नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को स्वच्छ भारत अभियान की 10वीं वर्षगांठ पर एक नई पहल “मिशन अमृत” की घोषणा की। इस मिशन के तहत देश के शहरी इलाकों में जल और सीवेज उपचार संयंत्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे शहरों की स्वच्छता में सुधार लाया जा सके। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का श्रेय देशवासियों को देते हुए उनका आभार व्यक्त किया।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछले 15 दिनों में सेवा पर्व के तहत 27 लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें करोड़ों लोग शामिल हुए।” उन्होंने देश के स्थानीय अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस मिशन को हर जिले, पंचायत और मोहल्ले तक पहुंचाएं, ताकि हर गली, हर तालाब को साफ रखा जा सके। मोदी ने यह भी सुझाव दिया कि सफाई प्रतियोगिताओं का आयोजन हो, जिससे सड़कों और जलाशयों की स्वच्छता सुनिश्चित की जा सके।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि देशवासियों ने सिंगल-यूज़ प्लास्टिक के उपयोग में कमी के लिए कपड़े और कागज़ के थैलों को अपनाया। उन्होंने कहा, “मैं आभारी हूं कि लोगों ने इस कदम का समर्थन किया, यह कहकर इसका विरोध नहीं किया कि इससे नौकरियों का नुकसान होगा।” इस पहल ने न केवल प्लास्टिक उपयोग में कमी की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दिया है।
स्वच्छता के फायदे
स्वच्छ भारत अभियान के फायदों पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि एक दशक पहले 60 प्रतिशत जनसंख्या खुले में शौच जाती थी, लेकिन अब सरकार ने देशभर में 12 करोड़ शौचालयों का निर्माण कर इस समस्या का समाधान किया है। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले महिलाओं, दलितों और गरीबों के लिए गंदगी में जीवन जीना सामान्य था, लेकिन उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने इसे बदलने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिलाओं को शौच के लिए रात का इंतजार करना पड़ता था, चाहे ठंड हो या बारिश, उन्हें अंधेरा होने पर ही बाहर जाना पड़ता था। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 90 प्रतिशत महिलाओं ने माना कि घर में शौचालय होने से उन्हें सुरक्षा और सम्मान का अनुभव हुआ है।
स्वच्छता: समृद्धि और विकास की नींव
प्रधानमंत्री ने कहा कि खुले में शौच एक बड़ी समस्या थी, जिससे संक्रमण और बीमारियाँ फैलती थीं। इससे देश के विकास में भी बाधा उत्पन्न होती थी। “स्वच्छ भारत मिशन ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए देश को एक नई दिशा दी,” मोदी ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि स्कूलों में शौचालयों के निर्माण से लड़कियों की स्कूल से ड्रॉपआउट दर में कमी आई है, जिससे देश के शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव हुए हैं।
मिशन अमृत के तहत आने वाले समय में देश में शहरी क्षेत्रों की स्वच्छता को और बेहतर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जिससे न केवल स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि देश का विकास भी तेज गति से आगे बढ़ेगा।