देश में लोकतंत्र के त्योहार जैसा पर्व है, पांच राज्यों के चुनाव नजदीक है। वार-पलटवार की राजनीति तेज हो चली है। ऐसे में राहुल गांधी के एक बयान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कई नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया है। मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी त्रिवेंद्रम में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान राहुल गांधी ने उत्तर और दक्षिण भारत के लोगों में फर्क की बात कही। बस, यहीं से भाजपा नेताओं ने राहुल पर निशाना साधना शुरू कर दिया। (Rahul Gandhi) पर ”अवसरवादी” होने के आरोप लग रहे हैं। बीजेपी कह रही है कि राहुल ने दक्षिणी राज्य केरल (Kerala) में दिए अपने भाषण से उत्तर भारतीयों (North Indians) का अपमान किया है।
तिरुवनंतपुरम में एक सभा को संबोधित करते हुए वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा, ‘पहले 15 साल तक मैं उत्तर में एक सांसद था। मुझे एक अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी। मेरे लिए केरल आना बहुत नया था क्योंकि मुझे अचानक लगा कि यहां के लोग मुद्दों पर दिलचस्पी रखते हैं और न केवल सतही तौर पर बल्कि मुद्दों में विस्तार से जाते हैं। ‘
बता दें कि 2019 में राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद चुने गए थे। राहुल गांधी दो जगहों से चुनाव लड़े थे लेकिन उनकी पुश्तैनी सीट अमेठी में उन्हें स्मृति ईरानी ने शिकस्त मिली थी।
भाजपा ने राहुल के उत्तर और दक्षिण भारत के बयान को उत्तर भारतीयों का अनादर बतया है। नेताओं ने आरोप लगाया कि राहुल अवसरवादी हैं क्योंकि वो उनके परिवार के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश में अमेठी से कई चुनाव जीते हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘कुछ दिन पहले वह पूर्वोत्तर में थे, भारत के पश्चिम हिस्से के खिलाफ जहर उगल रहे थे। आज दक्षिण में हैं और उत्तर के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। फूट डालो और राज करो की राजनीति से काम नहीं चलता है राहुल गांधी जी। लोगों ने इस राजनीति को खारिज कर दिया है। देखिए आज गुजरात में क्या हुआ!’
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी ट्वीट कर राहुल गांधी पर निशाना साधा। स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया ‘एहसान फरामोश! इनके बारे में तो दुनिया कहती है- थोथा चना बाजे घना।’ और बात जब उत्तर भारत की आई तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भला कहा चुप रहने वाले।
योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा ‘श्रीमान राहुल जी, सनातन आस्था में तपस्थली केरल से लेकर प्रभु श्री राम की जन्मस्थली उत्तर प्रदेश तक सभी लोग आपको समझ चुके हैं। विभाजनकारी राजनीति आपका राजनीतिक संस्कार है। हम उत्तर या दक्षिण में नहीं, पूरे भारत को माता के स्वरूप में देखते हैं।’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं दक्षिण से आता हूं। मैं पश्चिमी राज्य से एक सांसद हूं। मैं उत्तर में पैदा हुआ, शिक्षित हुआ और काम किया। मैंने दुनिया के सामने पूरे भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारत एक है। किसी भी क्षेत्र को कमतर नहीं करें। हमें कभी विभाजित न करें।”
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट किया, ‘‘उन्हें देखिये। जो व्यक्ति अपनी लोकसभा सीट बचाने के लिए केरल भागा उसने उत्तर भारतीयों की बुद्धिमत्ता पर सवाल उठाया, इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने ईमानदारी से उनके परिवार को पीढ़ियों से वोट दिया है….”
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ‘‘अमेठी के लोगों ने आपके पूरे परिवार को इतने मौके दिये हैं। अगर आप अच्छे हैं तो भारत के हर हिस्से के लोग अच्छे हैं।”