श्वेता रंजन, नई दिल्ली
कोरोना काल ने ना सिर्फ भारत के एविएशन इंडस्ट्री को भारी नुकसान पहुंचाया है बल्कि कई पायलटों की ज़िंदगी भी छीन ली है। मई महीने में एयर इंडिया के पांच पायलट जान से हाथ धो बैठे हैं। इनमें कैप्टन प्रसाद कर्माकर, कैप्टन संदीप राणा, कैप्टन अमितेश प्रसाद, कैप्टन जीपीएस गिल और कैप्टन हर्ष तिवारी हैं जिनका कोरोना के कारण निधन हो गया। 37 साल के हर्ष तिवारी Boeing 777 aircraft के फर्स्ट ऑफिसर थे।
बता दें कि वैक्सीन अभियान के तहत एयर इंडिया के विमानों की सहायता ली जा रही है। ये विमान देश के अलग-अलग हिस्सों में वैक्सीन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। ऐसे में एक महीने के अंदर पांच पायलटों के निधन से एयर इंडिया के विमान चालक घबराए हुए हैं।
पायलटों और उनके परिवार के लोगों के लिए लगातार वैक्सीनेशन की मांग की जा रही है। लेकिन अबतक एयर लाइन के चालक दल के सदस्यों और उनके परिवारों के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने पाने के कारण उनमें रोष है। खतरे को देखते हुए 4 मई को पायलट एसोसिएशन ने यह धमकी भी दी थी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वो काम पर नहीं जाएंगे। इस पर एयर इंडिया ने यह आश्वासन दिया था कि वह विमान चालन से जुड़े कर्मचारियों के वैक्सीन की व्यवस्था मई महीने के अंत तक हो जाएगी।
वैक्सीनेशन के तीन कैंपों को इसलिए बंद कर दिया गया क्योंकि वहां वैक्सीन की उपलब्धता नहीं थी. इसके बाद 15 मई से फिर से कैंप लगाए गए. एयर इंडिया पहले 45 की उम्र से अधिक वाले अपने कर्मचारियों को वैक्सीन देने में प्राथमिकता दे रही थी.
इस बात पर मंगलवार को Indian Commercial Pilots’ Association (ICPA) ने Air India के निदेशक कैप्टन आर एस संधु को एक पत्र लिख कर कहा है कि पायलटों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही हैं, पायलट क्वारंटीन हो रहे हैं और कुछ पायलटों की मौत तक हो रही है। यह स्थिति गंभीर खतरे की ओर संकेत कर रही है। यहां तक कि हमारा परिवार भी कोरोना की चपेट में आ जाते हैं। पत्र में लिखा गया है कि बंदे भारत मिशन के तहत जिन फ्लाइटों का संचालन किया जा रहा है, उन्हें सकुशल लौटाकर जब हम अपने घर लौटते हैं तो इस वायरस के परिवार में संक्रमण होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इस कठिन परिस्थिति में परिवार को सेफ रखने के लिए कंपनी की जरूरत है ताकि हम विमानों का संचालन सुचारू रूप से चला सके। इसलिए प्राथमिकता के आधार पर हमारी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।