लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) का गुरुवार को दिल्ली के अस्पताल में निधन हो गया है। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और हाल ही में उनकी हार्ट सर्जरी हुई थी। वे 74 वर्ष के थे। उनके बेटे चिराग पासवान ने एक ट्वीट करके पिता के निधन की जानकारी दी। चिराग ने लिखा, ”पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं. Miss you Papa”।
पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं।
Miss you Papa… pic.twitter.com/Qc9wF6Jl6Z— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 8, 2020
पासवान, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में उपभोक्ता मामलों तथा खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वो पिछले करीब एक महीने से दिल्ली के अस्पताल में भर्ती थे। एम्स में 2 अक्टूबर की रात को उनकी हार्ट सर्जरी की गई थी। यह पासवान की दूसरी हार्ट सर्जरी थी।
पांच जुलाई 1946 को खगरिया जिले के शाहरबन्नी के एक दलित परिवार में जन्मे रामविलास पासवान की गिनती बिहार ही नहीं, देश के दिग्गज नेताओं में होती थी। जेपी के दौर में वे भारतीय राजनीति में उभरे। उन्होंने 1969 में राजनीति की दुनिया में कदम रखा था। वो पिछले पांच दशक से भी ज्यादा वक्त से राजनीतिक में सक्रिय थे। इससे पहले उन्हें 1969 में ही बिहार पुलिस के डीएसपी के रूप में चुना गया था। फिलहाल वो राज्यसभा सांसद थे और केंद्रीय कैबिनेट में खाद्य आपूर्ति मंत्री थे।
रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा से जुड़े सभी अहम फैसले उनकी खराब सेहत के चलते उनके बेटे चिराग ले रहे थे। बिहार में आगामी विधान सभा चुनाव को लेकर भी चिराग ने ही लोक जनशक्ति पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया की पार्टी बिहार में एनडीए के साथ नहीं बल्कि अकेले ही अपने दम पर किस्मत आजमाएगी।