए जाने की आवश्यकता है। भारत में बढ़ती आर्थिक खाई और असमानता पर गहरी चिंता जताते हुए रिपोर्ट ने इस बात को स्पष्ट किया है कि आर्थिक सुधार की प्रक्रिया में सिर्फ कुछ ही वर्गों को फायदा हो रहा है। जबकि बाकी जनता, खासकर गरीब और मिडल क्लास की स्थिति और भी खराब हो रही है। यह रिपोर्ट सरकार और नीति निर्धारकों के लिए एक चेतावनी है कि आर्थिक असमानता को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।