हाथरस(Hathras) की निर्भया मामले को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पीड़िता के परिजनों से मिलने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी(Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी(Priyanka Gandhi) हाथरस(Hathras) जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनके काफिलों को रोका तो दोनों नेता साथ पैदल ही चल दिए. हालांकि, पुलिस ने उन्हें ग्रेटर नोएडा से आगे नहीं बढ़ने दिया और हिरासत में ले लिया. राहुल-प्रियंका भले ही हाथरस(Hathras) गैंग रेप पीड़िता के परिवार तक न पहुंच सके हों, लेकिन सड़क पर उतरकर राजनीतिक संदेश देने में जरूर सफल रहे हैं. राहुल(Rahul Gandhi) और प्रियंका(Priyanka Gandhi) के साथ जिस तरह से कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर, गले में नीला गमछा और जय भीम का नारा लगाते साथ चल रहे थे, उसके राजनीतिक मायने भी हैं. ऐसे में कांग्रेस के दोनों नेताओं ने दलित की बेटी के इंसाफ के लिए सड़क पर उतरने की पहल को यूपी के साथ-साथ बिहार के सियासी समीकरण साधने की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है. हाथरस गैंगरेप को लेकर जिस तरह की उग्र प्रतिक्रिया दलित समाज की ओर से आ रही हैं और कांग्रेस इसे लेकर आंदोलन कर रही है. ऐसे में बीजेपी की बेचैनी बढ़ गई है. राहुल(Rahul Gandhi) और प्रियंका(Priyanka Gandhi) जिस तरह से इस मुद्दे पर मुखर हैं और सड़क पर उतरे हैं, उससे बीजेपी को अब डर सताने लगा है कि अगर इस मामले की आग बिहार चुनाव तक पहुंच गई तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. वहीं, राहुल-प्रियंका की इस मुद्दे पर सक्रियता के बाद कांग्रेस इसे बिहार में चुनावी मुद्दा बनाकर दलितों को साधने की कवायद कर रही है. Bihar Election 2020, Election 2024 की कवायद के तौर पर भी देखा जा रहा है