आपने अक्सर घर के बुज़ुर्गों को यह कहते हुए सुना होगा कि धूप में बैठने से हड्डियां मजबूत होती हैं। शरीर स्वस्थ रहता है क्योंकि सूर्य की किरणों से शरीर के विटामिन डी की ज़रूरत पूरी होती है। ज्यादा नहीं महज़ 10 मिनट का भी वक्त अगर आप अपनी भागती दौड़ती ज़िंदगी से निकाल लेते हैं तो हम एक स्वस्थ शरीर की रचना कर सकते हैं। वैसे वक्त नहीं भी हो तो कई काम तो धूप में बैठ कर भी किये जा सकते हैं। पार्क, बालकनी, छच, कहीं भी। लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि हमें धूप कितनी मात्रा में लेनी चाहिए। कहीं हम जरूरत से ज्यादा तो धूप में नहीं बैठ रहे।
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हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि भारत में करीब 80 फीसदी लोगों विटामिन-डी की कमी से ग्रस्त हैं। समस्या गंभीर तब हो जाती है जब बच्चों में विटामिन डी की कमी देखने को मिलती है। इस कारण उन्हें कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। भारत में 90 फीसदी बच्चे विटामिन-डी की कमी से जूझ रहे हैं। अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो दिल्ली में 90 से 97 फीसदी स्कूली बच्चों में (6-17 वर्ष की आयु के) विटामिन-डी की कमी पाई गई है। हैरानी की बात तो यह है कि भारत दुनिया के ऐसे देशों में शामिल है, जहां सूर्य की भरपूर रोशनी आती है। इन दिनों, ’सुबह के सूरज के नीचे बैठना’ एक आम स्वास्थ्य सलाह बन गया है। “कमजोर हड्डियों, कैल्शियम की कमी और विभिन्न त्वचा और बालों की समस्या विटामिन डी की कमी से ट्रिगर होती हैं। धूप की कमी से होने वाली समस्या महामारी का रुप ले चुकी है। इससे बालों का झड़ना, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों और हड्डियों में दर्द यह इशारा करते हैं कि शरीर को धूप की जरूरत है यानि कि विटामिन डी की समस्या घर कर चुकी है।
तो चलिये पहले जानते हैं कि धूप क्यों जरूरी है।
– हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार होता है। स्वस्थ शरीर के लिए जरुरी 90 फीसदी विटामिन डी धूप से मिलता है।
– आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है। यानि कि धूप से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है और हम बीमारियों से दूर रह सकते हैं। ऐसा करने से सभी तरह के इंफेक्शन, फंगल इंफेक्शन और कई अन्य बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। धूप के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है और ब्लडप्रेशर कंट्रोल में रहता है।
– कैंसर को रोकता है
– वसा कम करने में मदद करता है। एक शोध में यह बात सामने आई है कि धूप शरीर के मेटाबोलिज़म को सुधारता है। ऐसा होने से वज़न घटाने में सहायता मिलती है। रिसर्च ये यह पता चला है कि सूर्य की रोशनी और बीएमआई के बीच ऐसा संबंध है कि यह वज़न कम करने में मददगार साबित होता है।
– छोटी हार्मोनल समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। धूप सेंकने से शरीर में मेलाटोनिन नामक हार्मोन बनता है। यह हार्मोन अनिद्रा की समस्या से छुटकारा दिलाता है।
अब यह जानना भी ज़रूरी है कि धूप में हमें कितनी देर रहना चाहिए
अगर आप ऐसे घर में रहते हैं जहां धूप की कमी है, या फिर अपार्टमेंट्स में अक्सर धूप के लिए तरसना पड़ता है। ऐसे में अगर आप हफ्ते में तीन दिन भी सुबह-सुबह 20 से 30 मिनट धूप में बैठ सकते हैं या वॉक कर सकते हैं तो यह पर्याप्त होगा। कम से कम तीन दिन भी ऐसा करने से शरीर के लिए विटामिन डी की रिक्वायर्मेंट पूरी हो जाती है। बहुत से लोगों को यह पता नहीं है कि यह केवल सुबह का सूरज है – यानी सुबह 7 से 9 बजे तक ही फायदेमंद है – यह विटामिन डी उत्पन्न करने में मदद करता है। सुबह 10 बजे के बाद, सूरज की रोशनी का संपर्क शरीर के लिए हानिकारक है।
इन बातों का ध्यान रखें
सुबह की धूप असरदार और फायदेमंद होती हैं। कोशिश करें कि किसी तरह सुबह की धूप आपके शरीर को नियमित रुप से मिल सके। दोपहर के बाद की धूप नुकसानदायक हो सकती है।
धूप जरूरी तो है लेकिन तेज़ धूप नुकासान भी पहुंचा सकती है। धूप से निकलनेवाली अल्ट्रा वायलेट किरणें त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। कई बार अत्यधिक अल्ट्रा वायलेट किरणें कैंसर का कारण भी बन जाती हैं।
धूप अच्छी और मीठी हो तो ठीक है वरना खतरनाक भी हो सकती है। पसीना आने के बाद धूप में बैठने से बचें।