Sweta Ranjan, New Delhi
संसद के शीतकालीन सत्र में चर्चा के केंद्र में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल आ गया है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने लोकसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। लोकसभा में इस विधेयक को मंगलवार, 17 दिसंबर 2024 को पेश किए जाने की संभावना है। बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को सदन में पूरे समय मौजूद रहने और सरकार के पक्ष में समर्थन देने का निर्देश दिया है।
व्हिप क्यों जारी किया गया?
बीजेपी के मुख्य सचेतक डॉ. संजय जायसवाल ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर सांसदों को सूचित किया कि कुछ “अत्यंत महत्वपूर्ण विधायी कार्य” मंगलवार को चर्चा और पारित होने के लिए लाए जाएंगे। पार्टी ने सभी सदस्यों को सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने को कहा है।
व्हिप क्या है?
व्हिप एक लिखित निर्देश है, जिसे किसी पार्टी द्वारा अपने सांसदों या विधायकों को सदन में मौजूद रहने और पार्टी लाइन का पालन करते हुए वोट करने के लिए जारी किया जाता है। इसका उद्देश्य सदस्यों को क्रॉस-वोटिंग से रोकना और पार्टी की एकजुटता बनाए रखना है।
व्हिप के प्रकार:
व्हिप तीन प्रकार का होता है:
- एक लाइन का व्हिप: इसमें सांसदों को केवल वोटिंग के समय निर्देश का पालन करने के लिए कहा जाता है।
- दो लाइन का व्हिप: सांसदों को सदन में मौजूद रहने का निर्देश देता है।
- तीन लाइन का व्हिप: यह सबसे सख्त व्हिप होता है, जिसमें सदस्य को सदन में मौजूद रहना और पार्टी लाइन का अनिवार्य रूप से पालन करना होता है।
व्हिप का पालन न करने पर परिणाम:
यदि कोई सांसद या विधायक व्हिप का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस कानून के तहत सदस्य को सदन से अयोग्य घोषित किया जा सकता है। हालांकि, यदि पार्टी के एक तिहाई सदस्य व्हिप का पालन करने से इनकार कर दें तो इसे पार्टी से टूटकर नई पार्टी बनाने की स्थिति माना जाता है।
किन परिस्थितियों में व्हिप लागू नहीं होता?
हालांकि व्हिप सदन से जुड़े मुद्दों जैसे विश्वास मत, अविश्वास मत और विधायी कार्यों पर लागू होता है, लेकिन राज्यसभा चुनावों, राष्ट्रपति चुनाव और उपराष्ट्रपति चुनाव में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। ये चुनाव संसद के बजाय चुनाव आयोग के दायरे में आते हैं।
व्हिप का ऐतिहासिक संदर्भ:
व्हिप की परंपरा ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से आई है। यह वेस्टमिंस्टर मॉडल का हिस्सा है, जिसका पालन भारत समेत कई अन्य देशों में होता है।
दुनिया के अन्य देशों में व्हिप का महत्व:
- ऑस्ट्रेलिया: वोटिंग के समय सांसदों को अनुशासित करने के लिए व्हिप का इस्तेमाल किया जाता है।
- कनाडा: व्हिप लिखित रूप में तैयार किया जाता है और सांसदों से सख्ती से इसका पालन कराया जाता है।
- आयरलैंड: यहां सरकारी व्हिप का दर्जा कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है और वह कैबिनेट बैठकों में हिस्सा लेता है।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को लेकर देश में जारी सियासी हलचल के बीच बीजेपी द्वारा व्हिप जारी करना यह दर्शाता है कि यह मुद्दा कितना अहम है। सदन में पार्टी की एकजुटता सुनिश्चित करने के लिए व्हिप का उपयोग संसदीय लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विपक्ष और अन्य राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया पर अब सबकी नजरें टिकी हुई हैं।