Sweta Ranjan, New Delhi
महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव का माहौल पूरी तरह से गरमा चुका है। दोनों राज्यों में यह चुनाव सिर्फ सत्ता के लिए नहीं, बल्कि राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई बन चुका है।
महाराष्ट्र: पहली बार चार खेमों का सीधा मुकाबला
महाराष्ट्र की राजनीति इस बार और भी जटिल हो गई है। राज्य की सभी 288 सीटों पर बुधवार को एक चरण में वोटिंग होगी। यहां का चुनाव इस बार चार खेमों के बीच बंट चुका है।
- भाजपा-शिंदे गुट (महायुति):
सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भाजपा, एकनाथ शिंदे का शिवसेना गुट और अजित पवार का राकांपा गुट एक साथ हैं। - महाविकास आघाड़ी:
विपक्षी महाविकास आघाड़ी में शरद पवार का राकांपा गुट, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस शामिल हैं।
क्या है दांव पर?
- विदर्भ: सत्ता की चाभी?
62 सीटों वाला विदर्भ क्षेत्र सत्ता के समीकरण तय कर सकता है। यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। - क्षेत्रीय दलों की साख:
राकांपा और शिवसेना के गुटों के लिए यह चुनाव सिर्फ गठबंधन का नहीं, बल्कि उनकी राजनीतिक साख का सवाल है। शरद पवार और उद्धव ठाकरे जहां खुद को मजबूत साबित करने की कोशिश में हैं, वहीं अजित पवार और एकनाथ शिंदे को भी अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी।
झारखंड: हेमंत बनाम भाजपा
झारखंड में दूसरे चरण के तहत आज 38 सीटों पर मतदान हो रहा है। यहां सीधी टक्कर भाजपा और हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झामुमो-कांग्रेस गठबंधन के बीच है।
- कांग्रेस का प्रदर्शन:
30 सीटों पर लड़ रही कांग्रेस का प्रचार झामुमो के मुकाबले फीका रहा है। अगर प्रदर्शन कमजोर रहा तो सहयोगी दल ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ सकते हैं।
एग्जिट पोल: 20 नवंबर को शाम 6:30 बजे से
भारत निर्वाचन आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, मतदान समाप्त होने के बाद ही एग्जिट पोल के नतीजे जारी किए जा सकते हैं। महाराष्ट्र और झारखंड दोनों राज्यों के लिए ये नतीजे 20 नवंबर की शाम 6:30 बजे से प्रसारित होंगे।
हालांकि, एग्जिट पोल पर पूरी तरह भरोसा करना हमेशा जोखिमभरा रहा है। यह कई बार असली परिणाम से उलट भी साबित होते हैं।
क्या कहती है राजनीति की बिसात?
महाराष्ट्र में जहां सत्ता बचाने की चुनौती है, वहीं झारखंड में भाजपा और विपक्षी गठबंधन के बीच आर-पार की लड़ाई है। इन चुनावों में नतीजे केवल सरकार ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति और गठबंधन की ताकत को भी तय करेंगे।