सुर्खियों में कुछ खबरें ऐसी होती हैं जो आम होते हुए भी बहुत खास होती हैं क्योंकि उनके जनमानस की भावनाएं जुड़ी होती हैं, शायद यही वजह है कि लोग सोशल मीडिया के माध्यम से भी बहुत से जरूरतमंदों की मदद कर किसी बुझते दिए को रोशन करने में सफल हो जात हैं। ऐसी ही खबर है पांच महीने की नन्ही बच्ची तीरा की, जिसके लिए उठे मदद के हाथों ने उसके जीने की उम्मीद बढ़ा दी है और इसमें सबसे बड़ा सहयोग किया है पीएमओ ने।
दरअसल मुंबई के अंधेरी में रहने वाले एक दंपति की पांच महीने की बेटी तीरा को SMA Type 1 बीमारी है, जिसे स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी कहा जाता है, इस बीमारी में शरीर में प्रोटीन बनाने वाला जीन नहीं होता, जिसकी कमी से शरीर की मासपेशिय़ां और नर्व खत्म होने लगती हैं। ये बीमारी कई तरह की होती है SMA Type 1 सबसे गंभीर है। इस बीमारी का इलाज अमेरिका से आने वाले Zolgensma इंजेक्शन से संभव है, जिसकी कीमत है 16 करोड़ रुपये लेकिन 6 करोड़ के अतिरिक्त टैक्स के बाद इसकी कीमत 22 करोड़ रुपये है।
तीरा के पिता मिहिर कामत एक आईटी कंपनी में जॉब करते हैं जबकि मां इलेस्ट्रेटर हैं। जाहिर है एक साधारण परिवार के लिए ये काफी बड़ी रकम है, तीरा के पिता ने मदद के लिए सोशल मीडिया पर एक पेज बनाया और क्राउड फंडिंग से 3 महीने में मिहिर 16 करोड़ की राशि जुटाने में सफल हुए और बाकी की 6 करोड़ की राशि के लिए मिहिर ने 1 फरवरी को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस से मदद मांगी। बच्ची की मदद के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने PM नरेंद्र मोदी को चिट्टी लिखी। इसके बाद 9 फरवरी को कुछ ऐसा हुआ कि मिहिर कि जंदगी में उम्मीद के बड़े सूर्य का उदय हुआ, देवेन्द्र फडणवीस की चिट्टी पर संज्ञान लेते हुए पीएमओ ने 6 करोड़ रुपये यानि इंजेक्शन पर लगने वाला पूरा टैक्स माफ कर दिया और मिहिर को ईमेल कर इसकी जानकारी दी। जिसे पा कर मिहिर बेहद खुश और आशान्वित हैं।
सरकार की तरफ से दी गई ये मदद पाकर मुंबई के इस दंपत्ति को अपनी बच्ची की जिंदगी को सुरक्षित करने की एक नई उम्मीद मिली है। तीरा के माता पिता देवेन्द्र फडणवीस और प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। तीरा कामत को 13 जनवरी को मुंबई के SRCC चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। उसके एक फेफड़े ने काम करना बंद कर दिया था, इसके बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। तीरा का इलाज जारी है लेकिन ये गंभीर बीमारी उसे दिन ब दिन जकड़ रही है, जो इस 22 करोड़ के इंजेक्शन के बाद ही रुक सकती है। अब जब इंजेक्शन की राशि पूरी हो गई है तब तीरा को इस दर्द से जल्द राहत मिल सकेगी। यदि तीरा को ये इंजेक्शन नहीं लगता तो वो ज्यादा से ज्यादा 13 महीने और जिंदा रह पाती लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा दी गई इस मदद के बाद तीरा के माता-पिता को उसकी लंबी जिन्दगी की उम्मीद जगी है।
ऐसी खबरें बड़ी न होते हुए भी खास होती हैं, जिनसे हम खुब-ब-खुद जुड़ जाते हैं और ऐसी खबरें आम होकर भी खास हो जाती हैं।